लिलेट दुबे के निर्देशन में नाटक 'सलाम, नोनी आपा' कामंचन:लखनऊ में रेपर्टवा वीकेंड्स के 8वें सीजन में उम्र और प्यार की कहानी ने दर्शकों को बांधा

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में रेपर्टवा वीकेंड्स का आठवां सीजन आयोजित हुआ। इस मौके पर बॉलीवुड अभिनेत्री और निर्देशक लिलेट दुबे के निर्देशन में नाटक 'सलाम, नोनी आपा' का मंचन किया गया। रेपर्टवा फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दर्शकों की भरपूर उपस्थिति रही। नाटक की कहानी दो बहनों, नोनी आपा और बिन्नी के जीवन पर आधारित है। कहानी में एक उम्रदराज विधवा नोनी आपा का किरदार है। वह एक शादीशुदा और अपने से छोटी उम्र के व्यक्ति से प्रेम कर बैठती हैं। इससे उनके सामने भावनात्मक द्वंद्व खड़ा हो जाता है। करुण रस का बेहतरीन संगम देखने को मिला नाटक में लिलेट दुबे, जयति भाटिया, यतीन कार्येकर, ऋषि खुराना और अनुष्का साहनी ने अभिनय किया। सभी कलाकारों ने अपने किरदारों को जीवंत कर दिया। नाटक में हास्य और करुण रस का बेहतरीन संगम देखने को मिला।​​​​​​​ रेपर्टवा फाउंडेशन के संस्थापक भूपेश राय ने कहा कि उनका उद्देश्य लखनऊ में रंगमंच की गुणवत्ता को बढ़ावा देना है। वह चाहते हैं कि हर उम्र के लोग थिएटर से जुड़ें। 'सलाम, नोनी आपा' सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार करता है। यह नाटक जीवन को नए नजरिए से देखने का संदेश देता है।

May 11, 2025 - 00:27
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लिलेट दुबे के निर्देशन में नाटक 'सलाम, नोनी आपा' कामंचन:लखनऊ में रेपर्टवा वीकेंड्स के 8वें सीजन में उम्र और प्यार की कहानी ने दर्शकों को बांधा
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में रेपर्टवा वीकेंड्स का आठवां सीजन आयोज

लिलेट दुबे के निर्देशन में नाटक 'सलाम, नोनी आपा' कामंचन: लखनऊ में रेपर्टवा वीकेंड्स के 8वें सीजन में उम्र और प्यार की कहानी ने दर्शकों को बांधा

लिलेट दुबे, जो अपने बेहतरीन निर्देशन के लिए जानी जाती हैं, ने हाल ही में लखनऊ के रेपोर्टवा वीकेंड्स के 8वें सीजन में नाटक 'सलाम, नोनी आपा' का सफल प्रदर्शन किया। यह नाटक उम्र और प्यार की जटिलताओं पर रोशनी डालता है, और इसे दर्शकों द्वारा अत्यधिक सराहा गया। 'सलाम, नोनी आपा' में पात्रों के बीच की संवाद साधना न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी विचार कराती है।

नाटक की कहानी और उसकी प्रस्तुति

'सलाम, नोनी आपा' की कहानी एक ऐसी महिला के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपना जीवन अपने अनुभवों और संघर्षों के साथ बिताती है। इस नाटक में उम्र के साथ-साथ प्यार और रिश्तों की जटिलताओं को दर्शाया गया है। लिलेट दुबे की अद्वितीय डायरेक्शन ने इस कहानी को और भी जीवंत बना दिया। उनके निर्देशन में नाटक में विभिन्न भावनाओं और अनुभवों को प्रभावी तरीके से पेश किया गया है जो दर्शकों को एक नई सोच और प्रेरणा देता है।

उम्र और प्यार के सिंदगी में जटिलताएं

नाटक का एक प्रमुख संदेश है कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती। लिलेट दुबे ने इस मुद्दे की गहराई को उजागर किया है कि कैसे उम्र के अंतर के बावजूद, दो लोग एक-दूसरे के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। नाटक में दिखाया गया है कि एक व्यक्ति अपने जीवन के विभिन्न पड़ावों में कैसे प्यार को महसूस करता है और उसे स्वीकार करता है।

दर्शकों की प्रतिक्रियाएं

दर्शकों ने 'सलाम, नोनी आपा' के प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई दर्शकों ने कहा कि यह नाटक उन्हें अपने जीवन के अनुभवों से जुड़ने का मौका देता है। पंक्तियों में एक सहजता और गहराई है, जो लोगों को सोचने पर मजबूर करती है। इसका मानवता के प्रति दृष्टिकोण दर्शकों पर एक गहरा प्रभाव छोड़ता है।

निष्कर्ष

लिलेट दुबे के निर्देशन में 'सलाम, नोनी आपा' ने लखनऊ के नाट्य प्रेमियों के बीच एक नई पहचान बनाई है। इस नाटक ने न केवल दर्शकों के दिलों को छू लिया है, बल्कि उन्हें जिंदगी की जटिलताओं को समझने का भी एक नया दृष्टिकोण दिया है। इस तरह के प्रदर्शनों की आवश्यकता है जो समाज में प्यार और रिश्तों के जटिल पहलुओं पर चर्चा को बढ़ावा दें।

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