अतिक्रमण और जाम से कराह रहा पत्रकारपुरम लखनऊ का बाजार:दैनिक भास्कर को गिनाई समस्याएं, ऑनलाइन बाजार को लेकर जताई चिंता
पत्रकारपुरम के व्यापारियों ने अतिक्रमण और जाम की समस्या को लेकर आक्रोश जताया। व्यापारियों ने कहा कि कुछ लोगों के चलते पत्रकारपुरम् मार्केट की सूरत बिगड़ रही है। इसके साथ ही व्यापारियों ऑनलाइन व्यापार के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए चिंता दिखाई। व्यापारियों ने कहा कि ऐसे ही ऑनलाइन का प्रभाव बढ़ा तो आने वाले कुछ सालों में फुटकर दुकान और बाजार का नाम इतिहास बन जाएगा। पत्रकारपुरम लखनऊ के पॉश इलाके का बाजार माना जाता है। यहां गोमती नगर के सभी खंडों के लोग बाजार करने आते हैं। पर इन दिनों यह बाजार बेरतीब हो चुका है। यहां एक ओर साइकिल पथ पर ठेले, खोमचे, सिलाई और चाबी बनाने वालों का कब्जा है वहीं फुटपाथ पर स्टैंडिंग कपड़े और जूता चप्पल के अलावा खाने पीने के सामान बेचने वालों का कब्जा है। दैनिक भास्कर एप के "आपके बीच" अभियान के तहत पत्रकार पुरम के व्यापारियों ने ऐसी तमाम समस्याओं के बारे में बेबाकी से बात की। अतिक्रमण और जाम से व्यापार प्रभावित, ऑनलाइन बाजार का भी असर पत्रकारपुरम बाजार में व्यापार करने वाले व्यापारियों ने बढ़ते अतिक्रमण और यातायात जाम को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। व्यापार व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद दुबे 1999 से इस बाजार में व्यापार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण और जाम की समस्या अब विकराल रूप ले रही है। उन्होंने इसके लिए कुछ व्यापारियों और प्रशासन के सहमति वाले रवैये को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "एक ठेला बाजार में लगता है, और कुछ ही दिनों में उसके रिश्तेदार भी ठेले लेकर पहुंच जाते हैं। इससे न केवल बाजार की सूरत बिगड़ रही है बल्कि ग्राहकों के आने-जाने में भी दिक्कत हो रही है।" राजेंद्र दुबे ने ऑनलाइन बाजार के बढ़ते प्रभाव के कारण भी व्यापार चौपट होने की बात कही।उनका कहना है कि यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया और बाजार का सुंदरीकरण नहीं किया गया तो ग्राहकों की संख्या घटेगी और व्यापार चौपट हो सकता है। अतिक्रमण और साफ-सफाई मुख्य समस्या पत्रकारपुरम व्यापार मंडल के महामंत्री मनीष गुप्ता ने स्थानीय व्यापारियों की सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण और साफ-सफाई बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारपुरम क्षेत्र में अतिक्रमण और साफ-सफाई की कमी से व्यापारियों और नागरिकों को रोजाना कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क किनारे फैले अतिक्रमण के कारण यातायात बाधित होता है। ग्राहक आसानी से दुकानों तक पहुंच नहीं पाते। इसके साथ ही क्षेत्र में कूड़े के ढेर और नियमित सफाई व्यवस्था न होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। मनीष गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों के लिए अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है ताकि व्यापार को प्रोत्साहन मिले और क्षेत्र का विकास हो। अतिक्रमण से चौपट हो रहा बाजार 25 सालों से व्यापार कर रहे संजय शुक्ला ने कहा, "साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब है। कूड़ा निस्तारण की कोई नियमित व्यवस्था नहीं है। इससे बाजार का माहौल बिगड़ रहा है। यह सब राम भरोसे चल रहा है। प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।" व्यापार मंडल ने इस समस्या को लेकर नगर निगम और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि कई प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया पर फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लोग उपपर भारी पड़ जाते हैं। सफाई के साथ पार्किंग की समस्या बनी चुनौती वरिष्ठ व्यापारी उपेंद्र पाण्डेय ने पार्किंग की समस्या को इस क्षेत्र का सबसे गंभीर मुद्दा करार दिया। बताया कि कुछ साल पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने पार्किंग के लिए अवैध कब्जा हटवाया था। उस समय व्यापारियों को उम्मीद जगी थी कि क्षेत्र में सुचारू पार्किंग व्यवस्था बनाई जाएगी। लेकिन आज तक पार्किंग का निर्माण नहीं कराया गया। उल्टे ने एलडीए ने उस जगह पर ताला लगा दिया। इससे वहां कोई भी वाहन खड़ा नहीं हो सकता। पाण्डेय ने कहा, "पार्किंग की कमी के कारण लोग गाड़ियाें को बेतरतीब खड़ी करते हैं। इसके चलते चारों ओर जांच की समस्या उत्पन्न हो रही है। एलडीए की निष्क्रियता ने इस समस्या को और जटिल बना दिया है।" अतिक्रमण के कारण जाम से व्यापार ठप व्यापारी प्रेम आहूजा ने बताया कि सड़कों पर अतिक्रमण के चलते जाम लगना आम हो गया है। जब जाम लगता है तो ग्राहक यहां आने से बचते हैं इससे व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।आहूजा ने कहा, "जाम के कारण ग्राहक और व्यापारी दोनों ही यहां रुकने से बचते हैं। इस समस्या के चलते व्यापार ठप होने की कगार पर है।" स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन से अपील की है कि अतिक्रमण को हटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि यातायात सुचारु हो सके और व्यापारिक गतिविधियां फिर से पटरी पर आ सकें। पाॅर्किंग की समस्या से जूझ रहा पत्रकारपुरम व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष सुजीत श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में पार्किंग की समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। जो स्थान पार्किंग के लिए निर्धारित किए गए थे, उन पर अब अतिक्रमण कर लिया गया है। सुजीत श्रीवास्तव ने व्यापारियों और स्थानीय प्रशासन के बीच सामंजस्य न होने से यह समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा, "पार्किंग के लिए छोड़ी गई जगहों का दुरुपयोग हो रहा है इससे व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।" उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए और पार्किंग की व्यवस्था सुचारू की जाए। पुलिस के नाक के नीचे अतिक्रमण 25 साल से व्यापार कर रहे अमित निगम ने कहा कि यहां अतिक्रमण इतना अधिक है कि पिंक बूथ के आस पास तक कब्जा कर लिया गया है। अतिक्रम की शुरुआत पुलिस चौकी के पास से ही होती है। जब चौकी के पास ही अतिक्रमण रहेगा तो आम जगह कैसे बचने की उम्मीद करते हैें। 45 मीटर का रास्ता पांच मीटर में बदल गया है। चारों दिशाओं से चौराहे पर आना मुश्किल है। एक ठेले वाला अपने साथ चार ठेले लगवाता है। यदि अतिक्रमण की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आने वाले समय में पत्रकारपुरम बाजार का वजूद खत्म हो जाएगा। अतिक

पत्रकारपुरम लखनऊ के बाजार में अतिक्रमण और जाम की गंभीर समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, स्थानीय व्यापारियों ने अपनी परेशानियों को साझा किया और ऑनलाइन बाजार के बढ़ते प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की।
बाजार की वर्तमान स्थिति
पत्रकारपुरम का बाजार हमेशा से भीड़भाड़ वाला रहा है, लेकिन हाल के दिनों में अतिक्रमण ने स्थिति को और खराब कर दिया है। दुकानदारों का कहना है कि अवैध तरीके से बनाई गई दुकानें और सड़क पर खड़ी गाड़ियाँ, जाम की स्थायी समस्या बन गई हैं।
व्यापारियों की शिकायतें
व्यवसायी बताते हैं कि जाम के कारण ग्राहक अपनी पसंदीदा दुकानों तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। इसके अलावा, अतिक्रमण की वजह से सड़क पर चलना भी मुश्किल हो गया है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
ऑनलाइन बाजार का बढ़ता प्रभाव
दैनिक भास्कर से बात करते हुए कुछ व्यापारियों ने चिंता व्यक्त की कि ऑनलाइन बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय व्यापारियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो उन्हें अपनी दुकानों को बंद करने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
समस्याओं का समाधान
व्यापारियों का कहना है कि अगर शहर के विकास और स्थानीय व्यापार को बचाना है, तो प्रशासन को अतिक्रमण हटाने और ट्रैफिक प्रबंधन पर ध्यान देना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो लखनऊ का पत्रकारपुरम बाजार धीरे-धीरे अपने अस्तित्व को खो देगा।
सम्भवतः यह समय है कि स्थानीय सरकार और नागरिक दोनों ही मिलकर इस स्थिति का समाधान ढूंढें। सिर्फ प्रशासनिक कदम ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों को भी समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। Keywords: पत्रकारपुरम लखनऊ बाजार, अतिक्रमण, जाम, दैनिक भास्कर, ऑनलाइन बाजार, स्थानीय व्यापार, समस्या समाधान, व्यापारियों की शिकायतें, ट्रैफिक प्रबंधन, अवैध दुकानें, लखनऊ की स्थिति, बाजार की समस्याएं, स्थानीय सरकार, व्यापार का भविष्य. For more updates, visit indiatwoday.com.
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