सिंगापुर आम चुनाव में PM वोंग और PAP की जीत:पार्टी को 97 में से 87 सीटें मिलीं; 1965 से सत्ता पर काबिज

सिंगापुर में हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग और उनकी पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने शनिवार को जीत हासिल की। पार्टी को 97 संसदीय सीटों में से 87 सीटें मिलीं। सिंगापुर के करीब 2.6 मिलियन यानी 26 लाख लोगों ने शनिवार को वोट डाला था। चुनाव में मुख्य मुकाबला 1965 से सत्ता पर काबिज पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) और प्रमुख विपक्षी दल वर्कर्स पार्टी (WP) के बीच था। इन दोनों के अलावा कई अन्य छोटे दल भी चुनावी मैदान में थे। सिंगापुर के 33 निर्वाचन क्षेत्रों की 97 संसदीय सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। इनमें सिंगल मेंबर कॉन्स्टिट्यूएंसी (SMC) और ग्रुप रिप्रेजेंटेशन कॉन्स्टिट्यूएंसी (GRC) शामिल हैं। GRC में 4-5 उम्मीदवारों की टीम चुनाव लड़ती है, जिसमें कम से कम एक अल्पसंख्यक समुदाय (मलय, भारतीय, या अन्य) का उम्मीदवार होना जरूरी होता है। PM पद के प्रमुख दावेदार लॉरेंस वोंग: 15 मई 2024 को ली सीन लूंग की जगह लॉरेंस वॉन्ग ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। वो PAP के महासचिव भी हैं। इससे पहले वो वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। कोविड-19 के वक्त लिए गए फैसलों और आर्थिक नीतियों की वजह से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली थी। हेंग स्वी कीट: सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री हैं। वे PAP के सीनियर लीडर हैं। हेंग को पहले मजबूत दावेदार माना जाता था, लेकिन 2021 में उन्होंने स्वास्थ्य वजहों से प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया था। अगर किसी वजह से लॉरेंस वॉन्ग पीछे हटते हैं तो हेंग स्वी कीट प्रमुख उम्मीदवार बन सकते हैं। प्रीतम सिंह: वर्कर्स पार्टी के प्रमुख प्रीतम सिंह भी सिंगापुर की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा हैं, हालांकि उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना न के बराबर है, क्योंकि उनकी पार्टी सिर्फ 26 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है। भारतीय मूल के प्रीतम सिंह की लीडरशिप में वर्कर्स पार्टी ने पिछले चुनाव में मजबूत प्रदर्शन करते हुए 10 सीटें जीती थी। इस साल फरवरी में उनका नाम तब विवादों में घिर गया था जब सिंगापुर की एक अदालत ने उन्हें संसद में शपथ लेकर झूठ बोलने के दो मामलों में दोषी करार दिया था। इसके लिए उन पर 5,220 डॉलर के दो जुर्माने भी लगाए गए थे। सिर्फ PAP ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ी थी चुनाव में 11 पार्टियों ने हिस्सा लिया था, लेकिन सिर्फ PAP ने ही सभी 97 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वर्कर्स पार्टी ने सिर्फ 26 सीटों के लिए चुनाव लड़ा था। सिर्फ छह पार्टियां ही 10 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। 2020 के आम चुनाव में कुल 93 सीटों के लिए वोटिंग की गई थी, जिसमें PAP ने 83 सीटें जीती थीं, उसे 61.24% वोट मिले थे। जबकि वर्कर्स पार्टी ने 10 सीटें जीती थीं। इस बार के चुनाव में आर्थिक विकास, रोजगार, बढ़ती महंगाई, हेल्थ, एजुकेशन और अल्पसंख्यक समुदाय की सरकार में हिस्सेदारी एक प्रमुख मुद्दा था। PM वोंग और PAP ग्लोबल इकोनॉमी पर अमेरिकी टैरिफ की वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं के बीच ने जनता से नया जनादेश मांगा था। सिंगापुर में मतदान करना एक सिविल ड्यूटी सिंगापुर में 21 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों के लिए वोटिंग अनिवार्य है। 2020 के चुनाव में कुल 95.81% मतदान हुआ था। इस बार भी उम्मीद है कि वोटिंग परसेंट काफी हाई होगा, क्योंकि सिंगापुर में मतदान को सिविल ड्यूटी माना जाता है। सिंगापुर में फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम का इस्तेमाल होता है, जिसमें सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार की जीत होती है। भारतीय समुदाय को लुभाने की कोशिश PM वॉन्ग ने भारतीय समुदाय को रिझाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कुछ वक्त पहले कहा था कि भारतीय समुदाय की कहानी सिंगापुर की कहानी का हिस्सा है। दूसरी तरफ विपक्ष दल WP का फोकस युवा मतदाताओं और शहरी मध्यम वर्ग को लुभाने पर है। प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनकी PAP पार्टी इस चुनाव में भारतीय मूल के उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। यह कदम भारतीय समुदाय के योगदान को मान्यता देने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए उठाया गया है। 2020 के चुनाव में PAP ने भारतीय मूल के किसी नए उम्मीदवार को नहीं उतारा था, जिसके बाद इसे लेकर कई सवाल उठे थे। सिंगापुर की आबादी में भारतीय मूल के लोग संख्या 7.5% हैं, जबकि चीनी मूल के 75% और मलय मूल के 15% लोग हैं। सिंगापुर में 65 साल से एक ही पार्टी की सरकार सिंगापुर में पीपल्स एक्शन पार्टी (PAP) का 1959 से लगातार शासन रहा है। सिंगापुर की राजनीतिक सिस्टम को जापान (1955-1993, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी) की तरह "एक पार्टी सिस्टम" माना जाता है, जहां एक प्रमुख दल शासन करता है, और विपक्ष सीमित प्रभाव रखता है। मेक्सिको की इंस्टीट्यूशनल रिवॉल्यूशनरी पार्टी (PRI, 1929-2000) के बाद PAP दूसरी सबसे लंबी अवधि तक सत्ता में रहने वाली पार्टी है। सिंगापुर में पिछले 65 साल से कोई और पार्टी की सरकार नहीं बनी है। हालांकि सिंगापुर में कई और पार्टियां भी हैं। सिंगापुर में एक ही पार्टी का राज क्यों है ली कुआन यू ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 1961 में मुख्य विपक्षी पार्टी को खत्म कर दिया था। इसके बाद 1968 के आम चुनाव में ज्यादातर विपक्षी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया। 1981 में वर्कर्स पार्टी (WP) ने पहली विपक्षी सीट (एन्सन) जीती। पहली बार वर्कर्स पार्टी ने 2020 में सबसे ज्यादा 10 सीटें जीतीं। प्रीतम सिंह को औपचारिक विपक्षी नेता का दर्जा मिला। 2020 के चुनाव में PAP ने 93 में से 83 सीटें और 61.2% वोट हासिल किए। इस बार भी सिंगापुर में PAP पार्टी को ही सत्ता मिलने की संभावना है। ली कुआन यू की PAP ने सिंगापुर को एशिया का सबसे कम भ्रष्ट और आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध देश बनाया। इस वजह से देश के ज्यादातर लोग इस पार्टी से संतुष्ट हैं। इसके अलावा PAP विपक्षी नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ सख्त रवैया रखने के लिए भी जानी जाती है। यही वजह है कि मीडिया भी सरकारी नीतियों के समर्थन में ल

