कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में हृदय दोष का इलाज:चंबा की बच्ची का सफल ऑपरेशन, हिम केयर योजना से मिली मदद
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में चंबा की 13 वर्षीय बच्ची का सफल हृदय ऑपरेशन किया गया। बच्ची जन्म से एएसडी विद कॉर्ट्रियाट्रियम नामक हृदय दोष से पीड़ित थी। सीटीवीएस विभाग ने 27 जून को गहन जांच के बाद यह ऑपरेशन किया। आठ महीने की उम्र से थी समस्याएं वहीं भरमौर, चंबा की रहने वाली बच्ची को आठ महीने की उम्र से कई समस्याएं थी। इनमें तेज धड़कन, होठों का नीला पड़ना और वजन न बढ़ना शामिल था। साथ ही सांस लेने में दिक्कत, बार-बार छाती में संक्रमण की शिकायत भी रहती थी। जांच में पता चला कि उसके हृदय में बड़ा छेद था। कुछ नसों का संबंध असामान्य था और हृदय के कक्षों का आकार बढ़ा हुआ था। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बड़े अस्पतालों में इलाज संभव नहीं था। हिम केयर योजना ने ऑपरेशन का पूरा खर्च उठाया। टांडा मेडिकल कॉलेज का सीटीवीएस विभाग अब नियमित रूप से हृदय सर्जरी की सुविधा प्रदान कर रहा है। ऑपरेशन में ये डॉक्टर रहे शामिल ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. देशबंधु शर्मा, डॉ. विकास पंवार और डॉ. पुनीत शर्मा शामिल थे। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. भारती गुप्ता, डॉ. अमन शर्मा, डॉ. निधि और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपनी सेवाएं दीं। सर्जरी के बाद बच्ची की स्थिति स्थिर है और जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में हृदय दोष का इलाज: चंबा की बच्ची का सफल ऑपरेशन, हिम केयर योजना से मिली मदद
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हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में हाल ही में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है। यहां चंबा की एक 13 वर्षीय बच्ची का सफल हृदय ऑपरेशन किया गया है। बच्ची जन्म से एएसडी विद कॉर्ट्रियाट्रियम नामक गंभीर हृदय दोष से पीड़ित थी।
बच्ची के स्वास्थ्य की समस्या
बच्ची, जो भरमौर, चंबा की रहने वाली है, आठ महीने की उम्र से हृदय संबंधी समस्याओं का सामना कर रही थी। उसे तेज धड़कन, होठों का नीला पड़ना, वजन न बढ़ना और सांस लेने में समस्या जैसे लक्षण महसूस हो रहे थे। बार-बार छाती में संक्रमण की शिकायत भी आती रहती थी। इस जटिलता के कारण उसके हृदय में बड़ा छेद था, जिसका प्रभाव उसकी स्वास्थ्य पर पड़ रहा था।
हिम केयर योजना से मिला सहारा
बच्ची के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी, जिससे वह बड़े अस्पतालों में इलाज कराने में असमर्थ थे। लेकिन हिम केयर योजना ने उनकी मदद की और ऑपरेशन का पूरा खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली। यह योजना लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने में बेहद सफल रही है।
सफल ऑपरेशन की प्रक्रिया
सीटीवीएस विभाग ने 27 जून को बच्ची का ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन में डॉ. देशबंधु शर्मा, डॉ. विकास पंवार, और डॉ. पुनीत शर्मा शामिल थे। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. भारती गुप्ता, डॉ. अमन शर्मा, और डॉ. निधि ने भी ड्यूटी निभाई। ऐसे में बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति ऑपरेशन के बाद स्थिर है और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है।
टांडा मेडिकल कॉलेज की भूमिका
टांडा मेडिकल कॉलेज का सीटीवीएस विभाग अब नियमित रूप से हृदय सर्जरी की सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इसका उद्देश्य स्थानीय मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। स्थानीय स्तर पर ऐसे ऑपरेशनों के सफल होने से कम आय वाले परिवारों के लिए बड़ी राहत मिलती है।
निष्कर्ष
यह घटना सुनिश्चित करती है कि चिकित्सा क्षेत्र में अव्यवस्था के बावजूद, मानवता अभी भी जिंदा है। हिम केयर योजना के माध्यम से चिकित्सकीय सहायता की उपलब्धता निश्चित रूप से लोगों के जीवन में एक नया आशा देती है। चंबा की इस बच्ची का सफल ऑपरेशन हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयों का सामना करने के दौरान सहायता प्राप्त करना कितना महत्वपूर्ण है और हमें एक-दूसरे की मदद के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
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