वाराणसी में रेलवे पर लगा 20.25 लाख का जुर्माना:बनारस स्टेशन पर कोच डिस्प्ले न काम करने से गिरे थे बुजुर्ग, उपभोक्ता आयोग ने दिया फैसला
वाराणसी के बनारस स्टेशन पर अलीगढ़ जा रहे 66 साल के बुजुर्ग के ट्रेन पकड़ते समय हुई असुविधा और गिरने के मामले में रेलवे पर जुर्माना लगा है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सुनवाई करते हुए यात्री को 20.25 की भरपाई देने का फैसला सुनाया है। बुजुर्ग के अधिवक्ता पुत्र ने अपील करते हुए बताया था कि पिता का इलाज कराने में करीब 40 लाख रुपए खर्च हुए हैं। कोच डिस्प्ले न लगा होने से ट्रेन पकड़ने में हुई थी दिक्कत आयोग में दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार - अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी क्षेत्र के रघवीरपुरी निवासी दुर्गेश चंद्र गौतम (66) अपनी पत्नी सुधा के साथ बनारस आये थे। यहां से वापस लौटते समय 20 अगस्त 2024 को बनारस स्टेशन से ट्रेन पकड़ने पहुंचे थे। आरोप है कि स्टेशन पर कोच बोर्ड डिस्प्ले नहीं चल रहा था। ऐसे में बुजुर्ग दंपति का कोच काफी दूर रह गया। इससे प्लेटफार्म पर ट्रेन आने से अत्यधिक भीड़ का दबाव हुआ और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। गिरने से घुटने में आई थी गंभीर चोट बुजुर्ग के अधिवक्ता बेटे देवेश गौतम ने आयोग को बताया - भीड़ की वजह से मेरे पिता प्लेटफार्म पर गिर गए और उनके घुटने के काफी गहरी चोट आयी। किसी तरह उन्हें यात्रियों की मदद से मां सीट तक ले जा पाई और फिर मुझे सूचना दी। इसपर अलीगढ स्टेशन पर ट्रेन आने पर मै उन्हें व्हीलचेयर से लेकर कार तक लाया। जहां से अस्पताल लाया तो घुटने का ऑपरेशन हुआ। जिसके बाद कई महीने तक मेरे पिता बेड पर रहे। रेलवे की लापरवाही का दर्ज कराया था वाद देवेश गौतम ने इस मामले में नंवबर 2024 में रेलवे की लापरवाही और सेवा की कमी को लेकर अलीगढ उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के न्यायालय में 40 लाख 25 हजार का मुआवजा देने का वाद दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए तीन सदस्यी पीठ ने 20 लाख 25 हजार जुर्माने का आदेश रेलवे को दिया है।

वाराणसी में रेलवे पर लगा 20.25 लाख का जुर्माना
वाराणसी के बनारस स्टेशन पर एक महत्वपूर्ण घटना घटित हुई, जिसमें रेलवे को 20.25 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया। यह जुर्माना उस समय लगाया गया जब स्टेशन पर कोच डिस्प्ले काम नहीं कर रहा था, जिसके कारण एक बुजुर्ग व्यक्ति गिर गए। यह मामला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसने इस मामले में गहरी जांच के बाद अपना निर्णय सुनाया।
घटनाक्रम की जानकारी
इस घटना में, बुजुर्ग व्यक्ति कोच डिस्प्ले न functioning के कारण गंभीर रूप से घायल हुए। उन्होंने स्टेशन पर सुरक्षा प्रणाली की कमी को लेकर शिकायत की। उपभोक्ता आयोग ने मामले की गंभीरता को समझा और रेलवे द्वारा उपभोक्ताओं की सुरक्षा में की गई लापरवाही पर ध्यान दिया।
उपभोक्ता आयोग का फैसला
उपभोक्ता आयोग ने यह फैसला सुनाया कि रेलवे को अपने सिस्टम में सुधार लाना होगा एवं सुरक्षा प्रावधानों का पालन करना होगा। यह न केवल उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते हैं, बल्कि यह सभी यात्रियों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य भी करता है।
रेलवे की प्रतिक्रिया
रेलवे ने आयोग के निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि वे सुरक्षा में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। रेलवे ने यह भी कहा है कि वे तकनीकी दोषों को समय-समय पर निराकृत करने का प्रयास करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
संबंधित जानकारी
इस निर्णय ने अन्य यात्रियों में भी जागरूकता ब्रीद की है। अब ग्राहक सावधानी पूर्वक यात्रा करने के प्रति सचेत होंगे। सही सूचना और व्यवस्था की कमी के चलते यात्रा करने वालों को हमेशा सतर्क रहना होगा। इस घटना ने रेलवे की जिम्मेदारियों को एक बार फिर से उजागर किया है।
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निष्कर्ष
वाराणसी का यह मामला दर्शाता है कि यात्रियों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। उपभोक्ता आयोग की कार्रवाई एक उदाहरण है कि सार्वजनिक सेवाओं में लापरवाही को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। Keywords: वाराणसी रेलवे जुर्माना, बनारस स्टेशन कोच डिस्प्ले, उपभोक्ता आयोग फैसला, बुजुर्ग व्यक्ति गिरना, रेलवे सुरक्षा मुद्दे, भारतीय रेलवे समस्या, वाराणसी घटना जांच, सार्वजनिक परिवहन सुरक्षा, रेलवे सुधार कदम, रेलवे तकनीकी दोष, यात्रा जागरूकता, रेलवे परिवहन प्रणाली, उपभोक्ता अधिकार सुरक्षा.
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