अखिलेश बोले-संभल में जानबूझकर हिंसा कराई:​​​​​​मायावती बोलीं- सरकार जिम्मेदार; याचिका, सर्वे और हिंसा से लेकर अबतक की पूरी कहानी

संभल में जामा मस्जिद में सर्वे का काम शांतिपूर्ण चल रहा था। जामिया कमेटी पूरी तरह से सहयोग कर रही थी। तभी बाहर भीड़ ने अचानक पथराव कर दिया और माहौल बिगड़ गया। सर्वे टीम के पहुंचने के 1 घंटे बाद ये सब हुआ। जामा मस्जिद के बाहर करीब 2 हजार की भीड़ आ गई। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो नहीं माने। पथराव करने लगे। गलियों से पत्थर गिरने लगे। भीड़ पुलिस की तरफ दौड़ी। पुलिस वालों को गलियों में छिपना पड़ा। बचने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। बाहर से पुलिस फोर्स बुलाना पड़ा। बवाल में एसपी-डिप्टी कलेक्टर भी घायल हो गए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जानबूझकर सुबह सर्वे की टीम भेजी गई। चुनाव में धांधली पर चर्चा न हो इसलिए टीम भेजी गई। संभल में माहौल बिगाड़ने की साजिश है। जानबूझकर हिंसा कराई गई। दूसरे पक्ष की कोई सुनने वाला नहीं है। सुबह-सुबह सर्वे की टीम को क्यों भेजा गया। जनता का ध्यान भटकाने के लिए हिंसा कराई गई। बता दें, हिंदू पक्ष ने मस्जिद में मंदिर होने की याचिका 19 नवंबर को दायर की थी। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद का सर्वे कराकर 26 नवंबर तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दें। उसके बाद 29 नवंबर से इस मामले में सुनवाई शुरू की जाएगी। लेकिन इस बीच यहां पर बवाल हो गया। बवाल पर रजवी बरेलवी बोले-जामा मस्जिद हमारी बवाल के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, जामा मस्जिद हमारी है। इसकी मीनारें, दीवारें और गुंबद इस बात का सबूत हैं कि यह एक तारीखी मस्जिद है। वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, यूपी उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी के नेता बौखला गए हैं। ये उनकी खुन्नस है। बवाल का कारण कहीं कुंदरकी सीट का नतीजा तो नहीं? ऐसा भी कहा जा रहा है कि ये बवाल कहीं न कहीं कुंदरकी विधानसभा में हुई भाजपा की जीत का नतीजा है। इस सीट पर 31 साल से सपा काबिज थी। जिस सीट पर उपचुनाव हुआ, वो जियाउर्रहमान बर्क के सांसद बने के बाद खाली हुई थी। इस सीट पर सपा अपनी जीत पक्की मान रही थी लेकिन रिजल्ट ने सभी को चौंका दिया। रिजल्ट आने के बाद सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा था, यहां चुनाव कराने की जरूरत ही क्या थी, डायरेक्ट सर्टिफिकेट दे देते। इन लोगों ने जनता का समय और पैसा बर्बाद किया है। सबसे पहले जानते हैं..आज विवाद कहां से शुरू हुआ- आज यानी 24 नवंबर दिन रविवार को सर्वे टीम सुबह करीब साढ़े 6 बजे शाही जामा मस्जिद के अंदर पहुंची। साथ में डीएम-एसपी भी मौजूद थे। टीम को करीब डेढ़ से दो घंटे तक सर्वे चला। वहीं साढ़े 8 बजे अचानक से मस्जिद के आसपास मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। करीब 2 हजार की भीड़ मौके पर जमा हो गई। बवाल इतना बढ़ गया कि सर्वे टीम साढ़े 10 बजे के करीब पुलिस सुरक्षा के बीच बाहर निकल आई। टीम को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। सड़क पर सिर्फ पत्थर और चप्पलें दिख रही पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। संभल में हालात बेकाबू हैं। गलियों में जगह-जगह पथराव हो रहा है। पूरे क्षेत्र में भगदड़ मच गई। उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। सड़क पर सिर्फ पत्थर और चप्पलें दिख रही हैं। बवाल को देखकर ऐसा लग रहा है कि इसकी तैयारी पहले से ही थी। पथराव और आगजनी से एसपी- डिप्टी कलेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। एसपी ने हाथ में गन लेकर मोर्चा संभाला। अब आपको बताते हैं, इस बवाल के पीछे की पूरी कहानी शुरुआत होती है, 19 नवंबर..