RBI ने स्टेट बैंक पर ₹1.72 करोड़ का जुर्माना लगाया:बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करने का आरोप; ग्राहकों को समय पर कॉम्पेंसेशन नहीं दिया
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पर रिजर्व बैंक (RBI) ने 1.72 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंकिंग नियमों का पालन न करने करने पर लगाया गया है। RBI ने SBI पर ग्राहकों को अनअथॉराइज्ड डिजिटल ट्रांजैक्शन में नुकसान होने पर समय पर कॉम्पेंसेशन नहीं देने और करंट अकाउंट खोलने में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। 3 पॉइंट में समझें पूरा मामला RBI ने कहा SBI को नोटिस दिया जवाब संतोषजनक नहीं था आरबीआई ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा, "यह जुर्माना सिर्फ नियमों का पालन न करने पर लगाया गया है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के तहत यह जुर्माना लगाया है। SBI को पहले नोटिस देकर जवाब मांगा गया, लेकिन बैंक का जवाब संतोषजनक नहीं था। 2022 में 1.3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था यह पहली बार नहीं है जब SBI पर आरबीआई ने जुर्माना लगाया है। 2022 में भी बैंक पर 1.3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इससे पहले 2020 में SBI समेत 5 बैंकों पर करंट अकाउंट नियमों का उल्लंघन करने पर 4.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा था। SBI की इनकम ₹1.44 लाख करोड़ पहुंची बैंक ने बताया जनवरी-मार्च तिमाही में उसे 18,643 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (स्टैंड अलोन नेट प्रॉफिट) हुआ है। हालांकि, सालाना आधार पर इसमें 10% की कमी आई है। जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक की टोटल इनकम सालाना आधार पर 12.04% बढ़कर 1,43,876 करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में यह 1,28,412 करोड़ रुपए रही थी। वहीं, पिछली तिमाही के मुकाबले यह 11.99% ज्यादा रही।
RBI ने स्टेट बैंक पर ₹1.72 करोड़ का जुर्माना लगाया
बैंकिंग नियमों का उल्लंघन और ग्राहकों की असंतोषजनक सेवा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर ₹1.72 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई बैंकिंग नियमों के उल्लंघन के कारण की गई है, जो ग्राहकों को समय पर कंपेनसेशन न देने के आरोप में उठाई गई है। इस प्रकार के उल्लंघनों से न केवल बैंक की साख पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि ग्राहकों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है।
जुर्माने के पीछे का कारण
RBI के अनुसार, स्टेट बैंक ने कुछ मामलों में ग्राहकों को उचित समय पर मुआवजा नहीं दिया, जिसके कारण यह जुर्माना लगाया गया। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के हिसाब से, ग्राहकों को समय पर उनकी धनराशि की वापसी सुनिश्चित की जानी चाहिए, जो इस बैंक के मामले में सही नहीं हो रहा था।
ग्राहकों की संतुष्टि और बैंकिंग पर्यवेक्षण
इस जुर्माने से यह सिद्ध होता है कि RBI ग्राहकों की संतुष्टि और बैंकिंग प्रणाली के नियमों को बनाए रखने के प्रति गंभीर है। ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान करना बैंकों की प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसे मामलों में उचित कार्यवाही न करने पर बैंक को न केवल वित्तीय जुर्माना झेलना पड़ता है, बल्कि उनकी छवि भी खराब होती है।
भविष्य में क्या उम्मीद की जा सकती है?
इसके बाद, उम्मीद की जा रही है कि स्टेट बैंक इस जुर्माने से सीख लेकर अपनी सेवाओं में सुधार करेगा। बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह आवश्यक है कि सभी बैंकों से अपेक्षित व्यवहार सुनिश्चित किया जाए।
निष्कर्षतः, RBI का यह कदम न केवल स्टेट बैंक के लिए एक चेतावनी है, बल्कि अन्य बैंकों के लिए भी एक उदाहरण पेश करता है कि ग्राहक संतुष्टि और नियमों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।
विशेषकर जब बात ग्राहकों के मूल्यवान धन की होती है, तो यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सब कुछ सही तरीके से और समय पर हो। आगे चलकर, इस तरह की कार्रवाइयों से ही बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
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