अब पाकिस्तानी सेना पर बलूच आर्मी का फिदायीन हमला:दावा- 90 सैनिक मारे; 8 बसों के काफिले पर अटैक किया
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने रविवार को पाकिस्तानी सेना पर फिदायीन हमले का दावा किया है। BLA के मुताबिक उनकी मजीद ब्रिगेड और फतेह ब्रिगेड ने सेना के काफिले पर सुसाइड बॉम्बिंग की। इसमें 90 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। BLA के मुताबिक क्वेटा से कफ्तान जा रहे मिलिट्री के 8 वाहनों पर हमला किया गया। नोशकी के हाईवे के पास फिदायीन लड़ाकों ने वाहनों को निशाना बनाया। नोशकी के SHO जफरुल्लाह सुलेमानी ने बताया कि एक फिदायीन विस्फोटकों से भरी गाड़ी लेकर सेना के काफिले से टकरा गया। इसके बाद BLA की फतेह स्क्वॉड के लड़ाकों ने सेना के काफिले में घुसकर सैनिकों की हत्या की। जिस वाहन पर सुसाइड अटैक किया गया था, वो पूरी तरह तबाह हो गया। सुलेमानी के मुताबिक घायलों को नोशकी के अस्पताल में भर्ती किया गया है। इलाके में इमरजेंसी लगा दी गई है। 5 दिन पहले ही BLA ने एक पैसेंजर ट्रेन का अपहरण कर लिया था। महिलाओं और बच्चों को इससे निकाला गया था। पांच दिन पहले BLA ने ट्रेन हाईजैक की थी इससे पहले 11 मार्च को को BLA ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर पैसेंजर ट्रेन को हाईजैक कर लिया था। जाफर एक्सप्रेस मंगलवार की सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी। इसके सिबि पहुंचने का टाइम 1.30 बजे था। इससे पहले ही दोपहर करीब 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने इस हमले को अंजाम दिया। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया। सबसे पहले बलूच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ। इस ट्रेन में सुरक्षाबल, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया, लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। BLA ने दावा किया कि उसने सभी 214 बंधकों को मार दिया था। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है। BLA की प्रमुख मांग पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान देश का गठन करना है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं। इनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है। BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर सिडनी स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस की तरफ से जारी वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) रिपोर्ट 2025 में पाकिस्तान को दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित देश बताया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं। रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।

अब पाकिस्तानी सेना पर बलूच आर्मी का फिदायीन हमला
हाल ही में बलूच आर्मी द्वारा पाकिस्तानी सेना पर एक आत्मघाती हमला किया गया है, जिसमें खबरों के अनुसार 90 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा पर संकट पैदा कर दिया है और सरकार की सैन्य रणनीतियों पर सवाल उठाए हैं।
हमले के विवरण
इस फिदायीन हमले की जानकारी मिली है कि यह 8 बसों के काफिले पर किया गया। बलूच आर्मी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और इसे पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक सफल ऑपरेशन करार दिया है। इस हमले के चलते इलाके में तनाव बढ़ गया है और स्थानीय लोगों में भय का माहौल देखा जा रहा है।
बलूच आर्मी की पृष्ठभूमि
बलूच आर्मी एक विद्रोही समूह है जो बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई कर रहा है। इस समूह ने कई बार पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमलों को अंजाम दिया है। उनके द्वारा उठाए गए कदमों को अक्सर मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा जाता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस पर चर्चा होती रहती है।
सुरक्षा स्थिति
यह हमला एक ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान की सेना और बलूच विद्रोहियों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के घटनाक्रम सुरक्षा को और भी कमजोर कर सकते हैं। इसके चलते सियासी और सामाजिक अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
यह घटना अपनी गंभीरता में एक संकेत है कि बलूच आर्मी ने अपनी क्षमताओं को और मजबूत किया है। पाकिस्तान की सरकार को इस चल रही स्थिति के समाधान के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता होगी।
इस संबंध में आगे की जानकारी और अपडेट्स के लिए, कृपया 'News by indiatwoday.com' पर जाएं।
निष्कर्ष
पाकिस्तान पर होने वाले हमलों का प्रभाव न केवल इलाके में बल्कि पूरे देश की सुरक्षा नीति पर पड़ता है। अधिकारियों को इसे गंभीरता से लेने और जल्दी से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बलूच विद्रोह को हल्के में नहीं लिया जा सकता और सुरक्षा के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। Keywords: बलूच आर्मी फिदायीन हमला, पाकिस्तानी सेना, 90 सैनिक मारे गए, बलूचिस्तान संघर्ष, सुरक्षा स्थिति, बलूच आर्मी की पृष्ठभूमि, आत्मघाती हमला, पाकिस्तान में सुरक्षा मुद्दे, बलूच विद्रोही समूह
What's Your Reaction?






