'बर्गर किंग' नाम के इस्तेमाल पर कोर्ट की रोक:पुणे के रेस्टोरेंट के खिलाफ फास्ट फूड कंपनी ने दी थी याचिका, 2011 से चल रहा मामला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अंतरिम आदेश में पुणे के एक रेस्टोरेंट को 'बर्गर किंग' नाम का इस्तेमाल करने से रोक दिया। यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक कि अमेरिका बेस्ड फर्म बर्गर किंग की ट्रेडमार्क उल्लंघन याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। जस्टिस ए.एस. चंदुरकर और राजेश पाटिल की बेंच ने कहा कि बर्गर किंग कॉर्पोरेशन की अपील पर सुनवाई जरूरी है। कोर्ट ने दोनों पार्टिज (बर्गर किंग और रेस्टोरेंट) को आदेश दिया कि वे अपील के निपटारे तक पिछले 10 सालों के ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड और टैक्स डॉक्यूमेंट पेश करने की तैयारी करें। बर्गर किंग के ट्रेडमार्क को लेकर पुणे के रेस्टोरेंट का मामला पहली बार 2011 में कोर्ट में पहुंचा था। पुणे के एक रेस्टोरेंट ने बर्गर किंग नाम का इस्तेमाल किया था, जिसे कंपनी ने अपनी ट्रेडमार्क का उल्लंघन बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी। कंपनी ने अगस्त में दायर की थी याचिका कंपनी ने इसी साल अगस्त में हाईकोर्ट में एक अपील दायर की थी, जिसमें पुणे की एक कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसी महीने पुणे की कोर्ट ने रेस्टोरेंट के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन के आरोप वाले मुकदमे को खारिज कर दिया था। बर्गर किंग कॉर्पोरेशन ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर पुणे के रेस्टोरेंट ओनर्स- अनहिता ईरानी और शापूर ईरानी से 'बर्गर किंग' नाम कोर्ट का फैसला आने तक इस्तेमाल ना करने की अपील की थी। अगस्त में शुरू हुई थी मामले की सुनवाई अगस्त में हाईकोर्ट ने कंपनी की ओर से फाइल अपील की सुनवाई शुरू की थी। तब हाईकोर्ट ने पुणे कोर्ट के 2012 के अंतरिम आदेश को एक्सटेंड कर दिया था जिसमें रेस्टोरेंट को 'बर्गर किंग' नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई थी। फास्ट-फूड कंपनी ने अपील में कहा कि पुणे के इस रेस्टोरेंट के समान नाम (बर्गर किंग) के चलते उसके रेवेन्यू सहित उसके नाम और रेप्युटेशन को नुकसान हो रहा है। 2011 में खारिज हो गई थी बर्गर किंग की याचिका इससे पहले 2011 में पुणे की कोर्ट ने बर्गर किंग की ओर से फाइल याचिका को खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि पुणे का यह स्टोर 1992 से ऑपरेट हो रहा है। जबकि इसके 22 साल बाद अमेरिकी कंपनी ने भारत में अपना पहला स्टोर शुरू किया था। बर्गर किंग के वकील ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया बर्गर किंग के वकील हिरेन कामोद ने पुणे कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि बर्गर किंग का भारत में 400 से ज्यादा रेस्टोरेंट हैं, जिनमें अकेले पुणें में 6 स्टोर्स हैं। ................. ट्रेडमार्क मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… इंदौर में कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन पर कोर्ट का फैसला:फूड प्रोडक्ट कंपनी के नाम से बन रहा था नकली उत्पाद, कोर्ट ने दिए कार्रवाई के निर्देश इंदौर शहर के एक फूड प्रोडक्ट का अन्य कंपनी द्वारा कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन पर दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने ऑर्डर जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जानकारी के मुताबिक राजशाही फूड प्रोडक्ट्स, इंदौर के द्वारा बनाए जा रहे मिष्ठान के कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के उल्लंघन के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने नकली माल बनाने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे। पूरी खबर पढ़ें…

Dec 2, 2024 - 17:40
