कुल्लू में अवैध राफ्टिंग, सैलानियों की जान खतरे में:ऑपरेटरों के पास नहीं लाइसेंस, रात में भी गतिविधि जारी, रोक लगाने की मांग
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में पर्यटन सीजन के दौरान सैलानियों की बढ़ती संख्या के साथ साहसिक गतिविधियों में भी वृद्धि हुई है। हालांकि ब्यास नदी में कुछ राफ्टिंग ऑपरेटर बिना किसी अधिकृत अनुमति के गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। कई संचालक कर रहे नियमों की अवहेलना स्थानीय राफ्टिंग ऑपरेटर सुरेश कुमार ने बताया कि शमशी से झिड़ी तक के क्षेत्र में पर्यटन विभाग द्वारा कुछ निर्धारित स्थानों पर ही राफ्टिंग की अनुमति है, लेकिन कई संचालक नियमों की अवहेलना करते हुए बजौरा और गुर्जर बस्ती से रात में भी अवैध राफ्टिंग करवा रहे हैं। चिंता का विषय यह है कि कई राफ्टिंग गाइडों के पास न तो लाइसेंस है और न ही पंजीकरण हुआ है। अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग इससे न केवल वैध राफ्टिंग व्यवसाय प्रभावित हो रहा है, बल्कि सैलानियों की सुरक्षा भी जोखिम में है। सुरेश कुमार ने जिला प्रशासन से इन अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि कुछ संचालक अपनी निजी गाड़ियों में राफ्ट और पर्यटकों को ले जा रहे हैं, जो यातायात नियमों का भी उल्लंघन है। उन्होंने कुल्लू पुलिस से मामले में विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है।

कुल्लू में अवैध राफ्टिंग की समस्या
कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में अवैध राफ्टिंग की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे सैलानियों की जान खतरे में पड़ गई है। हाल ही में कई पर्यटकों ने शिकायत की है कि राफ्टिंग ऑपरेटरों के पास उचित लाइसेंस नहीं हैं। यह स्थिति न केवल पर्यटकों के लिए खतरा पैदा कर रही है, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन के लिए भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
रात में गतिविधियों का जारी रहना
रात के समय भी कई राफ्टिंग ऑपरेटर अपनी अवैध गतिविधियाँ जारी रखे हुए हैं। इस बारे में स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि अंधेरे में राफ्टिंग करना बेहद जोखिम भरा साबित हो सकता है। स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
स्थानीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग ने इस गंभीर समस्या पर गौर करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने ऐसे राफ्टिंग ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, जो बिना लाइसेंस के सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे रात में राफ्टिंग करने वालों पर रोक लगाने की मांग भी कर रहे हैं।
सैलानियों की सुरक्षा के उपाय
सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि सुरक्षित राफ्टिंग के लिए केवल मान्यता प्राप्त ऑपरेटरों से ही सेवाएं लेनी चाहिए। इसके साथ ही, पर्यटकों को यह सलाह दी जाती है कि वे राफ्टिंग से पहले सुरक्षा मानकों की जांच करें और रात में राफ्टिंग करने से बचें।
निष्कर्ष
कुल्लू में अवैध राफ्टिंग की समस्या को गंभीरता से लेना आवश्यक है। यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो यह न केवल पर्यटकों की जान को खतरे में डाल सकता है, बल्कि क्षेत्र की पर्यटन सुविधाओं को भी नुकसान पहुँचा सकता है। स्थानीय अधिकारियों और समुदायों को इस मुद्दे का समाधान करने में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। Keywords: कुल्लू अवैध राफ्टिंग, सैलानी खतरे में, राफ्टिंग लाइसेंस, रात की राफ्टिंग, पर्यटन सुरक्षा, कुल्लू समाचार, राफ्टिंग ऑपरेटर, हिमाचल प्रदेश राफ्टिंग, पर्यटकों की सुरक्षा, अवैध गतिविधियाँ For more updates, visit indiatwoday.com.
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