किन्नौर में शिक्षा और आध्यात्मिक मूल्यों पर सेमिनार:बौद्ध सेवा संघ ने की पहल, दलाई लामा की प्रतिबद्धता पर चर्चा

किन्नौर के रिकांगपिओ में छोसखोरलिङ बौद्ध सेवा संघ ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। संघ ने शिक्षा और सामाजिक उत्थान पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया। यह कार्यक्रम परम पूज्य ज्ञाबुङ टुल्कु रिन्पोछे के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। सामाजिक बुराइयों की रोकथाम सेमिनार में विभिन्न पाठशालाओं के टीचर, स्टूडेंट और बौद्ध सेवा संघ के लामागण शामिल हुए। कार्यक्रम में दलाई लामा की पहली प्रतिबद्धता 'मानवीय मूल्यों की महत्वता' पर चर्चा हुई। इसके साथ ही सदाचार और सामाजिक बुराइयों की रोकथाम जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ। शिक्षा का लक्ष्य सिर्फ ज्ञान प्राप्ति नहीं ज्ञाबुङ रिन्पोछे ने किन्नौर के विकास के लिए संघ की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य सिर्फ ज्ञान प्राप्ति नहीं है। इससे आत्मज्ञान और सामाजिक जिम्मेदारी का भाव भी जागृत होना चाहिए। उन्होंने नई पीढ़ी तक बौद्ध दर्शन की शिक्षाओं को पहुंचाने पर जोर दिया। आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाने का आग्रह कार्यक्रम में स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण की महत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया। युवाओं से आधुनिक शिक्षा के साथ नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाने का आग्रह किया गया। सेमिनार में धर्मनिरपेक्षता, सुख प्राप्ति और दुख निवारण के उपायों पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।

Apr 8, 2025 - 16:59
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किन्नौर में शिक्षा और आध्यात्मिक मूल्यों पर सेमिनार:बौद्ध सेवा संघ ने की पहल, दलाई लामा की प्रतिबद्धता पर चर्चा
किन्नौर के रिकांगपिओ में छोसखोरलिङ बौद्ध सेवा संघ ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। संघ ने शिक्षा और सा

किन्नौर में शिक्षा और आध्यात्मिक मूल्यों पर सेमिनार

कुल्लू घाटी के किन्नौर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा और आध्यात्मिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा की गई। इस पहल का नेतृत्व बौद्ध सेवा संघ ने किया, जो सामुदायिक विकास और शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने पर जोर दे रहा है। इस सेमिनार में दलाई लामा की प्रतिबद्धता पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

समारोह का उद्देश्य

इस सेमिनार का उद्देश्य छात्रों और समुदाय के सदस्यों में आध्यात्मिक और शैक्षिक मूल्यों को बढ़ावा देना है। यही नहीं, यह विचार विमर्श बौद्ध धर्म के अनुयायियों को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने और उसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित करना है।

दलाई लामा की सहभागिता

इस समारोह में माननीय दलाई लामा के विचारों को भी साझा किया गया, जिन्होंने शिक्षा को जीवन का आधार मानते हुए कर्म और धर्म की शिक्षा पर जोर दिया। उनके अनुसार, एक सशक्त समाज के लिए शिक्षा और आध्यात्मिकता का समन्वय बहुत जरूरी है।

समुदाय की प्रतिक्रिया

समुदाय ने इस सेमिनार का बहुत स्वागत किया, और स्थानीय लोगों ने अपने विचार और अनुभव साझा किए। इस सेमिनार ने लोगों को एकजुट होने और सामूहिक रूप से अपनी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया।

भविष्य के कार्यक्रम

आगे आने वाले समय में, बौद्ध सेवा संघ ने ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है, ताकि समुदाय में शिक्षा और आध्यात्मिकता को एक नई दिशा मिल सके।

समुदाय के लोगों का मानना है कि इस प्रकार के सेमिनार न केवल शिक्षा में सुधार लाते हैं बल्कि लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाते हैं।

इस प्रकार, किन्नौर में शिक्षा और आध्यात्मिक मूल्यों पर सेमिनार ने महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा को प्रोत्साहित किया।

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