लखनऊ के शिया कॉलेज में कानून की जानकारी दी:शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने विधिक जानकारी ली

शिया पीजी लॉ कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विधिक सहायता दिवस पर कानूनी अधिकारों की जानकारी दी गई। शिविर में कॉलेज के विधि छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। शिविर का उद्घाटन डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि गरीब और असहाय लोगों को न्याय पाने में अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से इन लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह और केस में पैरवी के लिए सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि विधिक सहायता दिवस हर साल 9 नवंबर को मनाया जाता है। जिससे समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएं मिल सकें। मुख्य अतिथि स्थानीय पार्षद लइक आगा ने महिलाओं की वर्तमान स्थिति और सशक्तिकरण पर चर्चा की। विधि के छात्रों और अधिवक्ताओं ने एफआईआर, क्रॉस एफआईआर, जीरो एफआईआर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं के अधिकारों सहित महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर विचार व्यक्त किए। शिविर के दौरान महिलाओं के संवैधानिक, विधिक और पारिवारिक अधिकारों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। विधिक सहायता केंद्र के निर्देशक डॉ. वहिद आलम ने बताया कि इस पहल की शुरुआत 1995 में हुई थी। इसका उद्देश्य समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम का संचालन ताहिर हुसैन और जकी हुसैन ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लइक आगा के साथ शाहबाब हुसैन, फैज़ बाकर, अधिवक्ता सोहराब, लारैब हसन आबिदी, अक्षत श्रीवास्तव, मजहर हुसैन, जीतू कश्यप, मो. नईम, शबीना सिद्दीकी सहित कॉलेज के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Nov 9, 2024 - 22:25
 0  501.8k
लखनऊ के शिया कॉलेज में कानून की जानकारी दी:शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने विधिक जानकारी ली
शिया पीजी लॉ कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विधिक सहायता दिवस पर कानूनी अधिकारों की जानकारी दी गई। शिविर में कॉलेज के विधि छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। शिविर का उद्घाटन डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि गरीब और असहाय लोगों को न्याय पाने में अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से इन लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह और केस में पैरवी के लिए सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि विधिक सहायता दिवस हर साल 9 नवंबर को मनाया जाता है। जिससे समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएं मिल सकें। मुख्य अतिथि स्थानीय पार्षद लइक आगा ने महिलाओं की वर्तमान स्थिति और सशक्तिकरण पर चर्चा की। विधि के छात्रों और अधिवक्ताओं ने एफआईआर, क्रॉस एफआईआर, जीरो एफआईआर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं के अधिकारों सहित महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर विचार व्यक्त किए। शिविर के दौरान महिलाओं के संवैधानिक, विधिक और पारिवारिक अधिकारों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। विधिक सहायता केंद्र के निर्देशक डॉ. वहिद आलम ने बताया कि इस पहल की शुरुआत 1995 में हुई थी। इसका उद्देश्य समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम का संचालन ताहिर हुसैन और जकी हुसैन ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लइक आगा के साथ शाहबाब हुसैन, फैज़ बाकर, अधिवक्ता सोहराब, लारैब हसन आबिदी, अक्षत श्रीवास्तव, मजहर हुसैन, जीतू कश्यप, मो. नईम, शबीना सिद्दीकी सहित कॉलेज के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow