लखनऊ में गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने वाले दरोगा का सच:एंबुलेंस ड्राइवर बोले- थाने में बैठकर खिंचवाई फोटो, हमने महिला को CHC पहुंचाया

'लखनऊ में गर्भवती की मदद के लिए दरोगा जी जो वाहवाही लूट रहे हैं, वह झूठ है। मैं खुद एंबुलेंस चलाकर रानी खेड़ा तक लाया था। यहां से दूसरी एंबुलेंस का ड्राइवर पुष्पेंद्र पटेल ने सभी को मोहनलालगंज सीएचसी पहुंचाया। दरोगा जी सिर्फ आरोपियों के बीच से गाड़ी पार कराए थे।' ये बयान उसी एंबुलेंस ड्राइवर का है, जिसके साथ मोहनलालगंज के अहमद खेड़ा गांव में दबंगों ने मंगलवार की रात मारपीट की थी। दरअसल, वह एंबुलेंस से गर्भवती को मोहनलालगंज CHC लेकर जा रहा था। इस दौरान अहमदखेड़ा में बीच रोड पर बाइक लगाकर तीन लोग शराब के नशे में खड़े थे। एंबुलेंस ड्राइवर ने साइड मांगा तो बहस की, फिर ड्राइवर के सिर पर ईंट मारकर लहूलुहान कर दिया। पहले वह पढ़ें जो दूसरी एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया... घायल ड्राइवर हंसराज का बयान आने के बाद घटना की सत्यता जानने के लिए दैनिक भास्कर ने दूसरी एंबुलेंस के ड्राइवर पुष्पेंद्र पटेल से भी बातचीत की। इस दौरान पुष्पेंद्र ने कहा- ड्राइवर पर जब गांव के लोगों ने हमला कर दिया, तब हेल्पर ने अधिकारियों को फोन किया था। इसके बाद मुझे मौके पर भेजा गया था। ड्राइवर पुष्पेंद्र ने बताया, मैं रानीखेड़ा से सभी को लेकर सीएचसी पहुंचा। भर्ती कराने के बाद थाने से फोन आया। एंबुलेंस को थाने पर लेकर आने के लिए कहा गया। एंबुलेंस लेकर सिसेंडी चौकी पहुंचा। इसके बाद इंचार्ज आशुतोष दीक्षित ड्राइवर सीट पर बैठे और वीडियोग्राफी कराई। बाद में सभी जगह वायरल किया गया। फोटो में साफ दिख रहा है कि एंबुलेंस खड़ी थी और गेट भी खुला हुआ है। ​ ​​​​​​अब वह पढ़ें जो एंबुलेंस के घायल ड्राइवर हंसराज ने बताया... दैनिक भास्कर के साथ बातचीत करते हुए दोनों ड्राइवरों ने घटना वाली रात की पूरी कहानी बताई। मारपीट में घायल हुए ड्राइवर हंसराज का कहना है कि चौकी इंचार्ज अहमदखेड़ा गांव से बाहर तक एंबुलेंस में बैठे थे। गांव पार होते ही वह उतर गए थे। बोले कि तुम एंबुलेंस चलाओ, जहां न चला पाना वहां बताना मैं चला लूंगा। रानीखेड़ा पहुंचते-पहुंचते हालत बिगड़ने लगी। इतने में पुष्पेंद्र पटेल पहुंच गए। इसके बाद हमें कुछ याद नहीं। रोड पर तीनों खड़े थे, गाड़ी हटाने के लिए कहा तो मारपीट की हंसराज ने बताया, मैं एंबुलेंस से गर्भवती को लेकर मोहनलालगंज सीएचसी जा रहा था। रास्ते में दो बाइक खड़ी थीं। सायरन बज रहा था। बाइक के पास 3 लोग खड़े थे। वह शराब के नशे में थे। डिपर दिया, लेकिन कोई हटने के लिए तैयार नहीं था। मैंने आवाज दी तो एक व्यक्ति बाइक को साइड करने लगा। सड़क संकरी होने के कारण एंबुलेंस नहीं निकल पा रही थी। थोड़ा और साइड करने के लिए कहा तो दूसरा व्यक्ति मेरे पास आया और वह बहस करने लगा। पहले मुझे मुक्का मारा फिर कॉलर पकड़कर खींच लिया। इतने में तीसरे ने सिर पर ईंट मार दी। मैं लहूलुहान हो गया। शोर सुनकर उसके घरवाले भी आ गए। बीच-बचाव कर रहे हेल्पर के पैर में रॉड मार दी। उसी इलाके में सीएचसी से अटैच आशा बहू सुमन लता का घर है। अंधेरे का फायदा उठाकर मैं भागा। सुमन