शत्रु संपत्ति को लेकर गृह मंत्रालय ने मांगा जवाब:वाराणसी की एक शत्रु संपत्ति को लेकर दो साल से चल रहा वाद
शत्रु संपत्ति से जुड़े एक मामले में गृह मंत्रालय ने वाराणसी जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। गृह मंत्रालय की तरफ इस बाबत तीन वर्ष पहले ही अधिसूचना जारी की गई थी। ब्रिगेडियर ने पूछे हैं शत्रु संपत्ति को लेकर ये सवाल ब्रिगेडियर यशपाल सिंह मुख्य पर्यवेक्षक शत्रु संपत्ति की तरफ से जारी पत्र में आदमपुर थाना क्षेत्र के सलेमपुरा में शत्रु संपत्ति से जुड़े एक मकान को लेकर पत्र जारी किया है। इस मकान में अब्दुल हमीद का कब्जा है। इस शत्रु संपत्ति पर कब्जे को लेकर वर्ष 1921 में ही पत्र जारी किया गया था। भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक की तरफ से भी तीन वर्ष पूर्व पत्राचार किया गया था। बीते अप्रैल माह में ही अधिसूचना भी जारी हुई थी। ब्रिगेडियर ने अब तक इस मामले में क्या निर्णय लिया गया, अब तक इस प्रकरण में क्या कार्रवाई हुई को लेकर सवाल किए हैं। तहसील से जारी है कवायद वाराणसी में शत्रु संपत्ति से जुड़े मामले की जिम्मेदारी एडीएम वित्त एवं राजस्व के पास है। एडीएम वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि शत्रु संपत्ति से जुड़े सलेमपुरा के उक्त मकान से संबंधित कार्यवाही जारी है। वाराणसी में है 125 शत्रु संपत्तियां एलआरसी के मुताबिक वाराणसी में अब तक कुल 125 शत्रु संपत्ति की जानकारी है जिनका रिकार्ड गृह मंत्रालय में दर्ज है। इन सम्पत्तियों पर जिन भारतीय नागरिकों के कब्जे हैं वह पहले नगर निगम में किराया जमा करते थे। वर्तमान में शत्रु संपत्ति पर काबिज नागरिक गृह मंत्रालय में किराया जमा करते हैं। कई लोगों ने मकान पर कब्जे को लेकर वाद भी दाखिल कर रक्षा है। शत्रु संपत्ति बेचने की है तैयारी गृह मंत्रालय शत्रु सम्पत्तियों को जमीन की लोकेशन, मूल्य के हिसाब से बेचने की तैयारी में है। यदि किसी शत्रु संपत्ति पर कोई भारतीय नागरिक काबिज है और उस संपत्ति का मूल्य एक करोड़ से कम है तो पहले उस नागरिक को ही खरीदने का प्रस्ताव दिया जाएगा। एक करोड़ से अधिक मूल्य होने की दशा में शत्रु संपत्ति की नीलामी होगी।
What's Your Reaction?