मेरठ छात्रवृत्ति घोटाले में मदरसा प्रबंधक की गिरफ्तारी पर रोक:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने-राज्य सरकार से जवाब मांगा, आर्थिक अपराध संगठन मेरठ को तलब किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ मदरसा छात्रवृत्ति वितरण में 13 साल पहले हुए 116 छात्रों की छात्रवृति राशि 1,16,000 रुपये गबन के मामले में मदरसा खदीज तुल कुबरा लील बनात रुकनपुर के प्रबंधक शकील अहमद कश्मीरी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। साथ ही उसकी याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी एवं प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने याची शकील अहमद कश्मीरी के अधिवक्ता सुनील चौधरी व सरकारी वकील को सुनकर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार वर्ष 2010-11 में मेरठ के 116 बच्चों की छात्रवृत्ति मदरसे के खाते में भेजी गई थी, जिसे नगद वितरण कर बच्चों में वितरित किया गया था। इस अनियमितता में 99 एफआईआर अलग अलग मदरसों के विरुद्ध दर्ज कराई गई हैं। याची ने तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी मेरठ के निर्देश पर अधिकारियों की मौजूदगी में नगद छात्रवृत्ति का वितरण किया है। याची के अधिवक्ता ने बताया कि आर्थिक अपराध संगठन घटना के 14 साल बाद याची को गिरफ्तार करना चाहती है और आठ साल के बाद एफआईआर दर्ज हुई । अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि तीन करोड़ के गबन का आरोप अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मेरठ सुमन गौतम पर है। उनके विरुद्ध 99 मुकदमे दर्ज हैं। उनकी गिरफ्तारी पर भी न्यायालय ने रोक लगा रखी है व वर्तमान में वह जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहारनपुर के पद पर तैनात हैं। पिछले 13 साल से आज तक कोई भी गबन की धनराशि की वसूली नहीं हुई। याची निर्दोष है। गाजियाबाद व सहारनपुर में भी छात्रवृति नगद वितरण हुई है। सुनवाई के बाद शिक़ायतकर्ता नीतू राणा निरीक्षक ईओडब्लू मेरठ को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में राज्य सरकार सहित पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध संगठन मेरठ व अन्य को याचिका पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और याची के विरुद्ध चल रही जांच में पुलिस रिपोर्ट प्रेषित होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।

मेरठ छात्रवृत्ति घोटाले में मदरसा प्रबंधक की गिरफ्तारी पर रोक
News by indiatwoday.com
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ छात्रवृत्ति घोटाले के संदर्भ में मदरसा प्रबंधक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अदालत ने राज्य सरकार से मामले पर जवाब मांगा है और आर्थिक अपराध संगठन (EOW) मेरठ को तलब किया है। यह आदेश तब आया जब मदरसा प्रबंधक ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी। अदालत का यह फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह अनेक छात्रों के भविष्य से जुड़ा है।
छात्रवृत्ति घोटाला: एक संक्षिप्त विवरण
छात्रवृत्ति घोटाले की जांच करते समय पाया गया कि विभिन्न मदरसों में अनियमितताओं के माध्यम से छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्तियों में गड़बड़ी की गई है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब कुछ छात्रों ने रिपोर्ट किया कि उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि उनके नामों पर राशि जारी की जा रही थी। इस जांच में EOW ने कई अधिकारियों और संस्थाओं को संलग्न पाया।
आगे की प्रक्रिया
हाईकोर्ट के आदेश के बाद, राज्य सरकार को जल्दी ही अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। वहीं, आर्थिक अपराध संगठन को भी इस मामले पर अधिक जानकारी प्रदान करनी होगी। अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि उसे मदरसा प्रबंधक की गिरफ्तारी से संबंधित सभी विवरण देखने हैं ताकि उचित न्याय किया जा सके।
सम्बंधित मुद्दे
छात्रवृत्ति घोटाले के प्रभाव को व्यापक रूप से देखा जा रहा है, और यह मुद्दा सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है। छात्रों और उनके परिवारों के लिए यह न्यूज महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी शिक्षा और भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
निष्कर्ष
इस मामले का परिणाम आने वाले दिनों में छात्रों के हित में महत्वपूर्ण उथल-पुथल ला सकता है। इसलिए सभी की नजर इस घोटाले पर बनी रहेगी। उम्मीद है कि जल्द ही उच्च न्यायालय इस मामले में उचित निर्णय लेगा।
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