दिन मंगलवार। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने दोपहर डेढ़ बजे सिविल कोर्ट में एक याचिका लगाई। उन्होंने संभल की शाही मस्जिद में श्री हरि मंदिर होने का दावा किया। उनका कहना था, यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होना है। बता दें, शाही जामा मस्जिद संभल की सदर कोतवाली क्षेत्र के कोट पूर्वी में स्थित है। महंत के याचिका दायर करने के ढाई घंटे बाद ही सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने ऑर्डर कर दिया कि मस्जिद का सर्वे होगा। वीडियो और फोटोग्राफी कराकर रिपोर्ट 7 दिन में दाखिल करें। कोर्ट ने एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। शाम 4 बजे आदेश आने के महज 2 घंटे के अंदर शाम सवा 6 बजे सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे के सर्वे के बाद टीम रात करीब पौने 8 बजे बाहर आई। सर्वे टीम ने मस्जिद के फोटो-वीडियो लिए थे सर्वे के लिए प्रशासन की तरफ से 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई। जो सर्वे टीम के साथ थी। सर्वे टीम ने मस्जिद के भीतर वीडियो और फोटो लिए। हरिशंकर जैन के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर भी मस्जिद के भीतर थे। याचिकाकर्ता महंत ऋषि राज गिरि को मस्जिद में एंट्री नहीं मिली थी। वे सर्वे होने तक बाहर खड़े रहे थे। सर्वे के दौरान मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रही थी। सर्वे के बाद से सुरक्षा के लिहाज से मस्जिद के आसपास पुलिस की टीम को तैनात रखा गया। सर्वे के दो दिन बाद जुमे की नमाज, भीड़ इतनी गेट बंद करना पड़ा सर्वे के 2 दिन बाद यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज होनी थी। विवाद की स्थिति पैदा न हो इसलिए मस्जिदों से ये एलान किया गया कि नमाजी अपने क्षेत्र के पास की मस्जिदों में नमाज पढ़े। लेकिन उसके बाद भी शाही जामा मस्जिद में ढाई हजार से ज्यादा नमाजी नमाज पढ़ने पहुंचे। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी नमाज पढ़ने मस्जिद पहुंचे। बवाल की आशंका के चलते पहले से ही पुलिस बल को तैनात रखा गया। आसपास के क्षेत्रों से भी पुलिस बल को बुलाया गया था। ड्रोन से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही थी। बर्क बोले- हंसाए तो बगावत है, रुलाएं तो बगावत है जुमे के दिन जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मीडिया से बात की। कहा.. “कसूरे गम से दो आंसू बहाएं तो आफत है, और सितम सारे जमाने के भूल जाएं तो बगावत है। समझ नहीं आता, छेड़ें तो दास्तां कैसे, हंसाए तो बगावत है, रुलाएं तो बगावत है।” शरारती तत

Nov 24, 2024 - 14:15
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अखिलेश बोले-संभल में जानबूझकर हिंसा कराई:​​​​​​मायावती बोलीं- सरकार जिम्मेदार; याचिका, सर्वे और हिंसा से लेकर अबतक की पूरी कहानी
