पति-पत्नी ने फर्जी दस्तावेजों से दो बैंकों से लिया लोन:रामपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, 38 लाख का फर्जीवाड़ा
रामपुर में एक बड़े बैंक फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड के जरिए 38 लाख रुपए का लोन निकालने के मामले में पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है। आरोपी अमर सिंह और उनकी पत्नी ने एक व्यक्ति के पिता के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर दो अलग-अलग बैंकों से लोन हासिल किया। फर्जी आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने पहला लोन 14 फरवरी 2024 को आईसीआईसीआई बैंक की डायमंड रोड शाखा से 21 लाख रुपए का निकाला। इसके बाद 2 सितंबर 2024 को कैनरा बैंक की पीपला शिवनगर, मिलक शाखा से 17 लाख रुपए का दूसरा लोन लिया। दोनों लोन पीड़ित के पिता के नाम पर फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड का इस्तेमाल करके निकाले गए। मामला 29 नवंबर 2024 को तब सामने आया जब पीड़ित ने थाना सिविल लाइंस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने धोखाधड़ी के विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। आज पसियापुरा तिराहे से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में कुछ अन्य लोगों की भी संलिप्तता सामने आई है। जिनकी तलाश जारी है। पुलिस गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है।

पति-पत्नी ने फर्जी दस्तावेजों से दो बैंकों से लिया लोन:रामपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, 38 लाख का फर्जीवाड़ा
हाल ही में, रामपुर पुलिस ने एक पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से दो बैंकों से लोन लिया। इस मामले में पुलिस ने 38 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। यह घटना न केवल वित्तीय संस्थानों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह समाज में जागरूकता भी बढ़ा रही है कि कैसे लोग धोखाधड़ी के माध्यम से आसान पैसे कमाने की कोशिश करते हैं।
फर्जी दस्तावेजों का मामला
इस चलन में कई लोग कंपनियों के दस्तावेजों, पहचान पत्रों और अन्य आवश्यक कागजात को सीधे तौर पर बदल कर फर्जी लोन प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। जांचर्षण के दौरान, पुलिस ने पाया कि पति-पत्नी ने एक योजना के तहत यह सब किया। उन्होंने बैंक अधिकारियों को धोखे में डालने के लिए नकली पहचान पत्र और आय प्रमाण पत्र का उपयोग किया।
रामपुर पुलिस की सक्रियता
रामपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मामले का संज्ञान लिया और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ के दौरान, पति-पत्नी ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस फर्जीवाड़े के लिए कई बैंकों से लोन की वहां तक कि पहले भी प्रयास किए थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी।
सामाजिक जागरूकता
इस मामले ने यह स्पष्ट किया है कि फर्जीवाड़ा एक गंभीर अपराध है, जिसका समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अब अधिक सतर्क हो गए हैं और जांच प्रक्रियाओं को सख्त बना रहे हैं।
इस घटना के संदर्भ में, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता प्राप्त करने से पहले उस प्रक्रिया और उसके दस्तावेजों को सही सावधानीपूर्वक जाँच करें।
इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम में सभी का सहयोग आवश्यक है।
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