पावरबैंक के चलते भारतीय महिला 8 घंटे हिरासत में रहीं:US एयरपोर्ट की घटना; पुलिस ने मोबाइल छीना-गर्म कपड़े उतरवाए, टॉयलेट भी नहीं जाने दिया
भारतीय बिजनेसमैन श्रुति चतुर्वेदी ने मंगलवार को दावा किया कि अमेरिका में पुलिस और FBI ने उन्हें एयरपोर्ट पर 8 घंटे तक हिरासत में रखा। इसकी वजह से उनकी फ्लाइट छूट गई। श्रुति ने X पोस्ट में आरोप लगाया कि एयरपोर्ट पर एक पुलिस अधिकारी ने कैमरे के सामने उनकी फिजिकली जांच की। श्रुति के मुताबिक अलास्का के एंकोरेज एयरपोर्ट पर सुरक्षा कर्मियों को उनके हैंडबैग से एक पावर बैंक मिला था, जिसे उन्होंने संदिग्ध माना। पूछताछ के दौरान उन्हें 8 घंटे तक टॉयलेट भी नहीं जाने दिया। 'चायपानी' नाम से पब्लिक रिलेशन फर्म चलाने वाली श्रुति चतुर्वेदी ने कहा- कल्पना कीजिए कि पुलिस और FBI आपको 8 घंटे तक हिरासत में रखे। छोटी मोटी चीजों के बारे में पूछताछ की जाए, कैमरे के सामने एक पुरुष अधिकारी आपकी फिजिकली जांच करे, गर्म कपड़े, मोबाइल, पर्स छीन लिए जाएं, ठंडे कमरे में रखा जाए, टॉयलेट का इस्तेमाल करने या एक कॉल करने की भी परमिशन न दी जाए, आपकी फ्लाइट छूट जाए- यह सब सिर्फ इसलिए क्योंकि एयरपोर्ट की सिक्योरिटी टीम को आपके हैंडबैग में रखा पावरबैंक संदिग्ध लग रहा था। फ्लाइट में ट्रैवल करते वक्त किन बातों की सावधानी रखें... फ्लाइट में ट्रैवल करने को लेकर हर देश में अलग अलग नियम होते हैं, लेकिन फिर भी कुछ कॉमन रूल्स और रेगुलेशन होते हैं जिन्हें आम तौर पर फॉलो किया जाता है। फ्लाइट में लगेज को लेकर अलग-अलग नियम हर एयरलाइन के लगेज को लेकर अलग-अलग दिशा-निर्देश होते हैं। सभी यात्रियों को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। आमतौर पर दो तरह के लगेज होते हैं, पहला केबिन बैग, जिसे आप अपने साथ अंदर ले जा सकते हैं और दूसरा चेक-इन बैग, जिसे एयरलाइन काउंटर पर जमा किया जाता है। ये यात्री को फ्लाइट से उतरने के बाद एयरपोर्ट पर मिल जाता है। दोनों तरह के लगेज के वजन अलग-अलग होते हैं, जो कि टिकट पर लिखे होते हैं। अगर आपका सामान निर्धारित वजन से ज्यादा है तो इसके लिए आपको अतिरिक्त शुल्क देना होगा। फ्लाइट में एक यात्री 7-10 किलो सामान ले जा सकता है फ्लाइट में आप हैंड बैग में 7-10 किलो तक का सामान ले जा सकते हैं। कुछ एयरलाइन्स में फर्स्ट और बिजनेस क्लास के यात्रियों को करीब 10 किलो तक का बैग ले जाने की अनुमति होती है। वहीं चेक इन बैग में 15-30 किलो तक का सामान ले जा सकते हैं। हालांकि हर एयरलाइन्स की अपनी पॉलिसीज होती हैं। इसलिए यात्रा से पहले एक बार उसे जरूर चेक करें। फ्लाइट में क्या सामान ले जा सकते हैं और क्या नहीं? फ्लाइट में सामान ले जाने को लेकर हर एयरलाइन के अपने-अपने नियम होते हैं। लेकिन कुछ सामान्य दिशा-निर्देश हैं, जो अधिकतर फ्लाइट्स पर लागू होते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद क्या करें? पहली बार फ्लाइट से यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह जानना थोड़ा उलझन भरा होता है कि उन्हें एयरपोर्ट में कहां जाना चाहिए। नीचे पॉइंटर्स के जरिए इस बारे में समझ सकते हैं- ----------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... 13 हजार साल पहले विलुप्त हुए भेड़िये फिर पैदा हुए:72 हजार साल पुराने DNA से वैज्ञानिकों ने तैयार किया अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इतिहास रचते हुए भेड़िए की विलुप्त प्रजाति डायर वुल्फ को दोबारा जन्म दिया है। अमेरिका के डलास की बायोटेक कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेज ने इस कारनामे को अंजाम दिया है। यहां पढ़ें पूरी खबर...

पावरबैंक के चलते भारतीय महिला 8 घंटे हिरासत में रहीं: US एयरपोर्ट की घटना
हाल ही में, एक भारतीय महिला को अमेरिका के एक एयरपोर्ट पर एक अजीब और परेशान करने वाली घटना का सामना करना पड़ा। पावरबैंक के चलते उन्हें 8 घंटे हिरासत में रखा गया, जिसमें पुलिस ने उनके मोबाइल फोन को छीन लिया और उन्हें गर्म कपड़े उतरवाने के लिए मजबूर किया। इस स्थिति ने न केवल उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रभावित किया बल्कि यह एक विस्तृत सुरक्षा जांच का हिस्सा भी बन गई।
घटना का विवरण
मामला तब शुरू हुआ जब महिला ने अपने पावर बैंक के चलते एयरपोर्ट सुरक्षा जांच में समस्या का सामना किया। अधिकारियों ने उसे हिरासत में लेते हुए कहा कि उसका पावर बैंक सुरक्षा के लिए खतरा है। इस कारण से, महिला को अपने कपड़े उतारने के लिए कहा गया, जिससे उसे भारी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा।
पुलिस की कार्रवाई
जब महिला ने पुलिस के सामने अपनी स्थिति को समझाने की कोशिश की, तो उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। पुलिस ने न केवल उसके मोबाइल फोन को जब्त किया बल्कि टॉयलेट जाने की अनुमति भी नहीं दी। इस प्रकार की कार्रवाई ने मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है। कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निन्दा की है और इसे अव्यवस्थित और दमनकारी बताया है।
सुरक्षा जांच की चिंताएँ
इस घटना ने सुरक्षा जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। क्या किसी व्यक्ति को बिना किसी स्पष्ट कारण के इस तरह से हिरासत में लिया जा सकता है? क्या सुरक्षा के नाम पर ऐसी परेशानियों को सहन करना सही है? विशेष रूप से ऐसे समय में जब व्यक्ति डरे हुए होते हैं, ऐसे कदम उठाना ना केवल गलत है बल्कि यह सुरक्षा के संदर्भ में संबंधों को भी प्रभावित करता है।
समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर कई लोग अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। कई ट्वीट्स और पोस्ट्स में लोगों ने इस घटना की निंदा की है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया है कि आगे से ऐसी घटनाएं न हों।
हालांकि कई लोगों ने यह भी कहा है कि सुरक्षा जांच का संचालन करना आवश्यक है, लेकिन इसे इस प्रकार से लागू नहीं किया जाना चाहिए।
समाज में इस घटना की गंभीर चर्चा हो रही है और ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए बदलाव की आवश्यकता है। पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों को एक उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
अंततः, ऐसी घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हम अपनी सुरक्षा के लिए कितनी कीमत चुकाने को तैयार हैं और हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
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