लखनऊ के KGMU में कैंसर पीड़ित को मिला नया जीवन:आर्थराइटिस-ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थी महिला, 9 लाख का आया खर्च; फ्री में हुआ इलाज
रूमटाइड आर्थराइटिस जैसे असाध्य रोग से जूझ रही 52 साल की रीना इलाज के लिए यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU पहुंची। यहां आने के बाद ब्रेस्ट कैंसर होने की बात पता चली। पहले से इलाज के खर्चे से तंग परिवार के लिए ये बड़ा धक्का था। KGMU में इलाज शुरू करने से पहले ही रेडिएशन, कीमोथेरेपी और सर्जरी तक किए जाने की बात डॉक्टर ने कही। रीना कहती हैं कि छोटे शहरों में आज भी ब्रेस्ट कैंसर को लेकर कोई जानकारी ठीक से नहीं मिल पाती है। ये भी लोग नहीं जान पाते कि ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जरा सी भी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है। सबसे अहम बात ये है कि ब्रेस्ट कैंसर में जो गांठ होती है उसमें दर्द नहीं होता, यही कारण है कि तमाम लोग इसे इग्नोर कर देते हैं। मैंने भी ऐसा ही किया। मैमोग्राफी और बॉयोप्सी के बाद मुझे इसकी जानकारी हुई। KGMU पहुंची तो बहुत देर हो चुकी थी। जिसके चलते मुझे ब्रेस्ट रिमूवल सर्जरी करानी पड़ी। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 34वें एपिसोड में KGMU की जनरल सर्जरी विभाग की प्रोफेसर डॉ.गीतिका नंदा सिंह से बातचीत... डॉ. गीतिका नंदा सिंह कहती हैं कि रूमटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित 52 साल की महिला को अचानक से ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ। इलाज में आने वाले महंगे खर्च के चलते महिला को वापस से स्वास्थ्य होने की आस न के बराबर थी। पर चिकित्सा विश्वविद्यालय में आने पर समय से इलाज किया गया। इस दौरान बेहद महंगे ड्रग्स जिसमें 25 से 50 हजार तक के इंजेक्शन के 14 डोज लगाए गए। रेडिएशन, कीमोथेरेपी और फिर सर्जरी कर उसे कैंसर से छुटकारा दिलाया गया। राहत की बात ये रही कि 9 लाख का खर्च KGMU द्वारा ही वहन किया गया। मरीज का पूरा निशुल्क इलाज हुआ और अब मरीज पूरी तरह से स्वास्थ्य है।
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