शाहगंज में पुलिस पर उठ रहे सवाल:सुबह 8 बजे आरोपी की मौत का दावा, तीन घंटे बाद मृतक पर हो रहा मुकदमा दर्ज
जौनपुर के शाहगंज में पुलिस हिरासत में रखे गए अधेड़ की कथित आत्महत्या मामले में रोजाना नए पेंच उजागर हो रहे हैं और पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान उठ रहे हैं । आश्चर्य की बात है कि टप्पेबाजी के जिस आरोपी की मौत का समय विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में 19 अक्टूबर सुबह 8 बजे का बताया जाता है, उसी मृतक के खिलाफ तीन घंटे बाद कोतवाली में टप्पेबाजी का नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है । 19 अक्टूबर को सुबह 8 बजे पुलिस ने की थी मौत की पुष्टि सरपतहां थाना क्षेत्र के गजरिया निवासी जमील अहमद ने उसके साथ 55 हजार रुपए की टप्पेबाजी की तहरीर कोतवाली में दी थी । कोतवाली पुलिस ने मामले में बड़ौना निवासी मटरू बिंद (55 वर्ष) को 18 अक्टूबर को हिरासत में लिया था । मटरू का शव अगले दिन 19 अक्टूबर की सुबह करीब 8 बजे कोतवाली के शौचालय में मिलने का दावा पुलिस ने किया और कहा कि मटरू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । मटरू बिंद की मौत संदिग्ध होती जा रही मटरू की मौत के करीब तीन घंटे बाद 10.57 बजे कोतवाली में टप्पेबाजी का एक मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें मटरू को आरोपी बनाया गया । एफआईआर में दर्ज जमील की तहरीर के मुताबिक जब वो 19 अक्टूबर को कोतवाली पहुंचा तो उसे बताया गया कि तबियत खराब होने के चलते मटरू को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है । तथ्यों का ये गड़बड़झाला मटरू बिंद की हिरासत में मौत के मामले को संदिग्ध बनाता जा रहा है । इससे परिजनों द्वारा लगाए जा रहे मटरू की कथित हत्या के आरोप को मजबूती मिल रही है ।
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