लखनऊ में ऑटो और ई-रिक्शा को लेना होगा लाइसेंस:800 से 1000 रुपए लाइसेंस चार्ज; नहीं देने पर जुर्माना वसूलेगा नगर निगम
शहर के अंदर चल रहे टेम्पो, ऑटो और ई रिक्शा वालों को अब नगर निगम से लाइसेंस बनवाना होगा। बिना लाइसेंस शहर में चलने की अनुमति नहीं होगी। हर वार्ड के कर निरीक्षक इनके लाइसेंस की जांच करेंगे। अभी तक फ्री में लाइसेंस बनता था, लेकिन अब फीस देनी पड़ेगी। इसको लेकर नगर निगम ने नया नियम ड्राफ्ट तैयार किया है। मंगलवार को नगर निगम कार्यकारिणी में इसको रखा जाएगा। वहां से अनुमति मिलते ही इसको लागू कर दिया जाएगा। लाइसेंस न बनवाने वाले चालकों से जुर्माना वसूलने की भी तैयारी है। पहली बार पकड़े गए तो 500 जुर्माना पहली बार बगैर लाइसेंस के पकड़े जाने पर 500 रुपए का जुर्माना देना होगा। उसके बाद फिर से पकड़े जाते हैं, तो प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह जुर्माना नियम लागू होने वाली तिथि से जोड़ा जाएगा। इस बार लाइसेंस शुल्क सभी माल वाहनों पर भी लगेगा। लाइसेंस शुल्क को सख्ती से लागू कराने का जिम्मा सभी कर निरीक्षकों की होगी। इसके लिए उन्हें अलग-अलग रुट की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह होंगे लाइसेंस शुल्क 31 मार्च के बाद बनवाना होगा लाइसेंस शुल्क एक साल के लिए यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च तक मान्य होगा। इसके बाद लाइसेंस रिन्यू कराना होगा। अगर 31 मार्च तक लाइसेंस रिन्यू नहीं होता है तो रिन्यू कराने के लिए अलग से शुल्क देना होगा। यह लाइसेंस शुल्क का 20 प्रतिशत तक हो सकता है। समय से लाइसेंस रिन्यू कराने पर 10 फीसदी की छूट मिलेगी। अब तक सिर्फ पंजीकरण पर चल रही गाड़ियां नगर में ऑटो, ई-रिक्शा वाले संभागीय परिवहन कार्यालय से सिर्फ पंजीकरण कराकर नगर में चला रहे हैं। इनका व्यावसायिक प्रयोग (सवारी और माल ढोने) के लिए उन्हें कोई परमिट लेने की आवश्यकता नहीं होती। यही कारण है कि दिन-प्रतिदिन इन वाहनों की संख्या बढ़ती रही है।
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