कुल्लू में फोरलेन पर चौथा टोल प्लाजा:डोहलूनाला में जल्द होगा शुरू, लोग बोले- प्लाजा नहीं लगने देंगे
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर डोहलूनाला टोल प्लाजा जल्द ही शुरू होने जा रहा है। एनएचएआई मंडी इकाई के परियोजना निदेशक वरुणचारी ने इसकी पुष्टि की है। टोल प्लाजा को लेकर एनएचएआई ने स्पष्ट किया कि इसे एक्ट के प्रावधानों के तहत विशेष अनुमति से स्थापित किया गया है। टकोली और डोहलूनाला टोल प्लाजा के बीच की दूरी 60 किलोमीटर से कम है। लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण मंत्रालय से विशेष अनुमति प्राप्त की गई है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर कुल चार टोल प्लाजा स्थापित किए गए हैं। गड़ामोडा, डेहर और टकोली में पहले से ही फास्ट टैग के माध्यम से टोल वसूला जा रहा है। डोहलूनाला टोल प्लाजा कुल्लू जिले का एकमात्र टोल प्लाजा है। टोल प्लाजा शुरू होने के बाद देश भर से आने वाले पर्यटक वाहनों समेत स्थानीय वाहन चालकों को चार जगह टोल शुल्क देना होगा। इस फैसले के विरोध में स्थानीय संघर्ष समिति ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजगीर महंत ने बताया कि कुल्लू मनाली के बीच कोई फोरलेन रोड नहीं है। टू लेन रोड़ की हालत खस्ता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि टू लेन पर कोई टोल प्लाजा नहीं लगने देंगे। यदि टोल प्लाजा शुरू किया जाएगा तो कुल्लू मनाली की पूरी जनता सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी ।

कुल्लू में फोरलेन पर चौथा टोल प्लाजा: डोहलूनाला में जल्द होगा शुरू, लोग बोले- प्लाजा नहीं लगने देंगे
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कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में फोरलेन के निर्माण के बीच चौथे टोल प्लाजा की स्थापना की योजना ने स्थानीय जनता में एक नई हलचल मचाई है। डोहलूनाला में प्रस्तावित यह टोल प्लाजा जल्द ही शुरू होने वाला है, लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे इस टोल प्लाजा को नहीं लगने देंगे। उनके अनुसार, यह टोल प्लाजा उनके लिए आर्थिक बोझ बन सकता है और इससे परिवहन लागत में वृद्धि होगी।
स्थानीय लोगों की चिंताएं
स्थानीय लोगों का मानना है कि नया टोल प्लाजा केवल उनकी जेब पर और बोझ डालेगा। किसान और व्यापारी, जो पहले ही महंगाई से परेशान हैं, इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। डोहलूनाला के निवासी राधिका शर्मा, जो स्थानीय व्यवसायी हैं, कहती हैं, "हमें रोज़ाना अपने सामान की परिवहन की आवश्यकता है, और टोल लगने से हमारी लागत बढ़ जाएगी।"
सरकार का पक्ष
सरकार का कहना है कि चार लेन वाले इस मार्ग के माध्यम से यात्रा सुगम होगी और इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि टोल प्लाजा से उत्पन्न राजस्व का उपयोग सड़क की देखभाल और विकास पर किया जाएगा। कुल्लू के उपायुक्त ने बताया, "टोल प्लाजा का निर्माण राज्य के विकास के लिए आवश्यक है, और इसे लोगों की भलाई के लिए अनुकूलित किया जाएगा।"
सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस विषय पर सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा हो रही है। कई लोग इस विषय पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। डोहलूनाला पंचायत की सरपंच, संगीता देवी, ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो वे तालाबंदी का भी सहारा ले सकते हैं। "हम सिर्फ अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं," उन्होंने कहा।
आगे की राह
देखना होगा कि क्या सरकार स्थानीय निवासियों के विरोध को सुनेगी और क्या वे इस टोल प्लाजा के निर्माण पर पुनर्विचार करेंगे। स्थानीय स्तर पर समर्थन जुटाना और उनके चिंताओं को सुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्थिति ऐसी है कि यदि सरकार ने गंभीरता से कदम नहीं उठाए, तो यह मुद्दा विशाल जन आंदोलन का रूप ले सकता है।
इस प्रकार, कुल्लू में प्रस्तावित चौथा टोल प्लाजा एक गर्म मुद्दा बन गया है, जिसने स्थानीय जनता और सरकार के बीच तनाव बढ़ा दिया है। सभी की निगाहें अब इस बात पर हैं कि निकट भविष्य में इस मामले का क्या समाधान निकलता है।
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