हिमाचल में 80 हजार स्टूडेंट्स की पढ़ाई ठप:11 दिन से हड़ताल पर वोकेशनल टीचर; CM को बोले- मरते दम तक इंतजार करेंगे
हिमाचल प्रदेश के 80 हजार से ज्यादा स्टूडेंट की वोकेशनल सब्जेक्ट की पढ़ाई एक सप्ताह से ठप पड़ी है। 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को स्किल बनाने की ट्रेनिंग देने वाले 2174 वोकेशनल टीचर 11 दिन से शिमला में हड़ताल पर बैठे हैं। इस दौरान एक बार भी शिक्षा विभाग ने इन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया। वोकेशनल टीचर कंपनी के माध्यम से सेवाएं देने का विरोध कर रहे हैं और हरियाणा की तर्ज पर विभाग के माध्यम से सेवाएं देने की मांग कर रहे हैं। इससे सरकार पर एक रुपए का भी अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ रहा और न ही रेगुलर करने की मांग कर रहे हैं। उल्टा इससे सरकार का हर साल 8 से 10 करोड़ रुपए जो अभी कंपनी को जा रहा है, उसकी बचत होगी। यह तर्क वोकेशनल टीचर बार बार सरकार को दे रहे हैं। इसी मांग को लेकर बीते साल नवंबर माह में भी 11 दिन तक वोकेशनल टीचर हड़ताल कर चुके हैं। तब शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इनकी मांग जल्द पूरा करने का भरोसा दिया था। इसके बाद एक कमेटी बनाकर दूसरे राज्यों के मॉडल स्टडी को भेजी थी। सूत्र बताते हैं कि कमेटी ने भी हरियाणा की तर्ज पर इनकी सेवाएं लेने की सिफारिश की है। मगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही। हरियाणा सरकार ने कंपनियां की बाहर: बंसल वोकेशनल टीचर एसोसिएशन सेक्रेटरी नीरज बंसल ने कहा, सरकार कह रही है कि यह केंद्र की स्कीम है। इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते है। यह तर्क गलत है, क्योंकि हरियाणा सरकार ने भी खुद कंपनियां बाहर की है। इससे वहां करोड़ों रुपए की बचत हो रही है। हरियाणा में वोकेशनल टीचर की सेवाएं शिक्षा विभाग के माध्यम से ली जा रही है। हिमाचल में भी वोकेशनल टीचर यही चाह रहे हैं। उन्होंने कहा, हम रेगुलर नौकरी नहीं, केवल विभाग के माध्यम से सेवाएं लेने की मांग कर रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर महिला टीचर वोकेशनल टीचर शिमला के चौड़ा मैदान में 29 मार्च से हड़ताल पर बैठे हैं। इनमें कुछ महिलाएं ऐसी भी है, जो अपनी गोद में छोटे छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर बैठी है। मगर इन 11 दिनों में एक भी बार शिक्षा विभाग ने इन टीचरों के साथ मीटिंग नहीं की। हिमाचल में 10 से ज्यादा कंपनियां पंजीकृत हिमाचल में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए सरकार ने 10 से ज्यादा कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। वोकेशनल टीचर इन्हें बाहर करने पर अड़े हैं। इनकी हड़ताल से राज्य के 1100 सरकारी स्कूलों में बच्चे टीचरों की राहत ताक रहे हैं। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेशनल पाठ्यक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेशनल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है।

हिमाचल में 80 हजार स्टूडेंट्स की पढ़ाई ठप
11 दिन से हड़ताल पर वोकेशनल टीचर
हिमाचल प्रदेश में 80 हजार स्टूडेंट्स की पढ़ाई ठप हो गई है, क्योंकि वोकेशनल टीचर पिछले 11 दिनों से हड़ताल पर हैं। यह स्थिति छात्रों के शैक्षणिक भविष्य पर गंभीर प्रभाव डाल रही है। टीचर्स ने अपनी सैलरी और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार के लिए आवाज उठाई है, और उनके आंदोलन ने आज तक कोई ठोस परिणाम नहीं दिया है।
सीएम को कहा - मरते दम तक इंतजार करेंगे
हड़ताली शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से संवाद किया और कहा कि वे 'मरते दम तक इंतजार करेंगे' जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। इस बयान ने सरकार के प्रति शिक्षकों की निराशा को उजागर किया, जो कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने में विफल हो रही है। कार्यकर्ताओं ने अपनी दृढ़ता व्यक्त की है और शिक्षा के अधिकार की रक्षा के लिए लड़ने की तैयारी की है।
छात्रों पर असर
इस हड़ताल के कारण करीब 80 हजार स्टूडेंट्स की पढ़ाई बाधित हो गई है। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकाले ताकि छात्रों का भविष्य प्रभावित न हो। शिक्षा विभाग में यह स्थिति विद्यमान रहने से छात्रों में चिंता और अवसाद का माहौल बन रहा है।
सम्भावित समाधान
सरकार को तत्काल इस विवाद का समाधान निकालने के लिए एक समिति का गठन करना चाहिए जो शिक्षकों और उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करे। संज्ञान लेना और उचित निर्णय लेना आवश्यक है ताकि शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में जारी ये हड़ताल एक गंभीर स्थिति का संकेत है। इसलिए यह आवश्यक है कि सरकार और शिक्षकों के बीच बातचीत बढ़े ताकि जल्दी ही इस समस्या का समाधान हो सके। शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का है, और इस पर किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं होनी चाहिए।
News by indiatwoday.com
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