उन्नाव में अधिवक्ताओं ने तीन दिन बाद समाप्त की हड़ताल:एसडीएम के आश्वासन पर माने, समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन; रिश्वतखोरी के आरोप थे

उन्नाव की बांगरमऊ तहसील में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा जारी हड़ताल समाप्त हो गई। यह हड़ताल तीसरे दिन के बाद एसडीएम नर्मता सिंह के साथ हुई बैठक के बाद समाप्त हुई, जिसमें उन्होंने अधिवक्ताओं द्वारा प्रस्तुत की गई समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। बैठक में तहसीलदार रामाश्रय और अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुभाष चंद्र शुक्ला भी उपस्थित थे। अधिवक्ताओं ने 11 बिंदुओं पर अपनी समस्याएं एसडीएम के सामने रखी थीं, जिनका निस्तारण जल्द किए जाने का आश्वासन एसडीएम ने दिया। अधिवक्ताओं का आरोप था कि तहसील में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। तहसील कर्मचारी खुलेआम निजी सहायकों से उगाही कर रहे हैं और पीड़ितों को परेशान किया जा रहा है। इसके अलावा फाइलें समय पर निस्तारित नहीं की जा रही हैं और अदालतों में कंप्यूटराइज्ड कॉज लिस्ट भी नहीं लगाई जा रही है। वकीलों के अनुसार एक महीने पहले सचिव भू-राजस्व परिषद को ज्ञापन भेजा गया था। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इन समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने गुरुवार और शुक्रवार को न्यायालयों का बहिष्कार किया और धरने पर बैठ गए थे। अधिवक्ताओं द्वारा दी गई 11 बिंदुओं की सूची में प्रमुख रूप से यह मांग की गई थी कि अदालतों में कंप्यूटराइज्ड कॉज लिस्ट लगाई जाए, तहसील में लेखपालों की उपस्थिति को नियमित किया जाए, और धारा 24, 38, 116 य० सं० की रिपोर्ट समयबद्ध और निःशुल्क मंगाई जाए। इसके अलावा, एसडीएम न्यायालय पेशी पर आदेश सीट की प्रक्रिया को सुधारने, खतौनी पर गलत अंश निर्धारण को ठीक करने, और कार्यालय में दलालों का प्रवेश निषेध करने की भी मांग की गई। इसके अलावा, नामांतरण आदेशों के अंकन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों के शीघ्र निस्तारण, और कर्मचारियों द्वारा की जा रही धन उगाही पर भी कठोर कार्रवाई की मांग की गई थी। एसडीएम नर्मता सिंह ने बैठक के दौरान अधिवक्ताओं से कहा कि उन्होंने जो समस्याएं उठाई हैं, उनका शीघ्र निस्तारण किया जाएगा।

Nov 24, 2024 - 08:25
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उन्नाव में अधिवक्ताओं ने तीन दिन बाद समाप्त की हड़ताल:एसडीएम के आश्वासन पर माने, समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन; रिश्वतखोरी के आरोप थे
उन्नाव की बांगरमऊ तहसील में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा जारी हड़ताल समाप्त हो गई। यह हड़ताल तीसरे दिन के बाद एसडीएम नर्मता सिंह के साथ हुई बैठक के बाद समाप्त हुई, जिसमें उन्होंने अधिवक्ताओं द्वारा प्रस्तुत की गई समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। बैठक में तहसीलदार रामाश्रय और अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुभाष चंद्र शुक्ला भी उपस्थित थे। अधिवक्ताओं ने 11 बिंदुओं पर अपनी समस्याएं एसडीएम के सामने रखी थीं, जिनका निस्तारण जल्द किए जाने का आश्वासन एसडीएम ने दिया। अधिवक्ताओं का आरोप था कि तहसील में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। तहसील कर्मचारी खुलेआम निजी सहायकों से उगाही कर रहे हैं और पीड़ितों को परेशान किया जा रहा है। इसके अलावा फाइलें समय पर निस्तारित नहीं की जा रही हैं और अदालतों में कंप्यूटराइज्ड कॉज लिस्ट भी नहीं लगाई जा रही है। वकीलों के अनुसार एक महीने पहले सचिव भू-राजस्व परिषद को ज्ञापन भेजा गया था। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इन समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने गुरुवार और शुक्रवार को न्यायालयों का बहिष्कार किया और धरने पर बैठ गए थे। अधिवक्ताओं द्वारा दी गई 11 बिंदुओं की सूची में प्रमुख रूप से यह मांग की गई थी कि अदालतों में कंप्यूटराइज्ड कॉज लिस्ट लगाई जाए, तहसील में लेखपालों की उपस्थिति को नियमित किया जाए, और धारा 24, 38, 116 य० सं० की रिपोर्ट समयबद्ध और निःशुल्क मंगाई जाए। इसके अलावा, एसडीएम न्यायालय पेशी पर आदेश सीट की प्रक्रिया को सुधारने, खतौनी पर गलत अंश निर्धारण को ठीक करने, और कार्यालय में दलालों का प्रवेश निषेध करने की भी मांग की गई। इसके अलावा, नामांतरण आदेशों के अंकन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों के शीघ्र निस्तारण, और कर्मचारियों द्वारा की जा रही धन उगाही पर भी कठोर कार्रवाई की मांग की गई थी। एसडीएम नर्मता सिंह ने बैठक के दौरान अधिवक्ताओं से कहा कि उन्होंने जो समस्याएं उठाई हैं, उनका शीघ्र निस्तारण किया जाएगा।

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