संभल में जामा मस्जिद में सर्वे का काम शांतिपूर्ण चल रहा था। जामिया कमेटी पूरी तरह से सहयोग कर रही थी। तभी बाहर भीड़ ने अचानक पथराव कर दिया और माहौल बिगड़ गया। सर्वे टीम के पहुंचने के 1 घंटे बाद ये सब हुआ। जामा मस्जिद के बाहर करीब 2 हजार की भीड़ आ गई। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो नहीं माने। पथराव करने लगे। गलियों से पत्थर गिरने लगे। भीड़ पुलिस की तरफ दौड़ी। पुलिस वालों को गलियों में छिपना पड़ा। बचने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। बाहर से पुलिस फोर्स बुलाना पड़ा। बवाल में एसपी-डिप्टी कलेक्टर भी घायल हो गए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जानबूझकर सुबह सर्वे की टीम भेजी गई। चुनाव में धांधली पर चर्चा न हो इसलिए टीम भेजी गई। संभल में माहौल बिगाड़ने की साजिश है। जानबूझकर हिंसा कराई गई। दूसरे पक्ष की कोई सुनने वाला नहीं है। सुबह-सुबह सर्वे की टीम को क्यों भेजा गया। जनता का ध्यान भटकाने के लिए हिंसा कराई गई। बता दें, हिंदू पक्ष ने मस्जिद में मंदिर होने की याचिका 19 नवंबर को दायर की थी। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद का सर्वे कराकर 26 नवंबर तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दें। उसके बाद 29 नवंबर से इस मामले में सुनवाई शुरू की जाएगी। लेकिन इस बीच यहां पर बवाल हो गया। बवाल पर रजवी बरेलवी बोले-जामा मस्जिद हमारी बवाल के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, जामा मस्जिद हमारी है। इसकी मीनारें, दीवारें और गुंबद इस बात का सबूत हैं कि यह एक तारीखी मस्जिद है। वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, यूपी उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी के नेता बौखला गए हैं। ये उनकी खुन्नस है। बवाल का कारण कहीं कुंदरकी सीट का नतीजा तो नहीं? ऐसा भी कहा जा रहा है कि ये बवाल कहीं न कहीं कुंदरकी विधानसभा में हुई भाजपा की जीत का नतीजा है। इस सीट पर 31 साल से सपा काबिज थी। जिस सीट पर उपचुनाव हुआ, वो जियाउर्रहमान बर्क के सांसद बने के बाद खाली हुई थी। इस सीट पर सपा अपनी जीत पक्की मान रही थी लेकिन रिजल्ट ने सभी को चौंका दिया। रिजल्ट आने के बाद सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा था, यहां चुनाव कराने की जरूरत ही क्या थी, डायरेक्ट सर्टिफिकेट दे देते। इन लोगों ने जनता का समय और पैसा बर्बाद किया है। सबसे पहले जानते हैं..आज विवाद कहां से शुरू हुआ- आज यानी 24 नवंबर दिन रविवार को सर्वे टीम सुबह करीब साढ़े 6 बजे शाही जामा मस्जिद के अंदर पहुंची। साथ में डीएम-एसपी भी मौजूद थे। टीम को करीब डेढ़ से दो घंटे तक सर्वे चला। वहीं साढ़े 8 बजे अचानक से मस्जिद के आसपास मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। करीब 2 हजार की भीड़ मौके पर जमा हो गई। बवाल इतना बढ़ गया कि सर्वे टीम साढ़े 10 बजे के करीब पुलिस सुरक्षा के बीच बाहर निकल आई। टीम को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। सड़क पर सिर्फ पत्थर और चप्पलें दिख रही पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। संभल में हालात बेकाबू हैं। गलियों में जगह-जगह पथराव हो रहा है। पूरे क्षेत्र में भगदड़ मच गई। उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। सड़क पर सिर्फ पत्थर और चप्पलें दिख रही हैं। बवाल को देखकर ऐसा लग रहा है कि इसकी तैयारी पहले से ही थी। पथराव और आगजनी से एसपी- डिप्टी कलेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। एसपी ने हाथ में गन लेकर मोर्चा संभाला। अब आपको बताते हैं, इस बवाल के पीछे की पूरी कहानी शुरुआत होती है, 19 नवंबर..दिन मंगलवार। