लखनऊ में जीना इसी का नाम है का नाट्य मंचन:समाज को सकारात्मक सोच का संदेश, कठिनाइयों से लड़ने की प्रेरणा दी
लखनऊ के गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में जीना इसी का नाम है नाटक का मंचन हुआ। यह नाटक अवसाद और निराशा से घिरे समाज में जीवन के प्रति सकारात्मक सोच और जिंदा दिली का बेहतरीन उदाहरण पेश करता है। नाटक का निर्देशन चंद्रभाष सिंह ने किया। समाज को सकारात्मक सोच का दिया संदेश नाटक उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो छोटी-छोटी समस्याओं के कारण जीवन से हार मानकर आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं। नाटक में कांताबाई नाम की महिला दृष्टिहीनों के लिए एक क्लब चलाती हैं। यहां लोग अपने दुखों को हल्के-फुल्के तरीके से साझा करते हैं। क्लब के सदस्य एक-दूसरे के साथ मजाक करते हैं। कहते हैं कि भगवान भैरवनाथ को बलि देने से उनकी दृष्टिहीनता दूर हो जाएगी। ऐसे मजाक से क्लब का माहौल हल्का और रोमांचक बना रहता है। कलाकारों के बेहतरीन अभिनय को सराहा नाटक के सभी कलाकारों का अभिनय बेहद शानदार था। मंच पर निहारिका कश्यप, जूही कुमारी, चंद्रभाष सिंह, गिरिराज किशोर शर्मा, अभय प्रताप सिंह, किशन वर्मा मुख्य भूमिका निभाई। नाटक में सहयोगी कलाकारों में कोमल प्रजापति, कृष्ण कुमार पाण्डेय, आर्यन साहू, अग्नि सिंह, रवि मिश्रा, अंशुल पाल और करन दीक्षित ने भाग लिया।
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