पंजाब के टूरिस्ट की हाई-एल्टीट्यूट सिकनेस से मौत:दारचा में सांस लेने में दिक्कत, केलांग पहुंचने से पहले दम तोड़ा, लेह से लौट रहे थे

हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिला में मनाली-लेह नेशनल हाईवे पर रविवार को एक टूरिस्ट की हाई एल्टीट्यूड सिकनेस से मौत हो गई। मृतक की पहचान पंजाब पटियाला के अमन बाग कॉलोनी निवासी वरिंदरजीत पंधेर (54) के तौर पर हुई है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर परिजनों को सौंप दिया है। स्पीति पुलिस के अनुसार, मृतक वरिंदरजीत पंधेर अपनी पत्नी व बेटी के साथ हिमाचल घूमने आए थे। लेह से लौटने के बाद वह रविवार को दारचा पहुंचे। यहां पर वह बीमार पड़ गए। दारचा में उन्हें प्राथमिक उपचार देकर केलांग के लिए रेफर किया गया। मगर केलांग पहुंचने से पहले ही टूरिस्ट की मौत हो गई। ऊंचाई अधिक होने से अक्सर होती है ऑक्सीजन की कमी समुद्र तल से दारचा की ऊंचाई 11023 फीट है। इससे यहां अक्सर ऑक्सीजन की कमी होती है। खासकर दारचा से आगे ग्राम्फू से लोसर के बीच ऑक्सीजन का लेवल काफी गिर जाता है। इससे सांस लेने में परेशानी होती है। दारचा से आगे ग्राम्फू से लोसर तक पहाड़ों पर अभी बर्फ गिरी हुई है। इससे यहां ऑक्सीजन का लेवल काफी गिर जाता है। टूरिस्ट को ऑक्सीजन किट साथ लगने की सलाह लाहौल स्पीति जिला प्रशासन ने सांस की समस्या वाले लोगों को दारचा से आगे यात्रा नहीं करने और टूरिस्ट को ऑक्सीजन सिलेंडर और फर्स्ट एड किट साथ रखने की सलाह दी है। ऐसे स्थानों पर रेगुलर पानी पीने से हाई एल्टीट्यूड सिकनेस का जोखिम कम होता है। मोबाइल नेटवर्क भी उपलब्ध नहीं रहता इसी तरह दारचा से आगे ग्राम्फू-लोसर में मोबाइल नेटवर्क भी उपलब्ध नहीं रहता। इससे आपात स्थिति में मदद मिलना मुश्किल हो जाता है।

Jun 2, 2025 - 09:27
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पंजाब के टूरिस्ट की हाई-एल्टीट्यूट सिकनेस से मौत:दारचा में सांस लेने में दिक्कत, केलांग पहुंचने से पहले दम तोड़ा, लेह से लौट रहे थे
हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिला में मनाली-लेह नेशनल हाईवे पर रविवार को एक टूरिस्ट की हाई एल्टी

पंजाब के टूरिस्ट की हाई-एल्टीट्यूड सिकनेस से मौत: दारचा में सांस लेने में दिक्कत, केलांग पहुंचने से पहले दम तोड़ा, लेह से लौट रहे थे

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हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिला में मनाली-लेह नेशनल हाईवे पर हाल ही में एक पर्यटक की हाई एल्टीट्यूड सिकनेस से मौत की घटना ने सभी को हतप्रभ कर दिया है। मृतक की पहचान पंजाब पटियाला के अमन बाग कॉलोनी निवासी वरिंदरजीत पंधेर (54) के तौर पर हुई है। इस घटना ने यात्रा के दौरान हाई एल्टीट्यूड सिकनेस के खतरों को प्रमुखता से उजागर किया है।

घटना का विवरण

वरिंदरजीत पंधेर अपनी पत्नी और बेटी के साथ हिमाचल की यात्रा पर आए थे। उन्होंने लेह से लौटते समय दारचा में एक स्टॉप बनाया। दारचा, जो समुद्र तल से 11023 फीट की ऊचाई पर स्थित है, में पहुंचते ही उन्हें सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने पर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और केलांग के लिए रेफर किया गया। लेकिन, दुर्भाग्यवश, वह केलांग पहुंचने से पहले ही दम तोड़ गए। इस घटना ने उनकी परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

हाई एल्टीट्यूड सिकनेस के कारण और सावधानियां

हाई एल्टीट्यूड सिकनेस, जिसे आमतौर पर एसीट के नाम से जाना जाता है, तब होती है जब शरीर ऊँचाई पर पहुँचने पर ऑक्सीजन की कमी का सामना करता है। दारचा से ग्राम्फू और लोसर के बीच की ऊंचाई में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। लाहौल स्पीति जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्यटकों को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर और फर्स्ट एड किट साथ रखें।

इसके अतिरिक्त, पर्यटकों को नियमित अंतराल पर पानी पीने की सलाह दी गई है, जिससे हाई एल्टीट्यूड सिकनेस के जोखिम को कम किया जा सके। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि सांस की समस्याओं वाले लोगों को दारचा से आगे यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसके चलते जानमाल की हानि होने की संभावना बढ़ जाती है।

मोबाइल नेटवर्क की कमी का प्रभाव

दारचा से आगे ग्राम्फू-लोसर में मोबाइल नेटवर्क की अनुपलब्धता भी सुरक्षा के मामले में एक बड़ी चुनौती साबित होती है। आपातकालीन परिस्थितियों में मदद मिलने में देरी होती है, जिससे पर्यटकों की सुरक्षा को खतरा होता है। इसकी वजह से यात्रा करते समय अधिक सतर्कता और तैयारी आवश्यक है。

निष्कर्ष

इस दुखद घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऊँचाई पर यात्रा करते समय सावधानी अनिवार्य है। पर्यटकों को अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक रहना चाहिए और यात्रा करने से पहले उचित तैयारी करनी चाहिए। हमें आशा है कि इस प्रकार की घटनाएं फिर कभी न हों और सभी पर्यटक सुरक्षित यात्रा करें।

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