May 4, 2025 - 00:27
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सिंगापुर आम चुनाव में PM वोंग और PAP की जीत

सिंगापुर के हालिया आम चुनाव में प्रधानमंत्री वोंग चूनिंग की पार्टी, पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP), ने जोरदार जीत हासिल की है। इस चुनाव में पार्टी ने 97 में से 87 सीटें जीतीं, जो कि 1965 से सत्ता पर काबिज होने का एक नया अध्याय प्रस्तुत करती हैं। चुनाव परिणाम यह सिद्ध करते हैं कि नागरिकों ने पीएम वोंग के नेतृत्व में जारी नीतियों और विकास की दिशा में संतोष व्यक्त किया है।

PAP की चुनावी जीत का विश्लेषण

यह चुनाव जीत पीएम वोंग के कुशल नेतृत्व और पार्टी की दीर्घकालिक योजनाओं का परिणाम है। हमें याद रखना चाहिए कि PAP, जिसके गठन के बाद से ही सिंगापुर की राजनीति में प्रमुखता बनी हुई है, ने अपनी कार्य प्रणाली में लगातार सुधार किया है। इस बार, पार्टी ने सामाजिक और आर्थिक विकास के मुद्दों पर जोर दिया। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, और आवास जैसे मुद्दे, जो आम नागरिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव

हालांकि PAP की जीत स्पष्ट है, लेकिन सिंगापुर के राजनीतिक परिदृश्य में भी बदलाव देखने को मिला है। विपक्षी दलों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और कई सीटों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा प्रदान की। सत्ता में लंबे समय से रहने के बावजूद, राजनीतिक विकास में विपक्ष की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, जो नागरिकों के विचारों और चिंताओं को उठाने का कार्य करती है।

PM वोंग के कार्यकाल की प्रमुख चुनौतियाँ

पीएम वोंग को अब कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जैसे कि बढ़ती जनसंख्या, आवास संकट, और रोजगार के अवसरों का विस्तार। इसके साथ ही, सामाजिक समावेशिता और समानता भी उनकी प्राथमिकता में शामिल होंगी। सम्पूर्ण विकास के लिए उनके नीतिगत निर्णयों का प्रभावी कार्यान्वयन आवश्यक होगा।

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