गोरखपुर में अबूहरैरा मस्जिद का 90 प्रतिशत हिस्सा टूटा:कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई की तिथि तक तोड़ने का काम पूरा कर लेने की तैयारी; बढ़ाए गए मजदूर
गोरखपुर में अबूहुरैरा मस्जिद का जितना हिस्सा तोड़ा जाना है, उसमें से रविवार की शाम तक लगभग 90 प्रतिशत टूट चुका है। 11 मार्च को कमिश्नर कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है। इस तारीख से पहले ही तोड़ने का काम पूरा कर लेने की तैयारी है। बीच में मजदूरों की संख्या घटा देने वाली मस्जिद कमेटी की ओर से रविवार को लगभग 10 मजदूर लगाए गए थे। देर शाम तक ड्रिल मशीन से दीवारों को काटने व कटर मशीन से बीम की छड़ें काटने का काम हुआ। घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम की ओर से लगभग 600 वर्ग फीट जमीन मस्जिद निर्माण के लिए दी गई थी। बिना नक्शा पास कराए ग्राउंड एवं 3 अन्य फ्लोर बना लेने पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने आपत्ति जताई थी। इस संबंध में 15 फरवरी को प्राधिकरण की ओर से ध्वस्त करने का आदेश पारित कर दिया गया। इसमें 15 दिनों के भीतर निर्माण तोड़ने को कहा गया था। ऐसा न करने पर जीडीए की ओर से बुलडोजर चलाने की बात थी। लेकिन समय सीमा पूरी होने से पहले की तोड़ने का काम शुरू हो गया। कोर्ट से राहत नहीं मिली तो शुरू किया तोड़ने का काम जीडीए के आदेश के विरोध में मस्जिद कमेटी ने कमिश्नर कोर्ट में स्थगन के लिए वाद दाखिल किया था। लेकिन इस मामले में सुनवाई नहीं हो पाई। इस बीच जीडीए की ओर से दी गई समय सीमा भी बीत रही थी। ऐसे में मस्जिद कमेटी ने स्वत: संज्ञान लेकर मस्जिद तोड़ने का काम शुरू कर दिया। 3 मार्च को भी कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई और 11 मार्च को डेट दी गई। पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि सुनवाई कर इस मामले में कोई फैसला आ सकता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस गति से मस्जिद तोड़ी जा रही है, ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि ऊपर के दो तल तोड़ने का काम पूरा हो जाएगा। ग्राउंड व प्रथम तल बचेंगे मस्जिद में ग्राउंड व प्रथम तल बचेंगे। यहीं इबादत होगी। यह संभावना जतायी जा रही है कि ऊपर के दोनों मंजिल टूटने के बाद मस्जिद कमेटी की ओर से शमन मानचित्र के लिए आवेदन किया जा सकता है। प्राधिकरण में आफलाइन शमन मानचित्र स्वीकार करने का मार्ग खुल चुका है। ऐसे में मस्जिद कमेटी के आवेदन पर भी विचार होने की संभावना बढ़ गई है। ऐसा हुआ तो मस्जिद से अवैध होने का दाग धुल जाएगा।

गोरखपुर में अबूहरैरा मस्जिद का 90 प्रतिशत हिस्सा टूटा
गोरखपुर में स्थित अबूहरैरा मस्जिद के बारे में हाल ही में एक महत्वपूर्ण अदालती निर्णय आया है। इस मस्जिद का 90 प्रतिशत हिस्सा वर्तमान में टूट चुका है, और अधिकारियों ने कोर्ट की सुनवाई की तिथि से पहले तोड़ने का कार्य पूरा करने की तैयारी कर ली है। इस संदर्भ में, मजदूरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है ताकि काम में तेजी लाई जा सके।
कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई की तिथि
गोरखपुर के कमिश्नर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अबूहरैरा मस्जिद के ध्वस्तीकरण का कार्य बेहद तेजी से चल रहा है। सुनवाई की आगामी तिथि के मद्देनजर, जहां एक ओर सामुदायिक हलचलें बढ़ीं हैं, वहीं दूसरी ओर मस्जिद के टूटने की घटनाएँ स्थानीय नागरिकों में चर्चा का विषय बन गई हैं।
बढ़ाए गए मजदूर और काम में तेजी
मस्जिद के टूटने के कार्य में तेजी लाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने आवश्यक मजदूरों की संख्या बढ़ा दी है। इस प्रक्रिया में स्थानीय लोगों की कई समस्याएँ और सवाल उठ रहे हैं, जबकि कुछ ने कार्य की गति पर संतोष व्यक्त किया है। आगामी सुनवाई से पहले इस काम को पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय प्रतिक्रिया
गोरखपुर निवासी इस मुद्दे पर विभिन्न दृष्टिकोण से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई लोग इस कार्रवाई से असहमति जताते हुए इसे ऐतिहासिक धरोहर के प्रति अनुचित मानते हैं, वहीं कुछ लोग इसे आवश्यक कदम मानते हैं। इस स्थिति ने मास्को में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द में समस्याएँ पैदा कर दी हैं।
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