टीबी मरीजों को मिला पौष्टिक आहार:जौनपुर में संस्था ने चलाया अभियान, मरीजों को दी पोषण किट

जौनपुर में सरजू प्रसाद शैक्षिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जज कॉलोनी स्थित संस्था ने टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार किट वितरित की। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिला टीबी समन्वयक सलिल कुमार यादव ने बताया कि संस्था निक्षय मित्र के रूप में पंजीकृत है। उन्होंने मरीजों को नियमित दवा लेने की सलाह दी। उनके अनुसार, दवा में गैप नहीं होना चाहिए। यदि दवा से कोई रिएक्शन हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। टीबी के इलाज में हर दो महीने पर जांच होती है। चिकित्सक दवा का प्रभाव देखते हैं। इलाज पूरा होने के बाद भी दो साल तक मरीजों की निगरानी की जाती है। इसके बाद 6 महीने तक फॉलो-अप किया जाता है। मरीजों को मेटा सुपरविजन में रहना होता है। लंबे समय से कर रहे मदद कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने संस्था की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्था लंबे समय से टीबी मरीजों की मदद कर रही है और उनका बेहतरीन फॉलो-अप कर रही है। कार्यक्रम का संचालन प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार प्रजापति ने किया।

Mar 3, 2025 - 16:01
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टीबी मरीजों को मिला पौष्टिक आहार:जौनपुर में संस्था ने चलाया अभियान, मरीजों को दी पोषण किट
जौनपुर में सरजू प्रसाद शैक्षिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अ

टीबी मरीजों को मिला पौष्टिक आहार: जौनपुर में संस्था ने चलाया अभियान, मरीजों को दी पोषण किट

जौनपुर में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसमें टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार प्रदान किया गया है। इस अभियान का आयोजन एक सामाजिक संस्था द्वारा किया गया, जिसने बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए पोषण किट बांटने का कार्य किया। यह कदम न केवल रोगियों की स्वास्थ्य स्थिति को सुधारने के लिए जरूरी है, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने का भी एक माध्यम है।

टीबी और पोषण के बीच का संबंध

टीबी (तपेदिक) एक गंभीर बीमारी है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। इसके उपचार में उचित औषधियों के सेवन के साथ-साथ सही पोषण प्राप्त करना भी अत्यंत आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि पौष्टिक आहार रोगियों को ताजगी, ऊर्जा, और बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली प्रदान करता है, जो कि टीबी से लड़ने में मदद करता है।

अभियान की विशेषताएँ

इस अभियान का उद्देश्य उन मरीजों को समर्पित है जिनका स्वास्थ्य संतुलित आहार के बिना प्रभावित हो रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ टीबी के मरीजों को आवश्यक पोषण की जानकारी भी दी गई। पोषण किट में साबुत अनाज, फल, और अन्य पौष्टिक सामग्री शामिल थीं, जो रोगियों के स्वस्थ रहने में मदद करती हैं।

समाज के लिए संदेश

यह पहल केवल टीबी मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य भी करती है। जब समाज लोग मिलकर एकजुट होते हैं, तो वे स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं और बीमारियों से लड़ने में एक दूसरे की मदद करते हैं।

टीबी जैसी बीमारियों के खिलाफ यह प्रयास हमें यह सिखाता है कि स्वास्थ्य केवल इलाज नहीं, बल्कि सही पोषण भी है। इस प्रकार की पहलों से हम एक सशक्त समाज की रचना कर सकते हैं।

अंततः, यह अभियान उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे अभियानों के माध्यम से हम सभी मिलकर एक स्वस्थ और खुशहाल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

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