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने दोपहर डेढ़ बजे सिविल कोर्ट में एक याचिका लगाई। उन्होंने संभल की शाही मस्जिद में श्री हरि मंदिर होने का दावा किया। उनका कहना था, यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होना है। बता दें, शाही जामा मस्जिद संभल की सदर कोतवाली क्षेत्र के कोट पूर्वी में स्थित है। महंत के याचिका दायर करने के ढाई घंटे बाद ही सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने ऑर्डर कर दिया कि मस्जिद का सर्वे होगा। वीडियो और फोटोग्राफी कराकर रिपोर्ट 7 दिन में दाखिल करें। कोर्ट ने एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। शाम 4 बजे आदेश आने के महज 2 घंटे के अंदर शाम सवा 6 बजे सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे के सर्वे के बाद टीम रात करीब पौने 8 बजे बाहर आई। सर्वे टीम ने मस्जिद के फोटो-वीडियो लिए थे सर्वे के लिए प्रशासन की तरफ से 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई। जो सर्वे टीम के साथ थी। सर्वे टीम ने मस्जिद के भीतर वीडियो और फोटो लिए। हरिशंकर जैन के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर भी मस्जिद के भीतर थे। याचिकाकर्ता महंत ऋषि राज गिरि को मस्जिद में एंट्री नहीं मिली थी। वे सर्वे होने तक बाहर खड़े रहे थे। सर्वे के दौरान मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रही थी। सर्वे के बाद से सुरक्षा के लिहाज से मस्जिद के आसपास पुलिस की टीम को तैनात रखा गया। सर्वे के दो दिन बाद जुमे की नमाज, भीड़ इतनी गेट बंद करना पड़ा सर्वे के 2 दिन बाद यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज होनी थी। विवाद की स्थिति पैदा न हो इसलिए मस्जिदों से ये एलान किया गया कि नमाजी अपने क्षेत्र के पास की मस्जिदों में नमाज पढ़े। लेकिन उसके बाद भी शाही जामा मस्जिद में ढाई हजार से ज्यादा नमाजी नमाज पढ़ने पहुंचे। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी नमाज पढ़ने मस्जिद पहुंचे। बवाल की आशंका के चलते पहले से ही पुलिस बल को तैनात रखा गया। आसपास के क्षेत्रों से भी पुलिस बल को बुलाया गया था। ड्रोन से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही थी। बर्क बोले- हंसाए तो बगावत है, रुलाएं तो बगावत है जुमे के दिन जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मीडिया से बात की। कहा.. “कसूरे गम से दो आंसू बहाएं तो आफत है, और सितम सारे जमाने के भूल जाएं तो बगावत है। समझ नहीं आता, छेड़ें तो दास्तां कैसे, हंसाए तो बगावत है, रुलाएं तो बगावत है।” शरारती तत्व यहां माहौल बिगाड़ना चाह रहे हैं- बर्क मुझे मालूम पड़ा कि पुलिस प्रशासन ने यहां बहुत तैयारी कर रखी है। पता नहीं यहां इतनी पुलिस फोर्स क्यों लगा रखी है? यहां कोई जंग तो होने नहीं जा रही, नमाज ही हो रही है। हम लोग बहुत सुकून से रहते हैं। लेकिन शरारती कुछ लोग यहां का माहौल बिगाड़ना चाह रहे हैं। बर्क बोले- सर्वे करवाने की इतनी जल्दी क्या? मैं कोर्ट के आदेश से सहमत नहीं हूं। हमें सुना नहीं गया, आदेश देने से पहले हमें सुनना चाहिए था। सर्वे करवाने की इतनी जल्दी क्या थी? पुलिस प्रशासन और चीजों में भी इतनी तेजी दिखाया करे। जो क्राइम होते हैं, जो लोगों पर झूठे केस लगाए जाते हैं, उनको रोकता तो हमें भी खुशी होती। मस्जिद थी, है और कयामत तक रहेगी ये चाहे 10 ड्रोन कैमरे यहां ले आएं, लेकिन ये मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी कयामत तक। हम यहां सुकून को कायम रखना चाहते हैं। लेकिन आज हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी मस्जिद के लिए कानूनी लड़ाई को लड़ेंगे। ये मस्जिद कोई 5-10 साल पुरानी नहीं है। हम इस देश के मालिक हैं, नौकर गुलाम नहीं हैं। सपा सांसद ने याचिका दायर करने वालों को शरारती तत्व कहा था।” अब संभल में हो रहे बवाल पर नेता क्या बोले- पढ़िए- भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा- जो लोग कानून को हाथ में लेने का प्रयास कर रहे