वाराणसी में माटीकला मेले का हुआ आयोजन:5 जनपद के 20 स्टाल पर मिलेगा माटी के बर्तन, महिलाओं की दिखी भागेदारी

वाराणसी के संकुल मैदान में हस्त उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें स्थानीय उत्पादों का संग्रह दिखाई दिया। मिट्टी के दीपक और अन्य उत्पाद इस प्रदर्शनी की शान बढ़ाते नजर आए। आपको बता दें कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से जमीनी उत्पाद को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य है और यहां मौजूद बेटियों ने इस प्रदर्शनी में अहम भूमिका अदा की लिहाजा महिला सशक्तिकरण का उदाहरण भी पेश किया गया। मेले में लगा है 20 स्टाल माटीकला मेला में कुल 20 स्टाल लगा है। माटीकला मेला में जनपद-वाराणसी के अतिरिक्त जनपद-चन्दौली, गाजीपुर, गोरखपुर, चुनार मिर्जापुर के माटीकला करीगरों के द्वारा अपने उत्पादों माटी के खिलौने, कुल्हड, थाली, गिलास, दीया मूर्तियों के स्टाल लगे हुए है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए किया गया आयोजन MLC धर्मेंद्र राय ने कहा कि माटीकला मेला का मुख्य उद्देश्य मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों एवं शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि करने, कलाकारों की परम्परागत कला को संरक्षित उनकी समाजिक सुरक्षा, अर्थिक सुदृढ़ता एवं तकनीकी विकास को बढ़ावा देने एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने तथा अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने एवं प्रोत्साहित किया जाना है।

Oct 24, 2024 - 22:05
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वाराणसी में माटीकला मेले का हुआ आयोजन:5 जनपद के 20 स्टाल पर मिलेगा माटी के बर्तन, महिलाओं की दिखी भागेदारी
वाराणसी के संकुल मैदान में हस्त उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें स्थानीय उत्पादों का संग्रह दिखाई दिया। मिट्टी के दीपक और अन्य उत्पाद इस प्रदर्शनी की शान बढ़ाते नजर आए। आपको बता दें कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से जमीनी उत्पाद को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य है और यहां मौजूद बेटियों ने इस प्रदर्शनी में अहम भूमिका अदा की लिहाजा महिला सशक्तिकरण का उदाहरण भी पेश किया गया। मेले में लगा है 20 स्टाल माटीकला मेला में कुल 20 स्टाल लगा है। माटीकला मेला में जनपद-वाराणसी के अतिरिक्त जनपद-चन्दौली, गाजीपुर, गोरखपुर, चुनार मिर्जापुर के माटीकला करीगरों के द्वारा अपने उत्पादों माटी के खिलौने, कुल्हड, थाली, गिलास, दीया मूर्तियों के स्टाल लगे हुए है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए किया गया आयोजन MLC धर्मेंद्र राय ने कहा कि माटीकला मेला का मुख्य उद्देश्य मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों एवं शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि करने, कलाकारों की परम्परागत कला को संरक्षित उनकी समाजिक सुरक्षा, अर्थिक सुदृढ़ता एवं तकनीकी विकास को बढ़ावा देने एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने तथा अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने एवं प्रोत्साहित किया जाना है।

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