IRCTC और IRFC को नवरत्न का दर्जा मिला:सरकारी मंजूरी के बिना ₹1,000 करोड़ तक निवेश कर पाएंगी, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IRCTC) 25वीं और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (IRFC) 26वीं नवरत्न कंपनी बन गई है। सरकार ने सोमवार (3 मार्च) को इन दोनों कंपनियों को नवरत्न सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज में अपग्रेड कर दिया। नवरत्न का दर्जा मिलने से इन दोनों रेलवे सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को ज्यादा वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी। अब ये कंपनियां सरकार की मंजूरी के बिना 1,000 करोड़ रुपए तक का निवेश कर पाएंगी। इससे उनकी निर्णय लेने की क्षमता में तेजी आएगी। जुलाई 2024 में मझगांव डॉक को मिला था 'नवरत्न' का दर्जा इससे पहले जुलाई 2024 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को नवरत्न कंपनियों के ग्रुप में जोड़ा गया था। वहीं सितंबर में सतलुज जल विद्युत निगम, नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन और रेलटेल कॉरपोरेशन को 'नवरत्न' का दर्जा मिला था। तीन ग्रुप में कैटेगराइज होती हैं सरकारी कंपनियां भारत सरकार कंपनियों को तीन ग्रुप में कैटेगराइज करती है: महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न। सरकार कुछ पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (PSEs) को उनके फाइनेंशियल परफॉरमेंस, मैनेजमेंट और राष्ट्रीय महत्व के आधार पर नवरत्न और महारत्न का दर्जा देती है। 1986 में हुई थी IRFC की स्थापना इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) भारतीय रेलवे को फंड करती है। भारतीय रेलवे की अतिरिक्त बजटीय संसाधनों की आवश्यकता के प्रमुख हिस्से को पूरा करने के लिए घरेलू और विदेशी बाजारों से धन जुटाने के लिए दिसंबर 1986 में कंपनी की स्थापना की गई थी। IRFC का तीसरी तिमाही में मुनाफा ₹1,630 करोड़ रहा IRFC का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 1.93% बढ़कर ₹1,630 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में ये ₹1,599 करोड़ था। कंपनी के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 0.38% की बढ़ोतरी हुई है। FY25 की तीसरी तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹6,763 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में रेवेन्यू ₹6,737 करोड़ था। 1999 में भारतीय रेलवे में शामिल हुई थी IRCTC इंडियन रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अंतर्गत एक 'मिनी रत्न (श्रेणी-I)' सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज है। IRCTC को 27 सितंबर 1999 को भारतीय रेलवे की एक शाखा के रूप में शामिल किया गया था। इसका उद्देश्य स्टेशनों, ट्रेनों और अन्य स्थानों पर कैटरिंग और हॉस्पिटैलिटी को मैनेज करना है। इसके साथ ही बजट होटल्स, स्पेशल टूर पैकेज, इनफॉर्मेशन एंड कॉमर्शियल पब्लिसिटी और ग्लोबल रिजर्वेशन सिस्टम के डेवलपमेंट के माध्यम से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देना है। IRCTC का कॉर्पोरेट ऑफिस नई दिल्ली में स्थित है। IRCTC की कोर एक्टीविटीज तीसरी तिमाही में IRCTC का मुनाफा 14% बढ़ा IRCTC का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 14% बढ़कर ₹341 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट ₹300 करोड़ था। कंपनी के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 10% की बढ़ोतरी हुई है। FY25 की तीसरी तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹1224.7 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में रेवेन्यू ₹1,115.5 करोड़ था। IRCTC ने 11 फरवरी को तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए थे।

Mar 3, 2025 - 16:59
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IRCTC और IRFC को नवरत्न का दर्जा मिला:सरकारी मंजूरी के बिना ₹1,000 करोड़ तक निवेश कर पाएंगी, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IRCTC) 25वीं और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन

IRCTC और IRFC को नवरत्न का दर्जा मिला: सरकारी मंजूरी के बिना ₹1,000 करोड़ तक निवेश कर पाएंगी

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारतीय रेलवे कैटरिंग एवं पर्यटन निगम (IRCTC) और भारतीय रेल वित्त निगम (IRFC) को नवरत्न का दर्जा प्रदान किया है। यह निर्णय दोनों संस्थाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्हें सरकारी मंजूरी के बिना ₹1,000 करोड़ तक के निवेश की क्षमता मिल गई है। यह कदम भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विकास और स्वायत्तता को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।

नवरत्न का दर्जा: क्या है इसका महत्व?

नवरत्न का दर्जा प्राप्त करने वाली कंपनियाँ स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की अधिकतम क्षमता प्राप्त करती हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। IRCTC और IRFC के लिए नवरत्न का दर्जा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उन्हें व्यावसायिक निर्णयों में तेजी लाने और विभिन्न योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने की सुविधा मिलेगी। सूचीबद्ध कंपनियों को पहले से स्वीकृत निवेश के लिए अधिक स्वतंत्रता मिलती है, जिससे वे बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार तेजी से प्रतिसाद कर पाती हैं।

आर्थिक विकास में योगदान

इस बदलाव से IRCTC और IRFC दोनों को उनकी व्यावसायिक योजनाओं को क्रियान्वित करने में सहायता मिलेगी। इससे भारतीय रेलवे की सेवाओं को आधुनिक बनाने, यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और राजस्व का विस्तार करने में मदद मिलेगी। यह न केवल इन कंपनियों के लिए बल्कि पूरे रेलवे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक दिशा में कदम है।

भविष्य के लिए संभावनाएँ

नवरत्न का दर्जा प्राप्त करने के बाद, दोनों कंपनियाँ नई रणनीतियों को लागू करने, तकनीकी नवाचारों में निवेश करने और विपणन के नए अवसरों का पता लगाने के लिए तैयार हैं। इससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी और वे बेहतर सेवाएँ प्रदान करने में सक्षम होंगी। वर्तमान में रेलवे क्षेत्र की चुनौतियों को देखते हुए, यह कदम बहुत आवश्यक था।

यह निर्णय आने वाले समय में IRCTC और IRFC की व्यापार योजनाओं को पुनर्व्यवस्थित करने और वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने में भी सहायक होगा।

अंत में, नवरत्न का दर्जा मिलने के बाद, IRCTC और IRFC को जो स्वतंत्रता मिली है, वह उन्हें न केवल बड़े निवेश करने की अनुमति देगी, बल्कि नई ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए भी प्रेरित करेगी।

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