हैं। उन पर कठोरता से कार्रवाई होगी। यह मुगलिया सल्तनत का दौर नहीं है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- न्यायालय के आदेश का पालन करवाना ये सरकार और पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है। जो न्यायालय के आदेश के अनुपालन में बाधा डालेंगे, उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई होगी। बरेली के प्रमुख इस्लामिक विद्वान शहाबुद्दीन बरेलवी ने कहा- कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना किसी भी सूरत में उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सर्वे जैसी प्रक्रिया को लेकर अफवाहों से बचना चाहिए। मंत्री जयवीर सिंह ने पथराव की घटना पर कहा, CM योगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है, यह संवैधानिक मूल्यों का आदर भी कराएगी और कानून का पालन भी करना पड़ेगा। संभल में पथराव की घटना पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा- यूपी उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी के नेता बौखला गए हैं। ये उनकी खुन्नस है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा- पत्थरबाजी और तोड़फोड़ उचित नहीं है। संभल में पथराव की घटना पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा- उपचुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार और प्रशासन को मस्जिद-मंदिर विवाद का सर्वे करने का काम आगे बढ़ाना चाहिए था। जो भी हंगामा और हिंसा हुई, उसके लिए यूपी सरकार और प्रशासन जिम्मेदार है। संभल में हुई पत्थरबाजी की घटना पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा- जब पुलिस बूथ लूटेगी तो लोग निराश होकर क्या करेंगे?" संभल बवाल पर सांसद कंगना रनौत बोलीं- हम 'एक हैं तो सेफ हैं' और 'बटेंगे तो कटेंगे' का जो मंत्र है, उसका महत्व हमें साफ-साफ दिखता है। हमें अपने देश में एकजुट रखनी होगी। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा- न्याय और कानून को हर कीमत पर बरकरार रखा जाए। दंगों ने अयोध्या को नहीं रोका, न ही वे संभल को रोक पाएंगे। पथराव की घटना पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- ये हमला भारत के लोकतंत्र और कानून पर है। अब देश ये हमला बर्दाश्त नहीं करेगा। बवाल पर पढ़िए…पुलिस प्रशासन का बयान- एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा- भीड़ को जिसने भी उकसाया, उनकी सीसीटीवी से पहचान की जाएगी। उनके खिलाफ ऐसी कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसे जिंदगी भर याद रखेगे। डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया बोले- कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। जो भी शरारती तत्व हैं उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी यूपी प्रशांत कुमार बोले- कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वे कराया जा रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है। पुलिस पत्थरबाजों की पहचान कर उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। हिन्दू पक्ष के वकील बोले- बवाल के बीच सर्वे पूरा हुआ हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया- सिविल जज चंदौसी के आदेश पर सर्वे हुआ। सभी चीजों की वीडियो ग्राफी और फोटो ग्राफी हो चुकी है। बवाल के बीच आज, ये सर्वे पूरा हो चुका है। अब 29 नवबंर को एडवोकेट कमिश्नर महोदय अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करेंगे। मैं सबसे अपील करना चाहूंगा, सभी लोग कानून के दायरे में रहे।

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