लता के घर पहुंचा और गेट खटखटाया। लहूलुहान देख उसके घर वाले हैरान रह गए। उन्होंने मुझे बचाया। बाद में जब पुलिस आई तो मेरे बारे में पूछा। तब हेल्पर ने मुझे कॉल किया। इसके बाद गांव से बाहर निकाला गया। वो बोल रहा था- एंबुलेंस में आग लगा दो प्रसूता सुमन के पति बाबूलाल ने कहा कि गाड़ी के कांच चारों तरफ से बंद थे। बाहर क्या हो रहा था कुछ दिख नहीं रहा था। गाली की आवाज आ रही थी। मैं कांच खोलकर मदद की गुहार लगा रहा था। वो सभी नशे में थे। अगर आशा बहू सुमन लता का घर पास में न होता तो छत्रपाल सबको मार डालता। छत्रपाल एंबुलेंस को भी आग के हवाले करने की बात कह रहा था। चौकी इंचार्ज बोले- फोटो खिंचवाने की बात गलत सिसेंडी चौकी प्रभारी आशुतोष दीक्षित ने कहा, मौके से गाड़ी को चलाकर आगे बढ़े थे। तभी एंबुलेंस के अन्य चालक को भी सूचना दे दी गई। एंबुलेंस उत्तर गांव की पुलिया के पास पहुंची थी तभी दूसरा ड्राइवर आ गया। जिसे गाड़ी दे दी गई। चूंकि घटना के वक्त काफी भीड़ हो गई थी, जो पीछे-पीछे आ रही थी उसे भी कंट्रोल करना था। बाकी फोटो खिंचवाने की बात गलत है। चार आरोपी गिरफ्तार एक अभी भी फरार मामले में एंबुलेंस ड्राइवर ने मंगलवार की रात पुलिस को तहरीर दी। बुधवार के दिन पुलिस ने (191/2,115/2, 309/4) की धारा में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मुख्य आरोपी छत्रपाल की गिरफ्तारी हुई। बाद में दीपू, मोती और मुलायम को भी गिरफ्तार किया गया। एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है।

Nov 8, 2024 - 08:00
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लखनऊ में गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने वाले दरोगा का सच:एंबुलेंस ड्राइवर बोले- थाने में बैठकर खिंचवाई फोटो, हमने महिला को CHC पहुंचाया
'लखनऊ में गर्भवती की मदद के लिए दरोगा जी जो वाहवाही लूट रहे हैं, वह झूठ है। मैं खुद एंबुलेंस चलाकर रानी खेड़ा तक लाया था। यहां से दूसरी एंबुलेंस का ड्राइवर पुष्पेंद्र पटेल ने सभी को मोहनलालगंज सीएचसी पहुंचाया। दरोगा जी सिर्फ आरोपियों के बीच से गाड़ी पार कराए थे।' ये बयान उसी एंबुलेंस ड्राइवर का है, जिसके साथ मोहनलालगंज के अहमद खेड़ा गांव में दबंगों ने मंगलवार की रात मारपीट की थी। दरअसल, वह एंबुलेंस से गर्भवती को मोहनलालगंज CHC लेकर जा रहा था। इस दौरान अहमदखेड़ा में बीच रोड पर बाइक लगाकर तीन लोग शराब के नशे में खड़े थे। एंबुलेंस ड्राइवर ने साइड मांगा तो बहस की, फिर ड्राइवर के सिर पर ईंट मारकर लहूलुहान कर दिया। पहले वह पढ़ें जो दूसरी एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया... घायल ड्राइवर हंसराज का बयान आने के बाद घटना की सत्यता जानने के लिए दैनिक भास्कर ने दूसरी एंबुलेंस के ड्राइवर पुष्पेंद्र पटेल से भी बातचीत की। इस दौरान पुष्पेंद्र ने कहा- ड्राइवर पर जब गांव के लोगों ने हमला कर दिया, तब हेल्पर ने अधिकारियों को फोन किया था। इसके बाद मुझे मौके पर भेजा गया था। ड्राइवर पुष्पेंद्र ने बताया, मैं रानीखेड़ा से सभी को लेकर सीएचसी पहुंचा। भर्ती कराने के बाद थाने से फोन आया। एंबुलेंस को थाने पर लेकर आने के लिए कहा गया। एंबुलेंस लेकर सिसेंडी चौकी पहुंचा। इसके बाद