वोडाफोन-आइडिया ने सरकार से मदद मांगी:₹52 हजार करोड़ की मिल सकती है राहत, AGR-स्पेक्ट्रम बकाया चुकाने में सक्षम नहीं

फाइनेंशियल दिक्कतों से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया (VI) को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम के बकाए को चुकाने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में कंपनी ने एडिशनल फाइनेंशियल सपोर्ट के लिए सरकार से रिक्वेस्ट की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने इसे लेकर 11 मार्च को टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल को लेटर भेजा है। कंपनी ने सरकार से रिक्वेस्ट की है कि इसके आउटस्टैंडिंग ड्यू यानी बकाए के एक बड़े हिस्से को इक्विटी में बदल दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो वोडाफोन-आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 49% हो सकती है, जो अभी 22.6% है। कंपनी ने 2021 टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत सहायता मांगी रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन-आइडिया 36,950 करोड़ रुपए के AGR और स्पेक्ट्रम बकाया के लिए राहत की मांग कर रही है। इसमें आने वाले हफ्तों में 13,089 करोड़ रुपए का तत्काल भुगतान भी शामिल है। फाइनेंशियल दिक्कतों से जूझ रही VI ने संकेत दिया है कि उसके पास इन पेमेंट्स को पूरा करने की क्षमता नहीं है। वोडाफोन आइडिया ने 2021 टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत सहायता मांगी है। इस मामले में कंपनी की तरफ से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। VI को 52 हजार करोड़ रुपए की राहत मिल सकती है वोडाफोन-आइडिया ने ऐसे समय में रिक्वेस्ट की है कि जब मीडिया रिपोर्ट्स के दावे के मुताबिक सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाए में कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है। अगर कंपनी की रिक्वेस्ट को सरकार मान लेती है तो एनालिस्ट्स का अनुमान है कि VI को 52 हजार करोड़ रुपए की राहत मिल सकती है, जो इसके आउटस्टैंडिंग AGR लायबिलिटी का करीब 75% घटा देगा और टोटल कर्ज का 25% कम हो जाएगा। सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की याचिका खारिज की थी वोडाफोन आइडिया ने पिछले साल जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दायर कर AGR के बकाए के कैलकुलेशन को चुनौती दी थी। जिसमें नॉन-कोर रेवेन्यू को भी शामिल किया गया था और कंपनी इसके खिलाफ थी। हालांकि, सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम ऑपरेटर की याचिका खारिज कर दी थी। तीसरी तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को ₹6,609 करोड़ का लॉस वोडाफोन-आइडिया को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 6,609 करोड़ रुपए घाटा (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 6,986 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का घाटा 5.40% कम हुआ है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वोडाफोन-आइडिया का कॉन्सोलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 4.16% बढ़कर 11,117 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही यानी Q3FY24 में कंपनी का रेवेन्यू 10,673 करोड़ रुपए रहा था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। वोडाफोन-आइडिया का ARPU 173 रुपए रहा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान वोडाफोन-आइडिया का 'एवरेज रेवेन्यू पर यूजर' (ARPU) 4.7% बढ़कर 173 रुपए रहा। पिछली तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में यह 166 रुपए था। यह बदलाव टैरिफ बढ़ोतरी और यूजर्स द्वारा महंगे पैक खरीदने की वजह से हुआ है।

Mar 22, 2025 - 20:00
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वोडाफोन-आइडिया ने सरकार से मदद मांगी:₹52 हजार करोड़ की मिल सकती है राहत, AGR-स्पेक्ट्रम बकाया चुकाने में सक्षम नहीं
फाइनेंशियल दिक्कतों से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया (VI) को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और

वोडाफोन-आइडिया ने सरकार से मदद मांगी: ₹52 हजार करोड़ की मिल सकती है राहत

वोडाफोन-आइडिया, जो भारतीय दूरसंचार बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, ने हाल ही में सरकार से वित्तीय सहायता की मांग की है। कंपनी के पास AGR (एडजस्टेड ग्रोसर रिवेन्यू) और स्पेक्ट्रम बकाया चुकाने में कठिनाइयों का सामना कर रही है। यह कंपनी ₹52 हजार करोड़ की सहायता की उम्मीद कर रही है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद कर सकती है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

वोडाफोन-आइडिया को अपने राजस्व में गिरावट का सामना करना पड़ा है, जो उसे अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ बना रहा है। इससे कंपनी के शेयरों में भी गिरावट आई है, और निवेशकों में चिंता बनी हुई है। अगर सरकार से आवश्यक वित्तीय सहायता मिलती है, तो यह वोडाफोन-आइडिया को अपनी सेवाओं को बनाए रखने और अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने में मदद कर सकती है।

सरकार की प्रतिक्रिया की अपेक्षा

इस मामले में, वोडाफोन-आइडिया के अधिकारी ने कहा है कि वे सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सरकार उनकी वित्तीय स्थिति को समझेगी और आवश्यक कदम उठाएगी। सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया से न केवल वोडाफोन-आइडिया बल्कि पूरे टेलिकॉम सेक्टर पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्रभाव और संभावनाएं

यदि वोडाफोन-आइडिया को ₹52 हजार करोड़ की राहत मिलती है, तो यह न केवल उनकी वित्तीय समस्याओं को हल करने में मदद करेगी, बल्कि भारतीय टेलिकॉम बाजार में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगी। ऐसे में, अन्य टेलिकॉम कंपनियों को भी अपने वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए प्रेरित हो सकता है।

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