साइबर ठगों ने कारोबारी को रखा एक घंटे डिजिटल अरेस्ट:ईडी अधिकारी बताकर 23 लाख 18 हजार कराया ट्रांसफर

एटा में घुंघरू कारोबारी को साइबर ठगों ने एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इसके बाद ED का अधिकारी बताकर 23 लाख 18 हजार 588 रुपए ट्रांसफर करवा लिया। ठगी की जानकारी पर व्यापारी जलेसर कोतवाली पहुंचकर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ लिखित तहरीर दी। पुलिस ने पीड़ित कारोबारी की लिखित तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। व्यापारी ने अनजान वॉट्सऐप काल उठाया कारोबारी के पास अज्ञात व्यक्ति द्वारा वॉट्सऐप पर कॉल किया गया। ठगी से अनजान व्यापारी ने वॉट्सऐप काल उठा लिया। इसके बाद साइबर ठगों के जाल में फंस गया। अज्ञात ठगों ने उसे डिजिटल अरेस्ट कर दो बार में 23 लाख 18 हजार 588 रुपए खाते में ट्रांसफर कराया। जब तक उसे ठगी की जानकारी हुई। तब तक देर हो चुकी थी। पीड़ित ने थाना जलेसर में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। ईडी अधिकारी बताकर व्यापारी को धमकाया जलेसर के मोहल्ला सर्राफ निवासी गिरीश चंद बंसल का सूरज घुंघरू नाम से कस्बे में ही स्टोर है। पीड़ित ने बताया कि 26 नवंबर को उसके पास वॉट्सऐप कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को ईडी अधिकारी बताते हुए उसे धमकाना शुरू कर दिया। कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग से विदेश पैसे भेजे गए हैं। इसके बाद उसे डराना शुरू कर दिया गया। वो इस कदर दहशत में आ गया कि दो बार में उसने 23 लाख रुपए की रकम बताए गए खातों में भेज दी। पीड़ित ने बताया कि पहले उसने 18 लाख 75 हजार 588 रुपये आईडीएफसी बैंक के खाते में भेजे। उसके बाद 4 लाख 40 हजार रुपए एचडीएफसी के खाते में भेजे। इतनी बड़ी रकम भेजने के बाद जब उसे अपने साथ हुए इस अपराध की जानकारी हुई, तो पसीने छूट गए। पीड़ित ने कोतवाली जलेसर में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। विश्वसनीय वेबसाइटों से करें खरीददारी घटना के बाद जलेसर थाना प्रभारी सुधीर राघव ने कहा कि साइबर अपराधियों ने क्राइम ब्रांच, ईडी, सीबीआई का अधिकारी बताकर आपके सगे संबंधियों की गिरफ्तारी या पकड़े जाने की फर्जी सूचना देकर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करना शुरू कर दिए है। ऐसे में सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा ऐसे किसी साइबर क्राइम से बचने के लिए पहले तत्काल अपने थाना प्रभारी को जानकारी दें। ताकि आपके साथ होने वाले साइबर फ्राड को रोका जा सके। विश्वसनीय वेबसाइटों से ही खरीददारी करें। अपने फोन पर आए ओटीपी को किसी से साझा न करें।

Nov 28, 2024 - 16:00
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साइबर ठगों ने कारोबारी को रखा एक घंटे डिजिटल अरेस्ट:ईडी अधिकारी बताकर 23 लाख 18 हजार कराया ट्रांसफर
एटा में घुंघरू कारोबारी को साइबर ठगों ने एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इसके बाद ED का अधिकारी बताकर 23 लाख 18 हजार 588 रुपए ट्रांसफर करवा लिया। ठगी की जानकारी पर व्यापारी जलेसर कोतवाली पहुंचकर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ लिखित तहरीर दी। पुलिस ने पीड़ित कारोबारी की लिखित तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। व्यापारी ने अनजान वॉट्सऐप काल उठाया कारोबारी के पास अज्ञात व्यक्ति द्वारा वॉट्सऐप पर कॉल किया गया। ठगी से अनजान व्यापारी ने वॉट्सऐप काल उठा लिया। इसके बाद साइबर ठगों के जाल में फंस गया। अज्ञात ठगों ने उसे डिजिटल अरेस्ट कर दो बार में 23 लाख 18 हजार 588 रुपए खाते में ट्रांसफर कराया। जब तक उसे ठगी की जानकारी हुई। तब तक देर हो चुकी थी। पीड़ित ने थाना जलेसर में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। ईडी अधिकारी बताकर व्यापारी को धमकाया जलेसर के मोहल्ला सर्राफ निवासी गिरीश चंद बंसल का सूरज घुंघरू नाम से कस्बे में ही स्टोर है। पीड़ित ने बताया कि 26 नवंबर को उसके पास वॉट्सऐप कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को ईडी अधिकारी बताते हुए उसे धमकाना शुरू कर दिया। कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग से विदेश पैसे भेजे गए हैं। इसके बाद उसे डराना शुरू कर दिया गया। वो इस कदर दहशत में आ गया कि दो बार में उसने 23 लाख रुपए की रकम बताए गए खातों में भेज दी। पीड़ित ने बताया कि पहले उसने 18 लाख 75 हजार 588 रुपये आईडीएफसी बैंक के खाते में भेजे। उसके बाद 4 लाख 40 हजार रुपए एचडीएफसी के खाते में भेजे। इतनी बड़ी रकम भेजने के बाद जब उसे अपने साथ हुए इस अपराध की जानकारी हुई, तो पसीने छूट गए। पीड़ित ने कोतवाली जलेसर में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। विश्वसनीय वेबसाइटों से करें खरीददारी घटना के बाद जलेसर थाना प्रभारी सुधीर राघव ने कहा कि साइबर अपराधियों ने क्राइम ब्रांच, ईडी, सीबीआई का अधिकारी बताकर आपके सगे संबंधियों की गिरफ्तारी या पकड़े जाने की फर्जी सूचना देकर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करना शुरू कर दिए है। ऐसे में सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा ऐसे किसी साइबर क्राइम से बचने के लिए पहले तत्काल अपने थाना प्रभारी को जानकारी दें। ताकि आपके साथ होने वाले साइबर फ्राड को रोका जा सके। विश्वसनीय वेबसाइटों से ही खरीददारी करें। अपने फोन पर आए ओटीपी को किसी से साझा न करें।

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