ज्वाइंट-डायरेक्टर की जांच में परीक्षा-प्रभारी और लिपिक निलंबित:आजमगढ़ के विधान परिषद सदस्य ने केंद्र बनाने में अनियमितता को लेकर की थी शिकायत

आजमगढ़ जिले में शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर दिनेश सिंह ने डीआईएस कार्यालय के परीक्षा प्रभारी उमाकांत यादव और सहायक लिपिक दिलीप कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन दोनों कर्मचारियों पर यूपी बोर्ड परीक्षा में मानकों का पालन न करने के साथ-साथ अनियमिता बरतने का आरोप है। इस मामले की शिकायत आजमगढ़ जिले के समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य लाल बिहारी यादव ने माध्यमिक शिक्षा के सचिव से की थी। माध्यमिक शिक्षा सचिव को दिए शिकायती पत्र में विधान परिषद सदस्य ने आरोप लगाया था कि आजमगढ़ जिले में पैसे लेकर परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं। ऐसे में विधान परिषद सदस्य की शिकायत को ध्यान में रखते हुए माध्यमिक शिक्षा सचिव ने आजमगढ़ जिले के ज्वाइंट डायरेक्टर दिनेश सिंह को मामले की जांच के निर्देश दिए। इस जांच में यह दोनों कर्मचारी दोषी पाए गए। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई और इस आधार पर इन दोनों कर्मचारी के निलंबन की कार्रवाई की गई। अनियमितता के आधार पर की गई कार्रवाई इस बारे में दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए जिले के संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर इन दोनों कर्मचारियों की जांच कराई गई। इस जांच में दोनों कर्मचारी के ऊपर परीक्षा केंद्रों में अनियमितत्ता बरतने के आरोप लगे। इसके बाद यह रिपोर्ट शासन को भेजी गई इस आधार पर निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह का कहना है कि अनियमितता के आधार पर कार्रवाई की गई है किसी की शिकायत के आधार पर कार्रवाई नहीं की गई है। शिक्षा अधिकारी का कहना है कि विधान परिषद सदस्य के अतिरिक्त कई शिक्षक नेताओं और स्कूलों के प्रबंधकों ने भी शिकायत की थी जिसकी जांच कराई गई थी इस आधार पर यह कार्रवाई की गई। बताते चलें कि आजमगढ़ जिले में 282 परीक्षा केंद्रों को केंद्र बनाया गया है। कर्मचारी बोले विधान परिषद सदस्य के स्कूल को सेंटर ना बनाने की मिली सजा इस बारे में निलंबित किए गए कर्मचारी ने बताया कि समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य लाल बिहारी यादव का मेहनगर में खुशहाल इंटर कॉलेज नाम से स्कूल है। नवंबर 2024 में इस स्कूल की एसडीएम ने नेगेटिव रिपोर्ट दी थी। ऐसे में इस स्कूल को इस बार सेंटर नहीं बनाया गया। स्कूल की रिपोर्ट मानक के विपरीत थी इसी आधार पर हम लोगों पर कार्रवाई कराई गई है। निलंबित कर्मचारी का कहना है कि जो रिपोर्ट आई है उसे एसडीएम ने बनाई थी। समिति में शामिल होते हैं 16 लोग बताते चले की परीक्षा केंद्र की जो समिति बनाई जाती है उसमें आजमगढ़ में 16 लोग शामिल हैं। परीक्षा केंद्र समिति का अध्यक्ष जिले का डीएम होता है। जबकि एडीएम प्रशासन उसके नोडल होते हैं। जिले के सभी तहसीलों में तैनात एसडीएम सदस्य होते हैं इसके साथ ही जिला विद्यालय निरीक्षक की भी भूमिका रहती हैं। इन सभी की संस्कृति के बाद परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया जाता है। बावजूद इसके हम लोगों के विरुद्ध तरफा कार्रवाई की गई है।

Feb 1, 2025 - 03:59
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ज्वाइंट-डायरेक्टर की जांच में परीक्षा-प्रभारी और लिपिक निलंबित:आजमगढ़ के विधान परिषद सदस्य ने केंद्र बनाने में अनियमितता को लेकर की थी शिकायत
आजमगढ़ जिले में शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर दिनेश सिंह ने डीआईएस कार्यालय के परीक्षा प्रभ

ज्वाइंट-डायरेक्टर की जांच में परीक्षा-प्रभारी और लिपिक निलंबित

आजमगढ़ से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है जहाँ ज्वाइंट-डायरेक्टर द्वारा की गई जांच के परिणामस्वरूप परीक्षा-प्रभारी और एक लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब आजमगढ़ के विधान परिषद सदस्य ने केंद्र बनाने में अनियमितताओं को लेकर शिकायत दर्ज की थी।

इस जांच की पृष्ठभूमि

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि परीक्षा केंद्र के संचालन में कई गंभीर अनियमितताएँ हो रही थीं। इस सूचना पर ज्वाइंट-डायरेक्टर ने तुरंत एक जांच विशेष टीम का गठन किया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि परीक्षा-प्रभारी और लिपिक दोनों ही अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर रहे थे, जिसके कारण उन्हें निलंबित किया गया।

निलंबन का कारण

ज्वाइंट-डायरेक्टर द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि परीक्षा-प्रभारी ने परीक्षा संचालन में आवश्यक मानकों का पालन नहीं किया। निलंबन के आदेश से यह भी स्पष्ट होता है कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। लिपिक का निलंबन इस बात का संकेत है कि प्रशासन अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।

समुदाय पर प्रभाव

इस निर्णय से स्थानीय समुदाय में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। लोग अब अपेक्षा करते हैं कि परीक्षा प्रणाली और पारदर्शी होगी। पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कार्रवाई बेहद आवश्यक हैं ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा और परीक्षा माहौल मिल सके।

अगले कदम

अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में और क्या कदम उठाएगा। क्या आगे की जांच या अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? शिक्षा और परीक्षा की व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है।

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