ट्रम्प का एजुकेशन डिपार्टमेंट बंद करने का ऑर्डर:व्हाइट हाउस की रिपोर्ट- 8वीं क्लास के 70% स्टूडेंट ठीक से पढ़ नहीं पाते

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को एजुकेशन डिपार्टमेंट बंद करने से जुड़े आदेश (एग्जीक्यूटिव ऑर्डर) पर दस्तखत कर दिया। ट्रम्प ने दस्तखत करने के बाद कहा कि अमेरिका लंबे समय से छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका किसी भी देश की तुलना में शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करता है, लेकिन सफलता की बात आती है तो देश लिस्ट में सबसे निचले स्थान पर है। एजुकेशन डिपार्टमेंट सुधार में फेल रहा। अब यह हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। हालांकि, आदेश में कहा गया कि दिव्यांग बच्चों के लिए ग्रांट और फंडिंग जैसे जरूरी प्रोग्राम जारी रहेंगे। ये प्रोग्राम अन्य एजेंसियों को सौंपे जाएंगे। ट्रम्प ने भाषण के दौरान अमेरिकी शिक्षकों की तारीफ की और कहा कि उनका ध्यान रखा जाएगा। फैसले को एडुकेशन डिपार्टमेंट ने एतिहासिक बताया ट्रम्प के आदेश पर साइन करने के बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट ने एक बयान जारी किया और इसे ऐतिहासिक बताया। विभाग ने कहा- हम कानून का पालन करेंगे। संसद और राज्यों के साथ मिलकर नौकरशाही को खत्म करेंगे। इस फैसले से अमेरिकी छात्रों की आने वाली पीढ़ियां मुक्त होंगी और वे बेहतर शिक्षा हासिल कर पाएंगे। वहीं, अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन के अध्यक्ष टेड मिशेल ने ट्रम्प के इस कदम की निंदा की है। उन्होंने इसे एक 'राजनीतिक नाटक' करार दिया और कहा कि इस फैसले से फंडिंग में कमी आएगी जिससे विभाग में कर्मचारियों की संख्या में कटौती होगी। इससे देश में हायर एजुकेशन को नुकसान पहुंचेगा। ट्रम्प के लिए एजुकेशन डिपार्टमेंट को बंद करना क्यों है मुश्किल? एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रम्प के आदेश के बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट को बंद करना मुश्किल है। दरअसल, इसे बंद करने लिए अमेरिकी सीनेट (संसद का ऊपरी सदन) में 60 वोटों की जरूरत होगी, लेकिन यहां ट्रम्प की रिपब्लिकन के पास सिर्फ 53 सीटें हैं। ट्रम्प को 7 डेमोक्रेटिक सांसदों का वोट चाहिए जो कि राजनीतिक तौर पर असंभव काम है। पिछले साल भी एजुकेशन डिपार्टमेंट को समाप्त करने की कोशिश हुई थी। इसे एक अन्य विधेयक में संशोधन के रूप में जोड़ा गया था, लेकिन यह पारित नहीं हो सका क्योंकि सदन में सभी डेमोक्रेट्स के साथ 60 रिपब्लिकनों ने भी इसके विरोध में वोटिंग की थी। 45 साल में 259 लाख करोड़ से ज्यादा खर्च एजुकेशन डिपार्टमेंट को 1979 में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) ने कैबिनेट स्तर की एजेंसी के तौर पर स्थापित किया था। इस डिपार्टमेंट के पास 268 अरब डॉलर डॉलर के फंडिंग प्रोग्राम की जिम्मेदारी है। यह स्टुडेंट्स के लिए लोन और स्पेशल एजुकेशन जैसे प्रोग्राम की देखरेख करती है। इसके साथ ही कम आय वाले स्कूलों को लोन भी देती है। व्हाइट हाउस के आंकड़ों के अनुसार डिपार्टमेंट पिछले 40 सालों में भारी खर्च के बावजूद एजुकेशन में सुधार करने में असफल रहा है। 1979 से अमेरिकी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने 3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 259 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा खर्च किए हैं। इसके बावजूद 13 साल के बच्चों की मैथ और रीडिंग का स्कोर सबसे निचले स्तर पर हैं। चौथी क्लास के 10 में से 6 और आठवीं कक्षा के करीब तीन-चौथाई स्टूडेंट को ठीक तरह से मैथ्स नहीं कर पाते। चौथी और आठवीं क्लास के 10 में से 7 स्टूडेंट ठीक से पढ़ नहीं पाते, जबकि चौथी क्लास के 40% स्टूडेंट बेसिक रीडिंग का स्तर भी पूरा नहीं कर पाते हैं। विभाग बंद हुआ तो स्कूलों में असमानता पैदा होने का खतरा कई एक्सपर्ट्स को लगता है कि इस फैसले से सार्वजनिक शिक्षा गलत असर पड़ सकता है। केंद्र की निगरानी को हटाने से स्कूलों में असमानता पैदा हो सकती है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि शिक्षा विभाग सभी छात्रों के लिए समान अवसर तय करने में जरूरी रोल निभाता है। ट्रम्प के समर्थकों का कहना है कि शिक्षा पर लोकल कंट्रोल ज्यादा बेहतर रहेगा। स्थानीय नेता, माता-पिता और स्कूल लोकल जरूरतों को बेहतर तरीके से समझते हैं। व्हाइट हाउस की तरफ से हैरिसन फील्ड्स ने मीडिया से कहा कि यह ऑर्डर माता-पिता और स्कूलों को बच्चों का रिजल्ट बेहतर करने में मदद करेगा। नेशनल असेसमेंट टेस्ट के हालिया स्कोर बताते हैं कि हमारे बच्चे पिछड़ रहे हैं। कई विभागों में छंटनी कर चुके हैं ट्रम्प 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद से ट्रम्प​ कई डिपार्टमेंट में छंटनी कर चुके हैं। ट्रम्प प्रशासन ने संघीय कर्मचारियों को बायआउट करने यानी खुद से नौकरी छोड़ने का ऑफर दिया था। नौकरी छोड़ने के बदले कर्मचारियों को 8 महीने का अतिरिक्त वेतन देने की बात कही थी। इसके अलावा ट्रम्प ने USAID के तहत विदेशों को दी जाने वाली सभी तरह की मदद पर रोक लगाने का भी आदेश दिया है। संघीय सरकार में 30 लाख से ज्यादा कर्मचारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक संघीय कर्मचारियों की संख्या 30 लाख से ज्यादा है। यह अमेरिका की 15वीं सबसे बड़ी वर्कफोर्स है। प्यू रिसर्च के मुताबिक एक संघीय कर्मचारी का औसत कार्यकाल 12 साल का होता है।

