जज बताकर किया न्यायिक अधिकारी को किया ब्लैकमेल:मेरठ का मामला, रिपोर्ट दर्ज, पुलिस आरोपी के खिलाफ जांच में जुटी

महिला न्यायिक अधिकारी से खुद को जज बताकर महाराष्ट्र के युवक ने इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर ली। दोनों के बीच मुलाकातें हुई और आरोपी जबरन शादी का दबाव बनाने लगा। विरोध करने पर बर्बाद करने की धमकी देकर डराने लगा। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकी दी। महिला अधिकारी की मां की तरफ से आरोपी के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट में बताया कि कुछ समय पूर्व उनकी बेटी की इंस्टाग्राम आईडी पर हिमांशु नाम के युवक की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी। आरोपी ने खुद को सिविल जज लिखा हुआ था। 14 दिसंबर को उसने बताया कि वह हैदराबाद में बड़ा बिजनेसमैन है। बेटी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। बेटी का बायोडाटा मांगने पर उन्होंने वाट्सएप पर भेज दिया। आरोपी ने उनकी बेटी को हैदराबाद और मुंबई आने के लिए कहा। आरोपी ने अपने व्यवसाय से संबंधित कागजात और वीडियो भेजे। 21 दिसंबर 2024 को उसने अपना बायोडाटा भेजा, जिस पर हिमालय मारुति देवकते नाम अंकित था। बताया कि हिमांशु व हिमालय दोनों ही उसके नाम हैं। 27 दिसंबर को मिलान के लिए कुंडली मांगे जाने पर ज्योतिषी दोस्त से कहा कि गोवा सारी जानकारी कर लें। 28 दिसंबर को उनकी बेटी को फोन करके कहा कि वह मेरठ आ रहा है। वीडियो कॉल करके मेरठ आया। 29 दिसंबर की रात 8:30 बजे उनकी बेटी को वाट्सएप और इंस्टाग्राम पर कॉल करके बताया कि वह मेरठ आ गया है। उसके माता-पिता साथ नहीं थे, इस कारण उनकी बेटी उससे कैफे में मिली। वहां पर हिमांशु ने बेटी की फोटो खींची कि अपने माता-पिता को भेजेगा। हिमांशु के कहने पर उनकी बेटी ने उसे मेरठ बाईपास तक छोड़ दिया। यहां उसका दोस्त लाल बत्ती लगी गाड़ी लेकर मिला। उसी दिन न्यायिक अधिकारी ने परिजनों को फोन कर बताया कि वह हिमांशु से विवाह की इच्छुक नहीं है। 30 दिसंबर को हिमांशु ने अपने माता-पिता के आने की बात कहकर उनकी बेटी को दिल्ली बुलाया। परिजनों की अनुमति लेकर उनकी बेटी उसके माता-पिता से मिलने चली गई। कनॉट प्लेस में एक कैफे पर पहुंची तो वहां केवल हिमांशु था। काफी देर इंतजार करने के बाद भी उसके माता-पिता नहीं आए। वह अपनी गाड़ी से उसे यूपी सदन छोड़ने जा रहा था। रास्ते में इंडिया गेट पर गाड़ी रुकवाकर बोला कि मैंने इंडिया गेट नहीं देखा है। वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने गाड़ी पर लाल बत्ती लगी होने के कारण उसे कोई बड़ा अधिकारी मानते हुए रिसीव कर लिया। यूपी सदन पहुंचकर उनकी बेटी ने शादी से मना कर दिया तो आरोपी र्दुव्यवहार करने लगा। उनकी बेटी किसी तरह यूपी सदन के अंदर कमरे में चली गई। कुछ देर बाद आरोपी फिर से वहां पहुंचा और रिसेप्शन पर उनकी बेटी से मिलने की जिद की। उसने मना कर दिया। वह कुछ देर रिशेप्शन एरिया में बैठने के बाद चला गया। उनकी बेटी ने टैक्सी मंगाई और अपने आवास पर आ गई। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है शिकायत दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

Jan 17, 2025 - 01:40
 65  501823
जज बताकर किया न्यायिक अधिकारी को किया ब्लैकमेल:मेरठ का मामला, रिपोर्ट दर्ज, पुलिस आरोपी के खिलाफ जांच में जुटी
महिला न्यायिक अधिकारी से खुद को जज बताकर महाराष्ट्र के युवक ने इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर ली। दोनो

जज बताकर किया न्यायिक अधिकारी को किया ब्लैकमेल: मेरठ का मामला

मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक व्यक्ति ने न्यायिक अधिकारी को जज बताकर ब्लैकमेल किया। यह घटना स्थानीय पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई के बाद तेजी से सुर्खियों में आई है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है और जांच के लिए जुट गई है। न्यायिक प्रणाली को कमजोर करने वाले ऐसे कृत्य समाज में भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा करते हैं।

घटना की पूरी जानकारी

रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित न्यायिक अधिकारी को आरोपी ने जज बताकर संपर्क किया, जिससे अधिकारी दुविधा में पड़ गए। आरोपी ने अधिकारी से पैसे की मांग की और ब्लैकमेलिंग द्वारा उन्हें परेशान किया। जब अधिकारी ने इस बारे में पुलिस को सूचित किया, तो तुरंत कार्रवाई की गई और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। पुलिस की टीम अब आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।

ब्लैकमेलिंग के गंभीर परिणाम

इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि ब्लैकमेलिंग के मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। न्यायिक अधिकारियों के प्रति इस तरह की कार्रवाई न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि यह पूरे न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता को भी खतरे में डालती है। समाज में इस तरह के कृत्यों की रोकथाम के लिए सख्त कानून और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

पुलिस की प्रतिक्रिया

मेरठ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आरोपी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई शुरू की है। अधिकारी ने पुष्टि की है कि वे सभी आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि आरोपी को न्याय के कटघरे में लाया जा सके। पुलिस ने पीड़ित को पूरा सहयोग और सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

सारांश

यह मामला समाज को यह संदेश देता है कि न्यायिक अधिकारियों के प्रति सम्मान और सुरक्षा अनिवार्य है। ब्लैकमेलिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में पुलिस और समाज दोनों को मिलकर काम करना आवश्यक है। इसके साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि लोग इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाएं।

News by indiatwoday.com Keywords: मेरठ ब्लैकमेल मामले, न्यायिक अधिकारी ब्लैकमेलिंग, जज बताकर ब्लैकमेल, मेरठ पुलिस कार्रवाई, न्याय व्यवस्था खतरे में, ब्लैकमेल के खिलाफ कानून, न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा, पुलिस जांच मेरठ, मराठी में न्यायिक मामला, सामाजिक जागरूकता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और कानून, पुलिस रिपोर्ट दर्ज, न्यायिक प्रणाली की स्वतंत्रता

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow