अमेरिकी राष्ट्रपति के अफसरों ने सीएम-राज्यपाल को रोका था:जयपुर के सरपंच-वार्ड पंचों ने ठुकरा दिया था क्लिंटन का गिफ्ट; सुरक्षा घेरा तोड़ ग्रामीणों से मिले

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेम्स डेविड वेंस 21 अप्रैल से चार दिन के जयपुर दौरे पर हैं। 22 अप्रैल को वेंस ने आमेर महल देखने के बाद जयपुर में बिजनस समिट को संबोधित किया। जेडी वेंस की यात्रा को देखकर आज से 25 साल पहले (23 मार्च 2020) तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की जयपुर यात्रा याद आ रही है। वे जयपुर में दो दिन रुके थे। क्लिंटन और वेंस की यात्रा के बाद जयपुर से लेकर दिल्ली और वॉशिंगटन में बहुत कुछ बदला है। क्लिंटन की यात्रा को याद करने के पीछे उस समय की कई घटनाएं भी हैं। जेडी वेंस ऐसे वक्त पर जयपुर दौरे पर हैं जब अमेरिकी टैरिफ और ट्रेड वॉर की आशंका को लेकर विवाद चल रहा है। क्लिंटन की यात्रा के वैश्विक सीन अलग तरह का था। क्लिंटन की 25 साल पुरानी यात्रा को इसलिए भी याद किया जाता है कि इसी दौरे के बाद ई-मित्र की शुरुआत हुई। इस दौरे के दौरान सुरक्षा के लिहाज से भी इतनी सख्ती थी कि सीएम अशोक गहलोत और राज्यपाल तक को रोक दिया था। पहले फोटो में देखें क्लिंटन की 25 साल पुरानी यात्रा.... पढ़िए 25 साल पुरानी यात्रा के रोचक किस्से... क्लिंटन के हाथों हुई पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने की शुरुआत क्लिंटन ने जयपुर से करीब 26 किमी दूर नायला में राजस्थान के पहले सूचना कियोस्क का लोकार्पण किया था। यहीं से ई मित्र की शुरुआत हुई थी । इसके बाद सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा था। राज्य की पहली आईटी नीति-2000 भी इसी साल लागू हुई थी। पंचायतों को ऑनलाइन सुविधा से जोड़ने के इस लोकार्पण के बाद ही प्रदेश के गांव-गांव में ई मित्र कियोस्क खोले गए थे। बाद में सरकारी प्रोजेक्ट के तहत हर पंचायत को इंटरनेट से जोड़ा गया। नायला पंचायत में क्लिंटन ने सिक्योरिटी घेरा तोड़कर लोगों के साथ डांस किया था क्लिंटन ने नायला ग्राम पंचायत की बैठक के बाद धोबलाई दुग्ध समिति की महिला सदस्यों से चर्चा की थी। क्लिंटन ने दूध उत्पादन से जुड़े प्रोसेस पर महिलाओं से जानकारी ली थी। इसके बाद क्लिंटन सिक्योरिटी का घेरा तोड़कर लोगों के बीच चले गए थे। इस दौरान उन्होंने लोगों से हाथ भी मिलाया था। क्लिंटन के अचानक जनता के बीच चले जाने से अमेरिकी सिक्योरिटी एजेंसियों के अफसरों को भी मशक्कत करनी पड़ी थी। क्लिंटन का नायला दौरा अब तक चर्चा में रहता है। बेटी चैलसी के साथ क्लिंटन ने आमेर महल देखा था बिल क्लिंटन बेटी चैल्सी क्लिंटन के साथ जयपुर आए थे। क्लिंटन ने आमेर महल का दौरा किया था। वहां क्लिंटन ने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट रावणहत्था बजाकर देखा था। इस दौरान आमेर के इतिहास और राजा रानियों से जुड़े किस्से सुनाए गए। इसके बाद क्लिंटन ने अपनी बेटी के साथ हेलिकॉप्टर से जयपुर का एरियल व्यू भी लिया था। नायला पंचायत ने ठुकरा दिया था क्लिंटन का गिफ्ट बिल क्लिंटन ने नायला ग्राम पंचायत के काम करने के सिस्टम पर बात की थी। क्लिंटन के जाने के बाद अमेरिकी अफसरों ने सरपंच से गिफ्ट की पेशकश की, लेकिन यह शर्त भी रख दी कि वे बाजार से 5000 रुपए कीमत का कोई भी मन-पसंद गिफ्ट खरीद लें। यह बात नायला पंचायत के सरपंच और वार्ड पंचों को अपमानजनक लगी। उन्होंने इस तरह की शर्त के साथ गिफ्ट लेने से साफ इनकार कर दिया। अमेरिकी अफसरों ने नायला के स्कूल और हॉस्पिटल को गिफ्ट के तौर पर सामान खरीदकर दिए थे। स्कूल और हॉस्पिटल के लिए भी 5000 रुपए की ही सीमा थी, लेकिन दोनों ने गिफ्ट स्वीकार किए थे। क्लिंटन की यात्रा के वक्त अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती पर विवाद हुआ था बिल क्लिंटन की 25 साल पहले हुई जयपुर यात्रा के दौरान अमेरिकी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अफसरों की सख्ती और उनके बर्ताव को लेकर विवाद हुआ था। जहां-जहां भी क्लिंटन गए, वहां सभी जगह अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने कई दिन पहले से ही इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था। आमेर किले पर भी एंट्री को लेकर मंत्रियों और अफसरों तक को इजाजत नहीं दी गई थी। इसे लेकर विवाद भी हुए थे। स्टेट हैंगर पर राज्यपाल और सीएम तक को सिक्योरिटी जांच के लिए रोक लिया था बिल क्लिंटन की जयपुर यात्रा के दौरान अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों के बर्ताव को लेकर कई तरह की शिकायतें मिली थीं। वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डांडिया ने अपनी पुस्तक मुखोटों के पीछे में अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों के बर्ताव को ​लेकर विस्तार से लिखा है। क्लिंटन के दौरे के वक्त स्टेट हैंगर पर गए तत्कालीन गर्वनर (राज्यपाल) अंशुमान सिंह और तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत तक को अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों ने रोक लिया था। परिचय देने के बावजूद अमेरिकी अफसर राज्यपाल और सीएम की सिक्योरिटी चेकिंग के लिए अड़ गए। इस पर तत्कालीन डीजीपी अमिताभ गुप्ता ने सख्त रुख अपनाया था। उन्होंने इसे अपमानजनक बर्ताव बताते हुए प्रोटोकॉल के खिलाफ करार दिया। सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती को लेकर खूब आलोचना हुई थी। अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस के जयपुर दौरे की यह खबर भी पढ़िए... अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले-भारत में मेरी पत्नी मुझसे बड़ी सेलिब्रिटी:वेंस ने परिवार समेत आमेर फोर्ट देखा; बेटी को गोद में लेकर घूमे अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को जयपुर में एक बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में मेरी पत्नी मुझसे बड़ी सेलिब्रिटी है। मैं कई देशों में गया हूं, पहली बार भारत आया हूं। (यहां पढ़ें पूरी खबर)

Apr 23, 2025 - 07:00
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अमेरिकी राष्ट्रपति के अफसरों ने सीएम-राज्यपाल को रोका था:जयपुर के सरपंच-वार्ड पंचों ने ठुकरा दिया था क्लिंटन का गिफ्ट; सुरक्षा घेरा तोड़ ग्रामीणों से मिले
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेम्स डेविड वेंस 21 अप्रैल से चार दिन के जयपुर दौरे पर हैं। 22 अप्रैल को वेंस न

अमेरिकी राष्ट्रपति के अफसरों ने सीएम-राज्यपाल को रोका था: जयपुर के सरपंच-वार्ड पंचों ने ठुकरा दिया था क्लिंटन का गिफ्ट; सुरक्षा घेरा तोड़ ग्रामीणों से मिले

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक दिलचस्प घटना हुई, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति के अधिकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को रोक दिया। यह स्थिति उस समय उत्पन्न हुई जब जयपुर के सरपंच और वार्ड पंचों ने अंतरराष्ट्रीय अतिथि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा भेजे गए gifts को ठुकरा दिया। इससे स्पष्ट होता है कि स्थानीय नेताओं ने अपनी ज़िम्मेदारियों को बिना किसी बाहरी दबाव के निभाने का निर्णय लिया।

घटनाक्रम का विश्लेषण

यह घटना राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ प्रस्तुत करती है। सरपंचों और वार्ड पंचों ने न केवल क्लिंटन के गिफ्ट को स्वीकार करने से इनकार किया, बल्कि सुरक्षा घेरे को तोड़कर स्थानीय ग्रामीणों से भी मिले। ईमानदारी और स्वाभिमान को दर्शाते हुए, उन नेताओं ने यह साबित किया कि वे स्थानीय मुद्दों और ग्रामीणों की भलाई पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।

स्थानीय प्रतिक्रिया

इस घटना पर प्रतिक्रियाएँ तेजी से आई हैं। स्थानीय निवासियों ने सरपंचों और वार्ड पंचों के इस निर्णय का समर्थन किया है, जिसके कारण स्थानीय नेतृत्व में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। समुदाय के सदस्यों ने कहा कि यह घटना उनके समर्पण और स्थानीय मुद्दों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

सुरक्षा घेरे का तोड़ना

अमेरिकी अधिकारियों की सुरक्षा तंत्र को देखते हुए, सुरक्षा घेरे को तोड़ना एक साहसिक कदम था। यह साबित करता है कि स्थानीय नेता मुख्यधारा के राजनीतिक दबाव से ऊपर उठकर अपने समुदाय के लिए सच्चाई की ओर अग्रसर हैं।

बिल क्लिंटन के इस दौरे को लेकर पहले से कई चर्चाएँ चल रही थीं, लेकिन इस प्रकार की प्रतिक्रिया ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया। यह घटना निश्चित रूप से देश की राजनीति में स्थानीय स्वायत्तता और नेतृत्व की महत्वता पर एक नया प्रकाश डालती है।

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समापन विचार

जयपुर में अमेरिकी राष्ट्रपति के अधिकारियों द्वारा की गई यह कार्रवाई एक राजनीतिक संवाद का हिस्सा है, जो स्थानीय शासन की महत्ता को उजागर करता है। इस घटना के माध्यम से, यह स्पष्ट है कि स्थानीय नेता और समुदाय के लोग अपने हितों के लिए दृढ़ हैं और बाहर से आए प्रस्तावों को ठुकराने में सक्षम हैं। क_keywords: अमेरिकी राष्ट्रपति, जयपुर, क्लिंटन का गिफ्ट, सरपंच-वार्ड पंच, स्थानीय राजनीति, सुरक्षा घेरे, ग्रामीण मिलन, राजनीतिक संवाद, स्थानीय प्रमुख, राजस्थान, विदेशियों का स्वागत, भारतीय राजनीति, क्लिंटन दौरा, जयपुर समाचार, स्थानीय शासन

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