‘5 दशक तक जातीय जनगणना नहीं करा पाई कांग्रेस’:झांसी में अनुप्रिया पटेल बोली- क्षेत्रीय दलों में श्रेय लेने की होड़ मची, मगर जनता बहुत समझदार
झांसी में केंद्रीय राज्यमंत्री मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जातीय जनगणना कराने के फैसले पर क्रेडिट ले रही कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा- कांग्रेस के पास बहुत बड़ा मौका था, मगर देश में पांच दशक तक राज करने के बाद भी कांग्रेस ने जातीय जनगणना पर निर्णय नहीं लिया। जनता बहुत समझदार है कि कौन चुनावी जुमलेबाजी करता है और कौन सियासी लफ्फाजी करता है। आज देशवासियों को कोई गलतफहमी नहीं है। मंत्री अनुप्रिया पटेल रविवार रात को एक निजी समारोह में शामिल होने के लिए झांसी पहुंची थी। प्रधानमंत्री मोदी त्वरित फैसले लेते हैं उन्होंने कहा- केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया है। आज कई क्षेत्रीय दल जो इस मुद्दे पर श्रेय लेने की होड़ में हैं, वे सब पहले कांग्रेस के साथ रहे हैं। अगर यूपीए सरकार को निर्णय करना होता तो पांच दशक कम नहीं होते। सारे साथी दल कांग्रेस के साथ थे तो निर्णय तब क्यों नहीं हुआ? अब ये निर्णय एनडीए की सरकार में क्यों हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक न्याय से जुड़े विषयों पर हमेशा त्वरित फैसले लिए हैं। आतंकियों व उनके आकाओं को सजा देंगे पहलगाम की घटना पर कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकियों और उनके आकाओं को चुन चुनकर सजा देंगे। उनको उनके कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी। मैं विश्वास दिलाती हूं कि भारत ने न कभी आतंकवाद के खिलाफ घुटने टेके हैं और न कभी टेकेगा। इन आतंकियों और उनके आकाओ को मुंहतोड़ जबाव दिया जाएगा। इस दौरान मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्य, अपना दल-एस के जिलाध्यक्ष दीपेंद्र पटेल, बुंदेलखंड प्रभारी कालका प्रसाद पटेल, महिला मोर्चा की कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष दीपमाला कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

‘5 दशक तक जातीय जनगणना नहीं करा पाई कांग्रेस’: झांसी में अनुप्रिया पटेल की महत्वपूर्ण टिप्पणी
झांसी में हाल ही में हुई एक जनसभा के दौरान अनुप्रिया पटेल ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले 5 दशकों में जातीय जनगणना कराने में असफलता का सामना किया है। यह बयान क्षेत्रीय दलों के बीच एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे रहा है, जहां श्रेय लेने की होड़ मची हुई है।
अनुप्रिया पटेल का बयान
अनुप्रिया पटेल ने कहा, "कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि जनता अब जागरूक है और वह विभाजन की राजनीति को समझती है। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय दलों की सक्रियता इस मुद्दे पर एक नया मोड़ ला रही है।" उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है, और यह सवाल उठाया गया है कि जातीय जनगणना का मुद्दा कब वास्तविकता बनेगा।
क्षेत्रीय दलों का महत्व
अनुप्रिया पटेल ने क्षेत्रीय दलों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये दल जनता के मुद्दों को उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने चेताया कि जनता अब समझदार है और वह सिर्फ राजनीतिक चालाकियों में नहीं फंसने वाली है।
जातीय जनगणना का मुद्दा
जातीय जनगणना का मुद्दा भारत के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इससे विभिन्न समुदायों की जनसंख्या की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा, जो सामाजिक न्याय और विकास नीतियों के निर्माण में मदद करेगा। कांग्रेस की 5 दशकों की विफलता क्या इस मुद्दे को और जटिल बनाएगी? यह देखने वाली बात होगी।
इस चर्चा से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दल किस हद तक जनहित के मुद्दों को गंभीरता से लेते हैं। क्या कांग्रेस इस बार जातीय जनगणना को शेड्यूल में शामिल करेगी? या क्षेत्रीय दलों की बढ़ती ताकत इस प्रक्रिया को तेज करेगी? यह सवाल अब आम जनता के बीच में उठने लगा है।
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