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'बर्गर किंग' नाम के इस्तेमाल पर कोर्ट की रोक:पुणे के रेस्टोरेंट के खिलाफ फास्ट फूड कंपनी ने दी थी याचिका, 2011 से चल रहा मामला
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अंतरिम आदेश में पुणे के एक रेस्टोरेंट को 'बर्गर किंग' नाम का इस्तेमाल करने से रोक दिया। यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक कि अमेरिका बेस्ड फर्म बर्गर किंग की ट्रेडमार्क उल्लंघन याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। जस्टिस ए.एस. चंदुरकर और राजेश पाटिल की बेंच ने कहा कि बर्गर किंग कॉर्पोरेशन की अपील पर सुनवाई जरूरी है। कोर्ट ने दोनों पार्टिज (बर्गर किंग और रेस्टोरेंट) को आदेश दिया कि वे अपील के निपटारे तक पिछले 10 सालों के ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड और टैक्स डॉक्यूमेंट पेश करने की तैयारी करें। बर्गर किंग के ट्रेडमार्क को लेकर पुणे के रेस्टोरेंट का मामला पहली बार 2011 में कोर्ट में पहुंचा था। पुणे के एक रेस्टोरेंट ने बर्गर किंग नाम का इस्तेमाल किया था, जिसे कंपनी ने अपनी ट्रेडमार्क का उल्लंघन बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी। कंपनी ने अगस्त में दायर की थी याचिका कंपनी ने इसी साल अगस्त में हाईकोर्ट में एक अपील दायर की थी, जिसमें पुणे की एक कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसी महीने पुणे की कोर्ट ने रेस्टोरेंट के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन के आरोप वाले मुकदमे को खारिज कर दिया था। बर्गर किंग कॉर्पोरेशन ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर पुणे के रेस्टोरेंट ओनर्स- अनहिता ईरानी और शापूर ईरानी से 'बर्गर किंग' नाम कोर्ट का फैसला आने तक इस्तेमाल ना करने की अपील की थी। अगस्त में शुरू हुई थी मामले की सुनवाई अगस्त में हाईकोर्ट ने कंपनी की ओर से फाइल अपील की सुनवाई शुरू की थी। तब हाईकोर्ट ने पुणे कोर्ट के 2012 के अंतरिम आदेश को एक्सटेंड कर दिया था जिसमें रेस्टोरेंट को 'बर्गर किंग' नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई थी। फास्ट-फूड कंपनी ने अपील में कहा कि पुणे के इस रेस्टोरेंट के समान नाम (बर्गर किंग) के चलते उसके रेवेन्यू सहित उसके नाम और रेप्युटेशन को नुकसान हो रहा है। 2011 में खारिज हो गई थी बर्गर किंग की याचिका इससे पहले 2011 में पुणे की कोर्ट ने बर्गर किंग की ओर से फाइल याचिका को खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि पुणे का यह स्टोर 1992 से ऑपरेट हो रहा है। जबकि इसके 22 साल बाद अमेरिकी कंपनी ने भारत में अपना पहला स्टोर शुरू किया था। बर्गर किंग के वकील ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया बर्गर किंग के वकील हिरेन कामोद ने पुणे कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि बर्गर किंग का भारत में 400 से ज्यादा रेस्टोरेंट हैं, जिनमें अकेले पुणें में 6 स्टोर्स हैं। ................. ट्रेडमार्क मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… इंदौर में कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन पर कोर्ट का फैसला:फूड प्रोडक्ट कंपनी के नाम से बन रहा था नकली उत्पाद, कोर्ट ने दिए कार्रवाई के निर्देश इंदौर शहर के एक फूड प्रोडक्ट का अन्य कंपनी द्वारा कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन पर दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने ऑर्डर जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जानकारी के मुताबिक राजशाही फूड प्रोडक्ट्स, इंदौर के द्वारा बनाए जा रहे मिष्ठान के कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के उल्लंघन के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने नकली माल बनाने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे। पूरी खबर पढ़ें…

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