हिमाचल के ऊंचे क्षेत्रों में 3 अप्रैल को बारिश:अगले 3 दिन में 4 डिग्री तक बढ़ेगा तापमान; मार्च में 33% कम बरसे बादल

हिमाचल में विंटर सीजन बीतने के बाद मार्च में सामान्य से 33 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश में 1 से 31 मार्च तक 113.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 75.6 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। मंडी और कुल्लू को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। मंडी में नॉर्मल से 5 प्रतिशत ज्यादा और कुल्लू में 17 प्रतिशत अधिक बारिश जरूर हुई है। आने वाले एक सप्ताह तक भी अच्छी बारिश के आसार नहीं है। 3 अप्रैल को अधिक ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में जरूर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। मगर ज्यादातर भागों में मौसम साफ बना रहेगा। मौसम विभाग (IMD) की माने तो चंबा, कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश व बर्फबारी भी हो सकती है। 4 डिग्री तक बढ़ेगा तापमान IMD की माने तो अगले एक सप्ताह के दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री का उछाल आएगा। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में मैक्सिमम टैम्परेचर पहले ही नॉर्मल से ज्यादा 2.3 डिग्री ज्यादा चल रहा है। खासकर भुंतर में सामान्य से 5.1 डिग्री ज्यादा के साथ तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस हो गया है। कई शहरों में नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हुआ पारा शिमला का तापमान भी सामान्य से 4.1 डिग्री अधिक के साथ 23.0 डिग्री, मनाली का पारा 3.6 डिग्री ज्यादा के साथ 23.1 डिग्री, कल्पा का तापमान 3.8 डिग्री ज्यादा के साथ 18.3 डिग्री और कांगड़ा का पारा सामान्य से 3.0 डिग्री ज्यादा के साथ 30.7 डिग्री सेल्सियस हो गया है। अगले 72 घंटे के दौरान इसमें और उछाल आएगा।

Apr 1, 2025 - 07:59
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हिमाचल के ऊंचे क्षेत्रों में 3 अप्रैल को बारिश:अगले 3 दिन में 4 डिग्री तक बढ़ेगा तापमान; मार्च में 33% कम बरसे बादल
हिमाचल में विंटर सीजन बीतने के बाद मार्च में सामान्य से 33 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश में 1 से 31

हिमाचल के ऊंचे क्षेत्रों में 3 अप्रैल को बारिश: अगले 3 दिन में 4 डिग्री तक बढ़ेगा तापमान

हिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में 3 अप्रैल को बारिश होने की संभावना है। ये बारिश प्रदेश के किसानों और बागवानों के लिए महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यहाँ मार्च में पिछले वर्ष की तुलना में 33% कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिन के अंदर तापमान में 4 डिग्री तक की वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि वसंत के मौसम के दौरान होगी जब पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान पहले से ही बढ़ने लगा है।

बारिश का प्रभाव और तापमान में वृद्धि

बादल छाने और बारिश के साथ, हिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। बर्फबारी और बारिश के चलते, तापमान में वृद्धि किसानों के लिए फायदेमंद डेयरी और कृषि उत्पादों के लिए आवश्यक हो सकती है। उत्तरी पहाड़ी क्षेत्रों में इस समय जलवायु परिवर्तन के असर देखे जा रहे हैं, जिससे अनुकूल खेती के मौसम की संभावना है।

मार्च में कम बारिश का कारण

मार्च महीने में बारिश का कम होना, मुख्य रूप से बदलते जलवायु पैटर्न और मौसम की अस्थिरता का परिणाम है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें जलवायु परिवर्तन की भूमिका महत्वपूर्ण है, जिससे साल दर साल मौसम में असामान्यताएँ आ रही हैं। इस परिस्थिति के चलते, स्थानीय किसान अधिक चिंतित हैं ता कि उनकी फसल के विकास और गुणवत्ता पर इसका असर ना पड़े।

आगे की परिस्थितियों के अनुमान

मौसम ब्यूरो द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में अधिकतर क्षेत्रों में मौसम में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे गहन मॉनिटरिंग करें और अपने फसलों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएँ। इसके अलावा, आने वाले दिनों में मौसम में होने वाले बदलाव का प्रभाव क्षेत्रीय जलवायु और खाद्य उत्पादन पर भी पड़ेगा।

अंत में, हिमाचल प्रदेश में मौसम परिवर्तन के इस दौर का सभी को ध्यान रखना चाहिए और मौसम से जुड़ी सभी जानकारियों को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

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