प्रधानाचार्य पर निर्माण तुड़वाने का आरोप:कुशीनगर में कनोडिया इंटर कॉलेज का खेल मैदान विवाद गहराया, 4 पर FIR
कुशीनगर के कप्तानगंज स्थित कनोडिया इंटर कॉलेज का खेल मैदान विवाद अब नया मोड़ ले चुका है। स्थानीय निवासी सत्यम अग्रहरि की शिकायत पर पुलिस ने विद्यालय के प्रधानाचार्य जितेंद्र त्रिपाठी, प्रबंधक शिशुपाल शुक्ला, मैनेजर शंकर शुगर मिल दीनदयाल पांडेय और शिक्षक अरुण मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामला जमीन विवाद का है। सत्यम अग्रहरि का दावा है, कि विवादित भूमि उनकी भूमिधरी की है, जिस पर एसडीएम कोर्ट के आदेश से पत्थर नसब कराया गया था। एक जनवरी को कमिश्नर कोर्ट से स्थगन आदेश भी प्राप्त हुआ था। तहसील प्रशासन ने 25 दिसंबर को मौके पर पहुंचकर जमीन चिन्हित कर दूसरे पक्ष को सौंप दी थी। विवाद तब और गहरा गया जब विद्यालय खुलने पर छात्रों ने खेल मैदान पर हो रहे निर्माण को देखा और उसे जमींदोज कर दिया, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। राम नरेश अग्रहरि का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने छात्रों को बरगलाकर कानूनी तरीके से हो रहे निर्माण को तुड़वाया है। दूसरी ओर, प्रधानाचार्य जितेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि यह विद्यालय 1932 से श्री गंगा बॉक्स गांधी विद्यालय के रूप में संचालित हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्यम अग्रहरि ने दस्तावेजों में हेराफेरी करके अपना नाम अंकित कराया है और एसडीएम कप्तानगंज की मिलीभगत से विद्यालय के खेल मैदान पर कब्जा किया जा रहा है। मामला वर्तमान में कमिश्नर कोर्ट में विचाराधीन है।

प्रधानाचार्य पर निर्माण तुड़वाने का आरोप: कुशीनगर में कनोडिया इंटर कॉलेज का खेल मैदान विवाद गहराया, 4 पर FIR
कुशीनगर जिले के कनोडिया इंटर कॉलेज में खेल मैदान को लेकर चल रहा विवाद अब और भी बढ़ता जा रहा है। हाल ही में प्रधानाचार्य पर आरोप लगा है कि उन्होंने निर्माण को तुड़वाने के लिए दबाव बनाया। इस विवाद के चलते स्थानीय प्रशासन ने मामला दर्ज कर लिया है और चार लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है। यह मामला कॉलेज के छात्रों और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। खबरों के अनुसार, खेल मैदान की सुरक्षा और उसके निर्माण को लेकर छात्रों और कॉलेज प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
खेल मैदान का महत्व
खेल मैदान केवल खेल गतिविधियों के लिए ही नहीं, बल्कि छात्रों के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में यदि इन मैदानों का निर्माण या सुरक्षा खतरे में पड़े, तो यह केवल शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए इस विवाद का समाधान निकालना अत्यंत आवश्यक है।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन इस विवाद को सुलझाने के लिए सक्रिय है। अधिकारियों का कहना है कि वे सभी पक्षों को सुनकर उचित निर्णय लेंगे। FIR दर्ज होने के बाद यह मामला अब पुलिस की नजर में है, और मामले की गहन जांच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें और कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करें।
अभिभावकों और छात्रों की प्रतिक्रिया
इस विवाद पर अभिभावक और छात्रों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कई अभिभावकों ने इसे पूरी तरह से अनुचित करार दिया है और कॉलेज में शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। वहीं, छात्रों ने खेल गतिविधियों पर भी रोक लगाने को लेकर चिंता जताई है। इस विवाद का उनके मानसिक विकास पर भी असर पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, यह विवाद कुशीनगर की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर मुद्दा बन चुका है और इससे निपटने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन इस मामले को कैसे सुलझाते हैं।
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