बलरामपुर के 12 गांव में 8घंटे गुल रही बिजली:जर्जर-पुराने तारों को बदलने के चलते बाधित, कटौती से लोग परेशान

बलरामपुर में विद्युत कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है। जिले के करीब 200 गांवों में बिजली आपूर्ति अनियमित हो चुकी है, जिससे घरेलू और व्यावसायिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। शनिवार को जिले के 12 गांवों में 8 घंटे तक बिजली बंद रही, जिससे लोगों को भारी असुविधा हुई। यह कटौती स्टीम पावर हाउस से निकलने वाले 11 केवीए पूर्वी और तुलसीपुर फीडर के पुराने व जर्जर तारों को बदलने के कारण हुई। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है और इसका स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गहराई समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अनियमितता आम हो गई है। कटौती और लो-वोल्टेज के कारण लोग पंखे, बल्ब और अन्य उपकरण तक नहीं चला पा रहे हैं। शहर में भी हालात बेहतर नहीं हैं। नगर क्षेत्र में भी घंटों बिजली गुल रहने से लोग परेशान हैं। शहर और गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित होने से पानी की आपूर्ति, छोटे उद्योग, और ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। 12 गांवों में 8 घंटे की बिजली कटौती शनिवार को स्टीम पावर हाउस से जुड़े 12 गांवों—जुवाथान, लुचुइया, तिलकपुर, फरेंदा, खखरेभारी, शेखडीह, सिसई, बेलहा, कटराशंकरनगर, रमईडीह, सहतूजोत चौराहा और देवरिया मुबारकपुर—में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली सप्लाई बंद रही। यह कटौती जर्जर तारों को बदलने और इंटरपोलिंग के कार्य के कारण हुई। अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड बलरामपुर बालकृष्ण ने बताया कि जेई जेपी पाल की निगरानी में यह काम किया गया। उन्होंने दावा किया कि जर्जर तार बदलने से गांवों में बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। लोगों की बढ़ती समस्याएं बिजली कटौती और लो-वोल्टेज से प्रभावित लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम में बिजली की कमी से हालात और खराब हो जाते हैं। छोटे व्यापारी और किसान भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर तार और पुरानी व्यवस्था को लेकर पहले भी शिकायतें की गईं, लेकिन बिजली विभाग द्वारा समाधान में देरी हुई है। स्थायी समाधान की जरूरत विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण जनपद में लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब देखना होगा कि जर्जर तारों को बदलने के बाद बिजली व्यवस्था में सुधार होता है या नहीं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों ने विद्युत विभाग से स्थायी समाधान की मांग की है।

Nov 24, 2024 - 09:50
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बलरामपुर के 12 गांव में 8घंटे गुल रही बिजली:जर्जर-पुराने तारों को बदलने के चलते बाधित, कटौती से लोग परेशान
बलरामपुर में विद्युत कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है। जिले के करीब 200 गांवों में बिजली आपूर्ति अनियमित हो चुकी है, जिससे घरेलू और व्यावसायिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। शनिवार को जिले के 12 गांवों में 8 घंटे तक बिजली बंद रही, जिससे लोगों को भारी असुविधा हुई। यह कटौती स्टीम पावर हाउस से निकलने वाले 11 केवीए पूर्वी और तुलसीपुर फीडर के पुराने व जर्जर तारों को बदलने के कारण हुई। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है और इसका स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गहराई समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अनियमितता आम हो गई है। कटौती और लो-वोल्टेज के कारण लोग पंखे, बल्ब और अन्य उपकरण तक नहीं चला पा रहे हैं। शहर में भी हालात बेहतर नहीं हैं। नगर क्षेत्र में भी घंटों बिजली गुल रहने से लोग परेशान हैं। शहर और गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित होने से पानी की आपूर्ति, छोटे उद्योग, और ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। 12 गांवों में 8 घंटे की बिजली कटौती शनिवार को स्टीम पावर हाउस से जुड़े 12 गांवों—जुवाथान, लुचुइया, तिलकपुर, फरेंदा, खखरेभारी, शेखडीह, सिसई, बेलहा, कटराशंकरनगर, रमईडीह, सहतूजोत चौराहा और देवरिया मुबारकपुर—में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली सप्लाई बंद रही। यह कटौती जर्जर तारों को बदलने और इंटरपोलिंग के कार्य के कारण हुई। अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड बलरामपुर बालकृष्ण ने बताया कि जेई जेपी पाल की निगरानी में यह काम किया गया। उन्होंने दावा किया कि जर्जर तार बदलने से गांवों में बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। लोगों की बढ़ती समस्याएं बिजली कटौती और लो-वोल्टेज से प्रभावित लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम में बिजली की कमी से हालात और खराब हो जाते हैं। छोटे व्यापारी और किसान भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर तार और पुरानी व्यवस्था को लेकर पहले भी शिकायतें की गईं, लेकिन बिजली विभाग द्वारा समाधान में देरी हुई है। स्थायी समाधान की जरूरत विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण जनपद में लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब देखना होगा कि जर्जर तारों को बदलने के बाद बिजली व्यवस्था में सुधार होता है या नहीं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों ने विद्युत विभाग से स्थायी समाधान की मांग की है।

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