इंचार्ज आशुतोष दीक्षित ड्राइवर सीट पर बैठे और वीडियोग्राफी कराई। बाद में सभी जगह वायरल किया गया। फोटो में साफ दिख रहा है कि एंबुलेंस खड़ी थी और गेट भी खुला हुआ है। ​ ​​​​​​अब वह पढ़ें जो एंबुलेंस के घायल ड्राइवर हंसराज ने बताया... दैनिक भास्कर के साथ बातचीत करते हुए दोनों ड्राइवरों ने घटना वाली रात की पूरी कहानी बताई। मारपीट में घायल हुए ड्राइवर हंसराज का कहना है कि चौकी इंचार्ज अहमदखेड़ा गांव से बाहर तक एंबुलेंस में बैठे थे। गांव पार होते ही वह उतर गए थे। बोले कि तुम एंबुलेंस चलाओ, जहां न चला पाना वहां बताना मैं चला लूंगा। रानीखेड़ा पहुंचते-पहुंचते हालत बिगड़ने लगी। इतने में पुष्पेंद्र पटेल पहुंच गए। इसके बाद हमें कुछ याद नहीं। रोड पर तीनों खड़े थे, गाड़ी हटाने के लिए कहा तो मारपीट की हंसराज ने बताया, मैं एंबुलेंस से गर्भवती को लेकर मोहनलालगंज सीएचसी जा रहा था। रास्ते में दो बाइक खड़ी थीं। सायरन बज रहा था। बाइक के पास 3 लोग खड़े थे। वह शराब के नशे में थे। डिपर दिया, लेकिन कोई हटने के लिए तैयार नहीं था। मैंने आवाज दी तो एक व्यक्ति बाइक को साइड करने लगा। सड़क संकरी होने के कारण एंबुलेंस नहीं निकल पा रही थी। थोड़ा और साइड करने के लिए कहा तो दूसरा व्यक्ति मेरे पास आया और वह बहस करने लगा। पहले मुझे मुक्का मारा फिर कॉलर पकड़कर खींच लिया। इतने में तीसरे ने सिर पर ईंट मार दी। मैं लहूलुहान हो गया। शोर सुनकर उसके घरवाले भी आ गए। बीच-बचाव कर रहे हेल्पर के पैर में रॉड मार दी। उसी इलाके में सीएचसी से अटैच आशा बहू सुमन लता का घर है। अंधेरे का फायदा उठाकर मैं भागा। सुमन लता के घर पहुंचा और गेट खटखटाया। लहूलुहान देख उसके घर वाले हैरान रह गए। उन्होंने मुझे बचाया। बाद में जब पुलिस आई तो मेरे बारे में पूछा। तब हेल्पर ने मुझे कॉल किया। इसके बाद गांव से बाहर निकाला गया। वो बोल रहा था- एंबुलेंस में आग लगा दो प्रसूता सुमन के पति बाबूलाल ने कहा कि गाड़ी के कांच चारों तरफ से बंद थे। बाहर क्या हो रहा था कुछ दिख नहीं रहा था। गाली की आवाज आ रही थी। मैं कांच खोलकर मदद की गुहार लगा रहा था। वो सभी नशे में थे। अगर आशा बहू सुमन लता का घर पास में न होता तो छत्रपाल सबको मार डालता। छत्रपाल एंबुलेंस को भी आग के हवाले करने की बात कह रहा था। चौकी इंचार्ज बोले- फोटो खिंचवाने की बात गलत सिसेंडी चौकी प्रभारी आशुतोष दीक्षित ने कहा, मौके से गाड़ी को चलाकर आगे बढ़े थे। तभी एंबुलेंस के अन्य चालक को भी सूचना दे दी गई। एंबुलेंस उत्तर गांव की पुलिया के पास पहुंची थी तभी दूसरा ड्राइवर आ गया। जिसे गाड़ी दे दी गई। चूंकि घटना के वक्त काफी भीड़ हो गई थी, जो पीछे-पीछे आ रही थी उसे भी कंट्रोल करना था। बाकी फोटो खिंचवाने की बात गलत है। चार आरोपी गिरफ्तार एक अभी भी फरार मामले में एंबुलेंस ड्राइवर ने मंगलवार की रात पुलिस को तहरीर दी। बुधवार के दिन पुलिस ने (191/2,115/2, 309/4) की धारा में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मुख्य आरोपी छत्रपाल की गिरफ्तारी हुई। बाद में दीपू, मोती और मुलायम को भी गिरफ्तार किया गया। एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है।

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