सनातन बोर्ड के लिए चौथी सनातन धर्म संसद:महाकुंभ में जुटेंगे शंकराचार्य,संत और धर्माचार्य,देवकी नंदन महाराज ने की मथुरा में गोवर्धन पूजा

सनातन न्यास फाउंडेशन अध्यक्ष देवकी नंदन महाराज द्वारा ‘सनातन बोर्ड’ प्रारूप एवं गठन के लिये चौथी सनातन धर्म संसद का आयोजन प्रयाग महाकुंभ में किया जाएगा । धर्म संसद में 13 अखाड़ों के साधु संतो सहित जगद्गुरू शंकराचार्य, कथाकार एवं धर्माचार्य आदि शामिल होकर सनातन बोर्ड के प्रारूप का निर्णय करेंगे । धर्म संसद की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर वृंदावन लौटे देवकी नंदन महाराज ने गोवर्धन में गिर्राज शिला का पूजन कर ‘सनातन बोर्ड’ के लिये प्रार्थना की। 27 जनवरी को होगी धर्म संसद सनातन बोर्ड गठन के लिये मुहिम चला रहे धर्म गुरू देवकी नंदन महाराज द्वारा 27 जनवरी को प्रयाग महाकुंभ में सनातन धर्म संसद बुलाई गयी है । इससे पूर्व प्रमुख संत-धर्माचार्यों से मिलकर सनातन बोर्ड प्रारूप पर सुझाव एवं सहयोग लिया जा रहा है। संसद में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तीकरण, तिरूपति प्रसाद में मिलावट के दोषियों को सजा सहित सनातन धर्म से जुड़े अन्य प्रमुख विषयों पर भी चिंतन मंथन होगा। सनातन का सबसे बड़ा आयोजन महाकुंभ देवकी नंदन महाराज ने गोवर्धन की गिर्राज तलहटी में दुग्धाभिषेक पूजन कर सनातन बोर्ड के लिये प्रार्थना की । इसके पश्चात वृंदावन के प्रियाकान्तजु मंदिर पहुंचे देवकी नंदन महाराज ने कहा कि महाकुंभ सनातन का सबसे से बड़ा आयोजन है। करोड़ों सनातनियों के प्रयाग महाकुंभ में मुख्य यजमान के रूप में नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी व्यवस्थायें बना रहें हैं। उन्हें यहाँ आये संत-महंत, धर्माचार्य, ब्राहम्ण, कथा प्रवक्ता, धर्म गुरू और सनातनियों के लिये सनातन बोर्ड’ का गठन करना चाहिये, यही कुम्भ में सबसे बड़ी दक्षिणा होगी। देवकी नंदन महाराज ने कहा कि धर्म संसद में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी के साथ सभी 13 अखाड़ों, जगद्गुरु शंकराचार्य, प्रमुख संत, कथाकार, धर्माचार्यों, विद्वतजनों एवं सनातनी विचारकों के सानिध्य में सनातन बोर्ड का प्रारूप प्रस्तुत कर सनातनियों की भावना व्यक्त की जाएगी । जिससे सनातन से जुड़ी चिंताओं के समाधान के लिए सनातन बोर्ड का गठन किया जा सके । इनको दिया निमंत्रण कुंभ क्षेत्र में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी, संत नवल किशोर दास, संत पीपा द्वाराचार्य बलराम दास महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज आदि सहित प्रमुख संतो को सनातन धर्म संसद का निमंत्रण पत्र सौंपा है। प्रियाकान्तजु मंदिर मीडिया प्रभारी जगदीश वर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि देवकी नंदन महाराज द्वारा प्रयाग के सेक्टर 17, संगम लोअर मार्ग (पश्चिमी पटरी), महाकुंभ मेला में 20 जनवरी से 12 फरवरी तक श्रीमद्भागवत कथा सहित अन्य धार्मिक आयोजन होंगे । इसमें प्रमुख रूप से 27 जनवरी को दोपहर 12.30 बजे से चौथी सनातन धर्म संसद आयोजित की जाएगी।

Jan 18, 2025 - 09:40
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सनातन बोर्ड के लिए चौथी सनातन धर्म संसद:महाकुंभ में जुटेंगे शंकराचार्य,संत और धर्माचार्य,देवकी नंदन महाराज ने की मथुरा में गोवर्धन पूजा
सनातन न्यास फाउंडेशन अध्यक्ष देवकी नंदन महाराज द्वारा ‘सनातन बोर्ड’ प्रारूप एवं गठन के लिये चौथ

सनातन बोर्ड के लिए चौथी सनातन धर्म संसद

महाकुंभ के आयोजन में एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में चौथी सनातन धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। इस समागम में देशभर से अनेक शंकराचार्य, संत एवं धर्माचार्य उपस्थित होंगे। इन विद्वानों का उद्देश्य वैदिक संस्कृति की वृद्धि और सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को बढ़ावा देना है। इस बार का विषय काफी व्यापक और अर्थपूर्ण है, जो धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता को एक साथ जोड़ता है।

महाकुंभ में अनुभवी संतों का आगमन

इस वर्ष महाकुंभ में प्रमुख धार्मिक नेता और संत शामिल होंगे, जो अपने अनुभव और ज्ञान के माध्यम से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझाएंगे। इस मौके पर देवकी नंदन महाराज ने मथुरा में गोवर्धन पूजा का आयोजन भी किया है। निश्चित रूप से, यह पूजा धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है।

धर्म संसद का उद्देश्य

धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट करना और उन्हें सशक्त बनाना है। इसमें धार्मिक विचारों का आदान-प्रदान, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए चर्चा और योजनाएं साझा करना शामिल होगा। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक विषयों पर कार्यशाला और सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।

गोवर्धन पूजा की विशेषताएँ

गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पूजा है, जिसे विशेष रूप से भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। देवकी नंदन महाराज द्वारा आयोजित यह पूजा भक्तों में उत्साह और श्रद्धा का संचार करती है। इस पूजा के अवसर पर लोग मिलकर भक्ति और कृतज्ञता के साथ कार्यक्रम में भाग लेते हैं।

आयोजित कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक एकता को प्रदर्शित करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह समाज के समक्ष धर्म के महत्व को भी उजागर करता है।

इस महान संगम का हिस्सा बनने के लिए सभी को आमंत्रित किया जाता है। ऐसी महत्वपूर्ण घटनाएं धार्मिक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने में सहायक होती हैं।

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