कंगना को कांग्रेस की चेतावनी:गुलेरिया बोले- अभद्र भाषा का इस्तेमाल बंद करें सांसद, राजा-बाबू, पप्पू जैसे शब्द कहने बंद नहीं किए तो करेंगे घेराव
हिमाचल की मंडी सीट से सांसद कंगना रनोट को कांग्रेस ने चेतावनी दी है। कृषि उपज विपणन समिति (APMC) मंडी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया ने मंगलवार को मंडी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कंगना जनसभाओं में कांग्रेस नेताओं को गालियां दे रही हैं। जनसभाओं में वह अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्हें अपनी तोल मोल कर बयानबाजी करनी चाहिए। अब वह सांसद बन चुकी हैं। जनता के बीच अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। संजीव गुलेरिया ने कहा, जब मंडी में आपदा आई थी, तब वह कहां थी। चुनाव के दौरान बड़े बड़े वादे किए। अब उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा। अच्छा होता यदि सांसद आपदा में केंद्र से हिमाचल को आर्थिक मदद दिलाती। विक्रमादित्य द्वारा मुद्दा उठाने पर मंडी पहुंची कंगना: गुलेरिया एपीएमसी चेयरमैन ने कहा, अब एक साल बाद जब लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कंगना की गैरमौजूदगी का मुद्दा उठाया, तब जाकर वह लोगों के बीच आईं। मगर अब अनुचित भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कंगना को विकास और जनहित के मुद्दों पर बात करने नसीहत दी। लोगों का तिरस्कार बंद करें कंगना: संजीव गुलेरिया ने कहा, यदि लोगों का तिरस्कार बंद नहीं किया गया तो कांग्रेस उनका घेराव करेगी। कंगना कभी कांग्रेस नेताओं को राजा बाबू, छोटा पप्पू, बड़ा पप्पू कहती है। उन्होंने कहा, कंगना क्या खाती है, क्या करती है, कांग्रेस को इससे कुछ नहीं लेना। उन्हें मर्यादित भाषा में बात करनी चाहिए। बता दें कि कंगना रनोट इन दिनों पांच दिन के मंडी दौरे पर हैं और अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा को संबोधित कर रही हैं।

कंगना को कांग्रेस की चेतावनी
गुलेरिया बोले- अभद्र भाषा का इस्तेमाल बंद करें सांसद
हाल ही में, कंगना रनौत को कांग्रेस पार्टी के नेता ने एक कड़ी चेतावनी दी है। कांग्रेस सांसद गुलेरिया ने कहा कि अगर कंगना ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना जारी रखा, तो हम आंदोलन करेंगे। उनका इशारा था कि कुछ असम्मानजनक शब्दों का प्रयोग, जैसे कि 'राजा-बाबू' और 'पप्पू' के लिए, बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। ये शब्द न केवल अपमानजनक हैं, बल्कि वे राजनीतिक विमर्श को भी बुरा प्रभावित करते हैं।
राजनीति और भाषा की गरिमा
राजनीति में भाषा का महत्व बहुत अधिक है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से नेता अपने विचार व्यक्त करते हैं और जनता के साथ संवाद करते हैं। गुलेरिया ने इस बात पर जोर दिया कि नेताओं को एक जिम्मेदार भाषा का चयन करना चाहिए। किसी भी प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग केवल राजनीतिक स्थिति को और भी विवादित बना सकता है, जिससे राजनीतिक वातावरण खराब होता है।
क्या है कंगना का दृष्टिकोण?
कंगना रनौत ने हमेशा अपनी बात को स्पष्टता से रखा है और कोई भी टिप्पणी करने से पहले रणनीति से काम किया है। हालांकि, इस बार वह आलोचना के घेरे में आ गई हैं। क्या वह अपनी टोन को बदलेंगी या अपनी बात को उस तरह से कहेंगी जिस पर कोई विवाद न हो? यह देखना दिलचस्प होगा।
घेराव की धमकी
गुलेरिया ने स्पष्ट किया है कि अगर कंगना ने नकारात्मक शब्दों का प्रयोग जारी रखा, तो कांग्रेस पार्टी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाएगी। यह एक संकेत है कि राजनीतिक बातें व्यक्तिगत स्तर तक पहुँच सकती हैं, और कांग्रेस अपने नेताओं को सुरक्षा देने के लिए किसी भी तरह की कार्रवाई करने को तैयार है।
इस विवाद पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ भी अलग-अलग हो सकती हैं, और यह देखा जाएगा कि भविष्य में इस मुद्दे का विकास कैसे होता है।
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