क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से की मुलाकात:राज्य के खिलाड़ियों की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन, UPCA पर लगाए ये आरोप
क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने बुधवार को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, कानपुर से मुलाकात कर उनको ज्ञापन सौंपा। उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों से जुड़ी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। 2005 में सोसाइटी चिटफंड द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया था प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह ने ज्ञापन में कहा कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2005 में सोसाइटी चिटफंड द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया था। इसके उपरांत उक्त संस्था ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, कानपुर को भ्रामक जानकारी देकर गलत तरीके से मान्यता प्राप्त की, जो कि कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 (11) के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। नाम उपयोग की पूर्व अनुमति नहीं ली उन्होंने ये भी कहा कि उक्त्त संस्था ने राज्य सरकार से नाम उपयोग की पूर्व अनुमति नहीं ली, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है। मांग की गई कि या तो इस संस्था की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए या उसके नाम से "उत्तर प्रदेश" शब्द को हटाया जाए। 70 वर्ष से अधिक आयु के 6 निदेशक कार्यरत प्रदेश सचिव प्रदीप पांडेय और शिवबचन यादव ने बताया कि वर्तमान में संस्था में 70 वर्ष से अधिक आयु के 6 निदेशक कार्यरत हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कोई भी पदाधिकारी अधिकतम 9 वर्षों तक ही कार्य कर सकता है। 40 जिलों को ही मान्यता प्रदान की है महिला पदाधिकारियों में प्राची पांडेय और दिव्या सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन प्राइवेट लिमिटेड ने केवल 40 जिलों को ही मान्यता प्रदान की है। शेष 35 जिले इस प्रक्रिया से बाहर हैं, जो न्यायिक आदेशों का सीधा उल्लंघन है। एमपी सिंह ने बताया कि एसोसिएशन ने मांग की है कि 15 दिनों के अंदर इस पूरे प्रकरण की जांच पूर्ण कर संस्था की मान्यता रद्द की जाए, ताकि उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।

क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से की मुलाकात
क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन ने हाल ही में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य राज्य के खिलाड़ियों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना था। एसोसिएशन ने खिलाड़ियों की समस्याओं को उजागर करते हुए रजिस्ट्रार को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उठाई गई समस्याएँ
ज्ञापन में कई मुद्दों को उठाया गया, जो खिलाड़ियों को रोज़ाना का सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ प्रमुख समस्याएँ हैं: वित्तीय सहायता की कमी, प्रशिक्षकों की खराब व्यवस्था और खेल के लिए उचित संरचना का अभाव। एसोसिएशन ने रजिस्ट्रार से आश्वासन मांगा कि यह समस्याएँ शीघ्र सुलझाई जाएंगी।
UPCA पर आरोप
सिर्फ समस्याओं को ही नहीं, खिलाड़ियों ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए। एसोसिएशन का कहना है कि UPCA खिलाड़ियों के प्रति उचित ध्यान नहीं दे रहा है और उनके विकास में भी बाधा उत्पन्न कर रहा है। खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि अनुबंधों में पारदर्शिता की कमी है और उन्हें उनकी प्रतिभा के अनुसार उचित प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है।
आगे की योजना
इस मुलाकात के बाद, क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि वे अपनी समस्याओं को लेकर और भी सक्रिय रहेंगे। उन्होंने रजिस्ट्रार को एक समय सीमा निर्धारित करने का अनुरोध किया, ताकि खिलाड़ियों की समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जा सके। इसके अतिरिक्त, एसोसिएशन ने खिलाड़ियों को भी अपील की है कि वे एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करें।
निष्कर्ष
क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन की रजिस्ट्रार से मुलाकात ने राज्य के खिलाड़ियों की समस्याओं को उजागर करने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। खिलाड़ियों की समस्याओं को हल करने और UPCA की कमियों को सुधारने के लिए यह चर्चा बेहद आवश्यक थी। उम्मीद है कि रजिस्ट्रार इन मुद्दों को गंभीरता से लेंगे और जल्द से जल्द समाधान प्रदान करेंगे।
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