Mar 21, 2025 - 08:00
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ट्रम्प का एजुकेशन डिपार्टमेंट बंद करने का ऑर्डर:व्हाइट हाउस की रिपोर्ट- 8वीं क्लास के 70% स्टूडेंट ठीक से पढ़ नहीं पाते
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को एजुकेशन डिपार्टमेंट बंद करने से जुड़े आदेश (एग्

ट्रम्प का एजुकेशन डिपार्टमेंट बंद करने का ऑर्डर: व्हाइट हाउस की रिपोर्ट

हाल ही में व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि अमेरिका में 8वीं क्लास के लगभग 70% स्टूडेंट्स ठीक से पढ़ने में असमर्थ हैं। इस रिपोर्ट के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने एजुकेशन डिपार्टमेंट को बंद करने का ऑर्डर दिया है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

शिक्षा के क्षेत्र में वर्तमान स्थिति

शिक्षा के क्षेत्र में समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। रिपोर्ट बताती है कि छात्रों की पढ़ाई में कमी और उनके ज्ञान की कमी मुख्य चिंता का विषय बन चुकी है। शिक्षकों की कमी, संसाधनों की कमी और पाठ्यक्रम में सुधार की आवश्यकता भी इस गिरावट के पीछे के कारण हैं। ऐसे में ट्रम्प का यह कदम एक विवादास्पद विषय बन गया है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आंकड़ा शिक्षा प्रणाली की असफलता को दर्शाता है। 8वीं क्लास के छात्रों की पढ़ाई में गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें परिवार की आर्थिक स्थिति, स्कूलों का औसत दर्जा और विभिन्न सामाजिक कारक शामिल हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए उचित नीतियों की आवश्यकता है।

ट्रम्प का एजुकेशन डिपार्टमेंट बंद करने का तर्क

राष्ट्रपति ट्रम्प का मानना है कि एजुकेशन डिपार्टमेंट के बंद होने से स्थानीय स्कूलों को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। उनका यह तर्क है कि इससे स्कूल बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकेंगे और छात्रों की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा। हालांकि, इस फैसले ने कई शिक्षाविदों और राजनीतिक नेताओं के बीच बहस को जन्म दिया है।

समाज में प्रतिक्रियाएँ

इस निर्णय पर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोग इसे एक सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे शिक्षा के स्तर के और गिरने का खतरा मानते हैं। ऐसे में भविष्य में छात्रों की शिक्षा को लेकर क्या निर्णय लिए जाएंगे, यह महत्वपूर्ण होगा।

सारांश में, ट्रम्प का एजुकेशन डिपार्टमेंट बंद करने का निर्णय और 8वीं क्लास के छात्रों की पढ़ाई की स्थिति से जुड़े आंकड़े, शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को दर्शाते हैं। यह विषय आगे भी चर्चा का विषय बनेगा।

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