लगातार बारिश से केदारनाथ पैदल मार्ग बना चुनौतीपूर्ण, मुनकटिया के पास मार्ग अवरुद्ध
रुद्रप्रयाग : मानसून की दस्तक के साथ लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों को इन दिनों अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है। सोनप्रयाग से मुनकटिया स्लाइडिंग जोन होते हुए श्रद्धालुगण गौरीकुंड तक पैदल यात्रा कर रहे हैं, जिससे उनकी कुल पैदल दूरी लगभग 24 किलोमीटर हो गई है। पुलिस-प्रशासन के …

लगातार बारिश से केदारनाथ पैदल मार्ग बना चुनौतीपूर्ण, मुनकटिया के पास मार्ग अवरुद्ध
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रुद्रप्रयाग : मानसून की दस्तक के साथ लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों को इन दिनों अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है। सोनप्रयाग से मुनकटिया स्लाइडिंग जोन होते हुए श्रद्धालुगण गौरीकुंड तक पैदल यात्रा कर रहे हैं, जिससे उनकी कुल पैदल दूरी लगभग 24 किलोमीटर हो गई है। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने यात्रियों से महत्वपूर्ण उपाय अपनाने की अपील की है।
मुनकटिया में मार्ग अवरुद्ध
पुलिस-प्रशासन के अनुसार, गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का पारंपरिक पैदल मार्ग भी लगातार हो रही बारिश के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। विशेषकर मुनकटिया क्षेत्र में रात्रि में हुई वर्षा के बाद से भारी मलबा और पत्थर आने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया था, जिसे बाद में खोल दिया गया। हालांकि, यहां खतरा अब भी बना हुआ है। मौसम की unpredictability ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
यात्रियों को दी गई सलाह
इस कठिन परिस्थिति के बीच भी श्रद्धालु लगभग 24 किलोमीटर लंबा पैदल ट्रैक तय कर बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। यात्रा मार्ग में फिसलन, कीचड़ और अचानक भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे मौसम पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए यात्रा की योजना बनाएं। इसे ध्यान में रखते हुए, यात्रियों को उपयुक्त वर्षा सुरक्षा सामग्री, ट्रैकिंग जूते एवं आवश्यक दवाइयों के साथ ही निकलने की सलाह दी गई है।
पुलिस और प्रशासन का ध्यान
मौके पर तैनात पुलिस व प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। अधिकारीयों का कहना है कि यदि कोई यात्रा अत्यधिक खराब मौसम में तय करने का सोचे, तो उसे तुरंत रोक दिया जाए। यात्रियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे ट्रैक पर यात्रा शुरू करने से पहले सभी सुरक्षा उपायों का पालन करें और अपने आसपास के मौसम का ध्यान रखें।
यात्रियों की संख्या में वृद्धि
खराब मौसम के बावजूद, यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि धार्मिक आस्था कितनी गहरी है, और लोग किस हद तक यात्रा करने को तैयार हैं। प्रशासन को भी इस बात का ख्याल रखना होगा और यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए।
सुरक्षा उपायों का महत्व
विशेषज्ञों का मत है कि पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण है। तीर्थयात्रियों को चाहिए कि वे अकेले यात्रा न करें और हमेशा किसी समूह के साथ रहें। मौसम की गतिविधियों पर नजर रखकर निर्णय लें और यदि स्थिति असुरक्षित हो तो अपने वापसी की योजना बना लें।
अंत में, बार-बार मौसम की गंभीरता को देखते हुए, हमें एक जिम्मेदार और समझदारी भरा दृष्टिकोण अपनाना होगा। भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए हमें चुनौतियों का सामना करके तैयार रहना होगा।
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