काशी की महाशिवरात्रि, 25 लाख श्रद्धालु करेंगे दर्शन:आधी रात से भक्तों की लंबी कतारें; 10 हजार संतों-नागा साधुओं की निकलेगी पेशवाई

शिव की काशी में आज महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। मंदिर के बाहर आधी रात से ही भक्तों की लाइनें लगी हैं। तड़के 2.15 बजे मंगला आरती होने के बाद मंदिर के कपाट खुल गए हैं। बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक शुरू हो गया है। अब तक की शिवरात्रि की सर्वाधिक भीड़ वाराणसी पहुंच रही है। करीब 25 लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन करेंगे। महाकुंभ के बाद 7 शैव अखाड़ों के प्रमुख और 10 हजार से ज्यादा संत-नागा काशी पहुंचे हैं। कुंभ पर महाशिवरात्रि का यह संयोग 6 साल बाद बना है। इससे पहले 2019 के कुंभ में 15 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। 8 मार्च, 2024 यानी पिछले साल शिवरात्रि में 11 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। सुबह 6 बजे से बाबा की भव्य-दिव्य पेशवाई निकलेगी। साधु-संत घोड़े और रथ पर सवार होंगे। लाखों श्रद्धालु पेशवाई देखने के लिए उमड़ेंगे। पहली बार ऐसा होगा, जब 45 घंटे तक लगातार बाबा विश्वनाथ के दर्शन होंगे। जब अखाड़े दर्शन करेंगे, तब गेट नंबर- 4 से आम श्रद्धालुओं की एंट्री बंद कर दी जाएगी। आरती कब-कब होंगी, ये जानिए... 3Km लंबी पेशवाई, लाखों लोग देखेंगे बसंत पंचमी के अमृत स्नान के बाद अखाड़ों ने काशी आना शुरू कर दिया था। 17 दिन में करीब 10 हजार से ज्यादा संत-नागा साधु काशी पहुंच चुके हैं। वह यहां हनुमान घाट के आसपास बने आश्रमों में ठहरे हुए हैं। महाशिवरात्रि की सुबह 6 बजे से काशी में पेशवाई शुरू होगी। हनुमान घाट पर जूना, निरंजनी, आनंद, अग्नि और अहावान अखाड़ा गंगा स्नान करेंगे। अग्नि अखाड़ा के कुछ नागा साधु नाव से भी काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे। ये साधु दशाश्वमेध घाट पर उतरेंगे। 500 मीटर दूर गेट नंबर 4 से एंट्री करेंगे। महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा शिवाला घाट से निकलेंगे। पंचायती राज अखाड़ा आदिकेशव घाट से निकलेंगे। फिर सभी अखाड़े गोदौलिया होते हुए एक-एक करके विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4 से मंदिर में प्रवेश करेंगे। सुबह 7 से 9 बजे तक अखाड़ों के आचार्य, साधु-संत और नागा साधुओं को श्रीकाशी में दर्शन कराए जाएंगे। लोग गंगा घाट से गोदौलिया और काशी विश्वनाथ धाम तक करीब 3km तक अखाड़ों की पेशवाई देख सकते हैं। संतों के प्रवेश के साथ गेट नंबर 4 पर आम श्रद्धालुओं के दर्शन बंद करवा दिए जाएंगे। दोपहर 12 बजे से महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा शिवाला घाट से पेशवाई निकालेंगे। बग्घी, घोड़े पर सवार होकर अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर की अगुआई में नागा साधु-संत राजसी अंदाज में मंदिर तक जाएंगे। 40 दिन काशी में रहते हैं अखाड़े अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बताया- प्रयागराज के महाकुंभ से काशी का प्रवास 40 दिन ( बसंत पंचमी से लेकर होली तक) का होता है। इस बीच साधु-संत काशीपुराधिपति भगवान महादेव के विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन-पूजन कर उन्हें रिझाने की कोशिश करते हैं। महाशिवरात्रि पर त्रिशूल, तलवार के करतब करते हुए बाबा विश्वनाथ मंदिर जाते हैं। बाबा का जलाभिषेक करते हैं। मंदिर में प्रवेश करने की व्यवस्था जानिए काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने कहा- जिस गेट से लोग दर्शन के लिए विश्वनाथ मंदिर आएंगे, उसी से वापस जाएंगे। मंदिर में जाने वाले सभी गेट पर 3-4 किमी लंबी लाइनें हैं, जोकि जिग-जैग हैं।

Feb 26, 2025 - 03:59
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काशी की महाशिवरात्रि, 25 लाख श्रद्धालु करेंगे दर्शन:आधी रात से भक्तों की लंबी कतारें; 10 हजार संतों-नागा साधुओं की निकलेगी पेशवाई
शिव की काशी में आज महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। मंदिर के बाहर आधी रात से ही भक्तों की लाइनें लगी है

काशी की महाशिवरात्रि: 25 लाख श्रद्धालु करेंगे दर्शन

महाशिवरात्रि का त्योहार काशी में एक विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष, 25 लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है, जो कि धार्मिक आस्था और श्रद्धा का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। आधी रात से भक्तों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो जाएंगी, जिससे मंदिरों के लिए श्रद्धालुओं का अपार प्रेम और समर्पण दर्शाता है।

भक्तों का उत्साह और तैयारी

काशी में महाशिवरात्रि मनाने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतज़ाम किए जा रहे हैं। वैद्यनाथ मंदिर और अन्य प्रमुख स्थलों पर रातभर पूजन और अर्चना का कार्यक्रम चलेगा। भक्तों में उत्साह बढ़ाने के लिए विभिन्न संगीत और नृत्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

पेशवाई का आयोजन

इस साल, 10 हजार संतों और नागा साधुओं की पेशवाई भी निकलेगी, जो कि काशी के धार्मिक वातावरण में रंग भर देगी। पेशवाई के दौरान भक्त जन विशेष रूप से साधुओं के दर्शन के लिए आतुर रहेंगे। यह पेशवाई एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगी, जिसमें संत और साधु अपने चमत्कारी गुणों के साथ उपस्थित होंगे।

महाशिवरात्रि के महत्व

महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन है। इस दिन भक्त भगवान शिव की आराधना और उपवास करते हैं। काशी में, शिव की आराधना करने के लिए भक्तों की पहुंच हमेशा से अद्वितीय रही है। यहाँ के पुरातन मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिलती है।

आने वाले दिनों में काशी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। इस अवसर पर भक्त अपने मन की कामनाएँ और प्रार्थनाएँ भगवान शिव के आगे रखेंगे।

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