प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी पर डीएम सख्त:लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय, 10 दिन के अंदर मांगी रिपोर्ट

गोंडा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास निर्माण में लापरवाही और अनियमितताओं का मामला सामने आने पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कई लाभार्थियों ने पूरी धनराशि प्राप्त करने के बावजूद आवास निर्माण अधूरा छोड़ दिया था। पाण्डेय चौरा ग्राम पंचायत का मामला करनैलगंज विकासखंड के पाण्डेय चौरा ग्राम पंचायत में अनियमितताएँ सामने आईं, जहां 11 लाभार्थियों को पूरी धनराशि जारी की गई थी। जांच में पाया गया कि 3 लाभार्थियों ने निर्माण कार्य शुरू ही नहीं किया। 1 लाभार्थी ने केवल नींव का निर्माण किया। 7 अन्य लाभार्थियों ने दीवारें तो बनाई लेकिन छत का काम अधूरा छोड़ दिया। यह गंभीर मामला था क्योंकि बिना स्थल निरीक्षण किए ही लाभार्थियों को किश्तें जारी कर दी गईं। डीएम ने जवाबदेही तय करने के आदेश दिए। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने बिना सत्यापन के किश्तें जारी कीं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। लाभार्थियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। सभी अधिकारियों को 10 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। भविष्य में पारदर्शिता पर जोर डीएम ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकारी धन का उपयोग सही ढंग से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे। इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी और पारदर्शिता बेहद जरूरी है।

Nov 26, 2024 - 20:05
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प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी पर डीएम सख्त:लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय, 10 दिन के अंदर मांगी रिपोर्ट
गोंडा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास निर्माण में लापरवाही और अनियमितताओं का मामला सामने आने पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कई लाभार्थियों ने पूरी धनराशि प्राप्त करने के बावजूद आवास निर्माण अधूरा छोड़ दिया था। पाण्डेय चौरा ग्राम पंचायत का मामला करनैलगंज विकासखंड के पाण्डेय चौरा ग्राम पंचायत में अनियमितताएँ सामने आईं, जहां 11 लाभार्थियों को पूरी धनराशि जारी की गई थी। जांच में पाया गया कि 3 लाभार्थियों ने निर्माण कार्य शुरू ही नहीं किया। 1 लाभार्थी ने केवल नींव का निर्माण किया। 7 अन्य लाभार्थियों ने दीवारें तो बनाई लेकिन छत का काम अधूरा छोड़ दिया। यह गंभीर मामला था क्योंकि बिना स्थल निरीक्षण किए ही लाभार्थियों को किश्तें जारी कर दी गईं। डीएम ने जवाबदेही तय करने के आदेश दिए। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने बिना सत्यापन के किश्तें जारी कीं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। लाभार्थियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। सभी अधिकारियों को 10 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। भविष्य में पारदर्शिता पर जोर डीएम ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकारी धन का उपयोग सही ढंग से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे। इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी और पारदर्शिता बेहद जरूरी है।

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