लखनऊ में हसन नसरुल्लाह की याद में मजलिस पढ़ी गई:मौलाना यासूब बोले-पीएम मोदी ईरान का साथ दें, इजराइल बेगुनाहों का खून बहा रहा है

लखनऊ के छोटे इमामबाड़ा में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह के नाम से मजलिस का आयोजन किया गया। मौत के 38 दिन बाद हैदरी टास्क फोर्स के द्वारा आयोजित मजलिस में आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास समेत बड़ी संख्या में शिया धर्म गुरु और शिया समुदाय के लोग शामिल हुए। मजलिस में आए हुए उलमा ने हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें शहीद बताया। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हसन नसरुल्लाह की मौत का पूरे विश्व के शिया समुदाय को अफसोस है। हम लोग लगातार विरोध कर रहे हैं । आज उनके चालीसवें की मजलिस करके ये बताना उद्देश्य है कि वो शहीद हुए है। इसराइल ने उन्हें धोखे से मारा था , सीधे तौर पर आतंकी हमला था। लोगों को हम बताना चाहते हैं कि असली आतंकवादी हसन नसरुल्ला, हिज्बुल्लाह नहीं है बल्कि इजराइल है , जिसके पीछे अमेरिका खड़ा है। 'पीएम मोदी से ईरान का साथ देने की अपील' इजराइल पूरी तरीके से आतंकवाद को हवा दे रहा है इजराइल और उसका साथ देने वाला अमेरिका छोटे बच्चों को निशाना बना रहे हैं , अस्पतालों और पब्लिक प्लेस पर हमला कर रहा है। हसन नसरुल्लाह की मौत के मामले में यूनाइटेड नेशन की भूमिका अच्छी नहीं रही है। इस आतंकी हमले का UNO ने विरोध नहीं किया। एक बेगुनाह लीडर की मौत पर लोगों की खामोशियां बताती है कि इंसानियत मर चुकी है । इजरायल सैंडकों बेगुनाहों का खून बहा रहा है जिसकी हम निंदा करते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम मांग करते हैं कि ईरान का साथ दें। भारत देश के ईरान से हमेशा अच्छे रिश्ते रहे हैं उसे और मजबूत करना चाहिए। 'इजराइल ने इंसानियत का खून बहाया' मौलाना ने कहा कि इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। इस्लाम में एक निर्दोष व्यक्ति को मारना पूरी इंसानियत की हत्या मानी जाती है। एक निर्दोष को बचाना पूरी मानवता को बचाने जैसा है। हम लोग इमाम हुसैन और महात्मा गांधी के मानने वाले हैं। इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान से शांति का संदेश दिया था। शिया समुदाय हमेशा हसन नसरुल्लाह की शहादत को याद रखेगा और इजराइल का विरोध करेंगे।

Nov 2, 2024 - 22:05
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लखनऊ में हसन नसरुल्लाह की याद में मजलिस पढ़ी गई:मौलाना यासूब बोले-पीएम मोदी ईरान का साथ दें, इजराइल बेगुनाहों का खून बहा रहा है
लखनऊ के छोटे इमामबाड़ा में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह के नाम से मजलिस का आयोजन किया गया। मौत के 38 दिन बाद हैदरी टास्क फोर्स के द्वारा आयोजित मजलिस में आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास समेत बड़ी संख्या में शिया धर्म गुरु और शिया समुदाय के लोग शामिल हुए। मजलिस में आए हुए उलमा ने हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें शहीद बताया। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हसन नसरुल्लाह की मौत का पूरे विश्व के शिया समुदाय को अफसोस है। हम लोग लगातार विरोध कर रहे हैं । आज उनके चालीसवें की मजलिस करके ये बताना उद्देश्य है कि वो शहीद हुए है। इसराइल ने उन्हें धोखे से मारा था , सीधे तौर पर आतंकी हमला था। लोगों को हम बताना चाहते हैं कि असली आतंकवादी हसन नसरुल्ला, हिज्बुल्लाह नहीं है बल्कि इजराइल है , जिसके पीछे अमेरिका खड़ा है। 'पीएम मोदी से ईरान का साथ देने की अपील' इजराइल पूरी तरीके से आतंकवाद को हवा दे रहा है इजराइल और उसका साथ देने वाला अमेरिका छोटे बच्चों को निशाना बना रहे हैं , अस्पतालों और पब्लिक प्लेस पर हमला कर रहा है। हसन नसरुल्लाह की मौत के मामले में यूनाइटेड नेशन की भूमिका अच्छी नहीं रही है। इस आतंकी हमले का UNO ने विरोध नहीं किया। एक बेगुनाह लीडर की मौत पर लोगों की खामोशियां बताती है कि इंसानियत मर चुकी है । इजरायल सैंडकों बेगुनाहों का खून बहा रहा है जिसकी हम निंदा करते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम मांग करते हैं कि ईरान का साथ दें। भारत देश के ईरान से हमेशा अच्छे रिश्ते रहे हैं उसे और मजबूत करना चाहिए। 'इजराइल ने इंसानियत का खून बहाया' मौलाना ने कहा कि इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। इस्लाम में एक निर्दोष व्यक्ति को मारना पूरी इंसानियत की हत्या मानी जाती है। एक निर्दोष को बचाना पूरी मानवता को बचाने जैसा है। हम लोग इमाम हुसैन और महात्मा गांधी के मानने वाले हैं। इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान से शांति का संदेश दिया था। शिया समुदाय हमेशा हसन नसरुल्लाह की शहादत को याद रखेगा और इजराइल का विरोध करेंगे।

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