लक्ष्यराज ने बताया- क्यों बंद किया उदयपुर का सिटी पैलेस:आज एकलिंगजी के दर्शन करेंगे विश्वराज सिंह, चांदी की छड़ी धारण कराएंगे
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में छिड़ा विवाद अब भी जारी है। दोनों पक्षों की ओर से मंगलवार को एक-दूसरे पर आरोप लगाए गए। वहीं, कलेक्टर ने सिटी पैलेस के आसपास धारा-163 (पहले 144) लागू कर दी है। इस बीच आज पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ एकलिंगजी (भगवान शिव को समर्पित मंदिर) के दर्शन करेंगे। यह भारत के सबसे प्रचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 734 ई. में बप्पा रावल ने करवाया था। मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में जब भी राजतिलक की रस्म निभाई जाती है तो उस सदस्य को परंपरानुसार इस मदिर में दर्शन करने होते हैं। इसलिए विश्वराजसिंह मेवाड़ राजतिलक की रस्म के दो दिन बाद आज इस मंदिर में दर्शन करेंगे। विश्वराज सिंह के कंधे पर चांदी की छड़ी धारण कराई जाएगी। लक्ष्यराज बोले- धूणी ट्रस्ट के अधीन, मैनेजमेंट से नहीं ली गई परमिशन सोमवार को चित्तौड़गढ़ में विश्वराजसिंह मेवाड़ की राजतिलक की रस्म के बाद से उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में विवाद और गहरा गया है। महल में धूणी दर्शन को सोमवार देर रात तक उदयपुर के सिटी पैलेस के बाहर हिंसक झड़प हुई। प्रशासन की ओर से रिसीवर की नियुक्ति के बाद विवाद थोड़ा थमा, लेकिन धूणी दर्शन को लेकर मंगलवार को भी दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी। इस बीच मंगलवार को विश्वराजसिंह मेवाड़ और लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने बिना नाम लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए। विश्वराजसिंह ने जहां धूणी दर्शन नहीं करने देने को तानाशाही बताया। वहीं, लक्ष्यराज का कहना था कि उन पर दबाव बनाया जा रहा है और ये सब सरकार में बैठे एक व्यक्ति के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि धूणी माता मंदिर नहीं है, यह केवल धूणी है और मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के अधीन है। उन्होंने यहां दर्शन करने के लिए किसी ट्रस्टी या मैनेजमेंट से स्वीकृति नहीं मांगी थी। इसलिए उन्हें यहां प्रवेश नहीं दिया गया। बीते 2 दिन में उदयपुर के पूर्व राजपरिवार विवाद में क्या हुआ, देखें PHOTOS... उदयपुर के पूर्व राजपरिवार से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए.. उदयपुर के पूर्व राजघराने का हिंसक झगड़ा, धारा-163 लागू:लक्ष्यराज सिंह बोले- सरकार में बड़े पद पर बैठे कुछ लोग हमारे घर में घुसने का दबाव बना रहे राजस्थान के उदयपुर के पूर्व राजघराने के विवाद के बाद मंगलवार रात लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अपना पक्ष रखा। पूर्व राजपरिवार के सदस्य ने मीडिया से कहा- ये परिस्थिति मुझे साल 1984 की याद दिलाती है। सरकार में कुछ लोग पदों पर बैठे हुए हैं, तो वह अपने पद का दुरुपयोग रहे हैं। पूरी खबर पढ़िए..
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