वाराणसी में मनाया गया संविधान दिवस:छात्र-छात्राओं को दी गई भारतीय संविधान की जानकारी‌,BHU-VC बोले - संविधान में शिक्षा पर है विशेष ज़ोर

26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत का संविधान अंगीकृत किया गया। संविधान सभा के कुल 299 सदस्यों में BHU से जुड़े कुल 89 लोग (पूर्व छात्र, प्रोफेसर और कुलपति) शामिल थे। BHU से जुड़े ये सदस्य देश के विभिन्न प्रांतों से थे। संविधान सभा में शामिल रहे हृदय नाथ कुंजरू ने तो 1968 में भारत रत्न लेने से इंकार कर दिया था। आज,काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संविधान दिवस मनाया गया। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि संविधान दिवस पर ली गई शपथ को अपने दैनिक जीवन और कामकाज में उतारना संविधान के प्रति सच्चा सम्मान व प्रतिबद्धता होगी। कुलपति केन्द्रीय कार्यालय में भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कुलपति की अगुवाई में विश्वविद्यालय के सदस्यों ने संविधानिक मूल्यों व सिद्धांतों की रक्षा की शपथ ली। संविधान में शिक्षा पर है विशेष जोर : कुलपति भारतीय संविधान के निर्माण में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय समुदाय के सदस्यों के योगदान का उल्लेख करते हुए कुलपति ने कहा कि बीएचयू के सदस्यों के रूप में हमें यह विशिष्ट गौरव प्राप्त है कि हमारे दो पूर्व कुलपति भी संविधान निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा थे। अपने संबोधन में कुलपति ने कहा कि भारतीय संविधान में शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया गया है। इसी प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी विशेष रूप से संविधान के मूल्यों का उल्लेख करती है। यह रेखांकित करता है कि एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमारी भारतीय संविधान के प्रति अत्यंत महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर छात्रों ने मनाया संविधान दिवस काशी बौद्धिक मंच द्वारा संविधान दिवस का कार्यक्रम सिंहद्वार पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित किया गया। कार्यक्रम में संविधान की उद्देशिका का वाचन कर उसमें इंगित उद्देश्यों का शपथ लिया गया और सभी छात्रों और नागरिकों ने संकल्प लिया कि संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा, निष्ठा और कर्तव्यबोध का निर्वहन सतत करते रहेंगे और अपनी मूल दायित्वों का भी निर्वहन करते रहेंगे। कार्यक्रम में क्षेमेन्द्र मिश्रा ने कहा - आज का दिन भारतीय इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। 26 नवंबर की ऐतिहासिक तारीख को सन 1949 में भारत की संविधान समिति की तरफ से भारत के संविधान को स्वीकार किया गया था। लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को प्रभावी रूप से लागू किया जा सका।

Nov 26, 2024 - 15:40
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वाराणसी में मनाया गया संविधान दिवस:छात्र-छात्राओं को दी गई भारतीय संविधान की जानकारी‌,BHU-VC बोले - संविधान में शिक्षा पर है विशेष ज़ोर
26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत का संविधान अंगीकृत किया गया। संविधान सभा के कुल 299 सदस्यों में BHU से जुड़े कुल 89 लोग (पूर्व छात्र, प्रोफेसर और कुलपति) शामिल थे। BHU से जुड़े ये सदस्य देश के विभिन्न प्रांतों से थे। संविधान सभा में शामिल रहे हृदय नाथ कुंजरू ने तो 1968 में भारत रत्न लेने से इंकार कर दिया था। आज,काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संविधान दिवस मनाया गया। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि संविधान दिवस पर ली गई शपथ को अपने दैनिक जीवन और कामकाज में उतारना संविधान के प्रति सच्चा सम्मान व प्रतिबद्धता होगी। कुलपति केन्द्रीय कार्यालय में भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कुलपति की अगुवाई में विश्वविद्यालय के सदस्यों ने संविधानिक मूल्यों व सिद्धांतों की रक्षा की शपथ ली। संविधान में शिक्षा पर है विशेष जोर : कुलपति भारतीय संविधान के निर्माण में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय समुदाय के सदस्यों के योगदान का उल्लेख करते हुए कुलपति ने कहा कि बीएचयू के सदस्यों के रूप में हमें यह विशिष्ट गौरव प्राप्त है कि हमारे दो पूर्व कुलपति भी संविधान निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा थे। अपने संबोधन में कुलपति ने कहा कि भारतीय संविधान में शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया गया है। इसी प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी विशेष रूप से संविधान के मूल्यों का उल्लेख करती है। यह रेखांकित करता है कि एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमारी भारतीय संविधान के प्रति अत्यंत महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर छात्रों ने मनाया संविधान दिवस काशी बौद्धिक मंच द्वारा संविधान दिवस का कार्यक्रम सिंहद्वार पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित किया गया। कार्यक्रम में संविधान की उद्देशिका का वाचन कर उसमें इंगित उद्देश्यों का शपथ लिया गया और सभी छात्रों और नागरिकों ने संकल्प लिया कि संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा, निष्ठा और कर्तव्यबोध का निर्वहन सतत करते रहेंगे और अपनी मूल दायित्वों का भी निर्वहन करते रहेंगे। कार्यक्रम में क्षेमेन्द्र मिश्रा ने कहा - आज का दिन भारतीय इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। 26 नवंबर की ऐतिहासिक तारीख को सन 1949 में भारत की संविधान समिति की तरफ से भारत के संविधान को स्वीकार किया गया था। लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को प्रभावी रूप से लागू किया जा सका।

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