पर्सन टू मर्चेंट पेमेंट की लिमिट खुद तय करेगा NPCI:RBI की परमिशन मिली, पर्सन टू पर्सन की लिमिटी ₹1 लाख बरकरार रहेगी
अब नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI पर्सन-टू-मर्चेंट के लिए पेमेंट लिमिट खुद तय कर सकता है। 7 से 9 अप्रैल तक चली रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले की जानकारी दी। अभी पर्सन-टू-मर्चेंट के लिए पेमेंट की लिमिट 2 लाख रुपए है। RBI के इस फैसले का मतलब यह है कि UPI को रेगुलेट करने वाला NPCI अब 2 लाख रुपए की लिमिट के बढ़ा-घटा सकता है। पर्सन टू पर्सन UPI ट्रांजैक्शन की लिमिट 1 लाख रुपए बरकरार रहेगी। पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट RBI मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग की 3 बड़ी बातें... UPI को NCPI ऑपरेट करता है भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था। UPI कैसे काम करता है? UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है। अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं। ----------------------- ये खबर भी पढ़ें... अब UPI से ₹5 लाख तक कर सकेंगे पेमेंट: ये शैक्षणिक संस्थानों-हॉस्पिटल के लिए, ₹1 लाख तक ऑटो पेमेंट के लिए OTP जरूरी नहीं रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद सरकार ने आज यानी 8 दिसंबर को UPI से पेमेंट की लिमिट को ₹1 लाख/दिन से बढ़ाकर ₹5 लाख/दिन कर दिया है। फिलहाल ये सुविधा हॉस्पिटल्स और शैक्षणिक संस्थानों में UPI से पेमेंट करने पर मिलेगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

पर्सन टू मर्चेंट पेमेंट की लिमिट खुद तय करेगा NPCI
News by indiatwoday.com
NPCI को मिली RBI की परमिशन
हाल ही में, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से पर्सन टू मर्चेंट (P2M) पेमेंट्स की लिमिट का निर्धारण स्वयं करने की अनुमति मिल गई है। यह कदम डिजिटल वित्तीय प्रणाली को और अधिक लचीला और उपभोक्ता अनुकूल बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। पर्सन टू मर्चेंट पेमेंट्स, जो उपभोक्ताओं और व्यापारियों के बीच लेन-देन को सरल बनाता है, अब NPCI द्वारा निर्धारित नए मानकों के अनुसार संचालित होगा।
P2P की लिमिट में कोई बदलाव नहीं
इसके विपरीत, पर्सन टू पर्सन (P2P) पेमेंट्स की लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस तरह की लेन-देन की सीमित राशि ₹1 लाख यथावत रहेगी। RBI ने P2P ट्रांजैक्शंस को सरल रखने और यूजर्स के लिए सुरक्षित बनाने हेतु यह सीमित राशि बनाए रखने का निर्णय लिया है। इससे उपभोक्ताओं को बिना किसी परेशानियों के अपने मित्रों और परिवार को पैसे भेजने में मदद मिलेगी।
नए नियमों का प्रभाव
NPCI के नए नियमों का प्रत्यक्ष प्रभाव विभिन्न व्यापारियों पर पड़ेगा, जो अपनी सेवाओं को अधिक आरामदायक और आकर्षक बना सकेंगे। उपभोक्ताओं के लिए ये उपाय न केवल सहूलियत लाएंगे, बल्कि डिजिटल लेन-देन को भी बढ़ावा देंगे। वित्तीय लेनदेन में डिजिटल समस्याओं को कम करने और उपभोक्ताओं को सुरक्षित अनुभव देने में यह पहल महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
निष्कर्ष
अंततः, NPCI को मिली नई अनुमति से P2M पेमेंट्स में सुधार की संभावना के साथ ही P2P पेमेंट्स की सीमा में स्थिरता का महत्व भी बरकरार रहेगा। यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस विकास से संबंधित और अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए, विजिट करें indiatwoday.com। keywords: पर्सन टू मर्चेंट पेमेंट, NPCI RBI परमिशन, डिजिटल पेमेंट्स लिमिट, पर्सन टू पर्सन पेमेंट्स, NPCI नए नियम, डिजिटल ट्रांजैक्शन भारत, P2P पेमेंट्स लिमिट, भुगतान प्रणाली अपडेट्स, भारत में डिजिटल फाइनेंस
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