हापुड़ का AQI 428 पर पहुंचा:भारत में सबसे प्रदूषित शहर, लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत

हापुड़ में ग्रेप-4 स्टेज लागू होने के बावजूद हापुड़ में वायु प्रदूषण की स्थिति और गंभीर होती जा रही है। सोमवार को हापुड़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 428 पर पहुंच गया, जो न केवल भारत का सबसे प्रदूषित शहर बन गया बल्कि दुनिया में तीसरे स्थान पर आ गया है। जहरीली हवा के चलते लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। धूल और धुएं ने बिगाड़ी आबोहवा दिवाली के बाद से हापुड़ की हवा लगातार खराब होती जा रही है। बारिश न होने के कारण धूल और धुएं के कण वायुमंडल में ऊपर नहीं जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, खासकर बच्चे और बुजुर्ग प्रदूषण जनित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। प्रदूषण से राहत और फिर बढ़ता संकट हालांकि, 21 नवंबर को हापुड़ के लोगों को कुछ राहत मिली थी जब AQI घटकर 176 पर आ गया था। लेकिन उसके बाद से यह फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि हवा की गुणवत्ता रेड जोन में दर्ज की गई। प्रशासन के प्रयास जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा ने बताया कि जिले में ग्रेप-4 (गंभीर प्रदूषण नियंत्रण उपाय) लागू किया गया है। इसके तहत: लोगों को हो रही परेशानी प्रदूषण बढ़ने से शहरवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग आंखों में जलन और सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषित हवा से अस्थमा, एलर्जी और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। विशेषज्ञों की सलाह:

Nov 25, 2024 - 13:35
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हापुड़ का AQI 428 पर पहुंचा:भारत में सबसे प्रदूषित शहर, लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत
हापुड़ में ग्रेप-4 स्टेज लागू होने के बावजूद हापुड़ में वायु प्रदूषण की स्थिति और गंभीर होती जा रही है। सोमवार को हापुड़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 428 पर पहुंच गया, जो न केवल भारत का सबसे प्रदूषित शहर बन गया बल्कि दुनिया में तीसरे स्थान पर आ गया है। जहरीली हवा के चलते लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। धूल और धुएं ने बिगाड़ी आबोहवा दिवाली के बाद से हापुड़ की हवा लगातार खराब होती जा रही है। बारिश न होने के कारण धूल और धुएं के कण वायुमंडल में ऊपर नहीं जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, खासकर बच्चे और बुजुर्ग प्रदूषण जनित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। प्रदूषण से राहत और फिर बढ़ता संकट हालांकि, 21 नवंबर को हापुड़ के लोगों को कुछ राहत मिली थी जब AQI घटकर 176 पर आ गया था। लेकिन उसके बाद से यह फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि हवा की गुणवत्ता रेड जोन में दर्ज की गई। प्रशासन के प्रयास जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा ने बताया कि जिले में ग्रेप-4 (गंभीर प्रदूषण नियंत्रण उपाय) लागू किया गया है। इसके तहत: लोगों को हो रही परेशानी प्रदूषण बढ़ने से शहरवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग आंखों में जलन और सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषित हवा से अस्थमा, एलर्जी और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। विशेषज्ञों की सलाह:

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